सिविल अस्पताल में सफाई कर्मचारी लगा रहे मरीजों को टांके
डॉक्टरों व स्टाफ की लापरवाही के चलते अक्सर सुर्खियों में रहने वाले सिविल अस्पताल का एक नया कारनामा सामने आया है।
रजिदर कुमार, गुरदासपुर : डॉक्टरों व स्टाफ की लापरवाही के चलते अक्सर सुर्खियों में रहने वाले सिविल अस्पताल का एक नया कारनामा सामने आया है। इसके तहत अस्पताल में घायलों को डॉक्टरों या नर्सिंग स्टाफ की बजाय सफाई कर्मचारियों द्वारा टांके लगाए जा रहे हैं। इसके चलते किसी भी समय कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है व किसी की जान भी जा सकती है। लेकिन अधिकारी हैं कि लापरवाही में सुधार करने की बजाय उल्टा जवाब देकर अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं।
सिविल अस्पताल गुरदासपुर लंबे समय से आए दिन विवादों में रहता है। डॉक्टरों का आपसी झगड़ा हो या डॉक्टरों और स्टाफ द्वारा अस्पताल में आने वाले मरीजों से अभद्र व्यवहार का किसी न किसी बात को लेकर अस्पताल में विवाद की स्थिति बनी ही रहती है। कुछ समय पहले हलका विधायक बरिदरमीत सिंह पाहड़ा ने रात के समय एक एक्सीडेंट में घायल को अस्पताल पहुंचाने के लिए लंबे समय तक एंबुलेंस को फोन करने के बाद जब एंबुलेंस नहीं आई तो खुद अस्पताल पहुंचाया तो डॉक्टरों की लापरवाही का मामला सामने आया था। इसके बाद सिविल सर्जन ने कार्यप्रणाली में सुधार लाने का विश्वास दिलाया था लेकिन फिलहाल ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है। मरीजों की जान से खेल रहे सफाई कर्मचारी
सिविल अस्पताल में गंभीर रूप से घायल मरीजों की जान से सफाई कर्मचारी खेल रहे हैं जबकि डॉक्टरों व नर्सिंग स्टाफ अपनी डयूटी निभाने में ईमानदारी नहीं दिखा रहा है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण सिविल अस्पताल में आने वाले घायल मरीजों को सफाई कर्मचारियों द्वारा टांके लगाए जाने की बात से मिलता है। हैरानी की बात है कि जिस समय सफाई कर्मचारियों द्वारा मरीजों की टांके लगाए जाते हैं उस समय डॉक्टर या नर्सिंग स्टाफ उनके पास मौजूद नहीं होते हैं। ड्यूटी के समय करें बात
एसएमओ डॉ. चेतना ने कहा कि कोई उचित कदम उठाने की बजाय लापरवाही भरे लहजे में कहा कि मेरे से बात करनी है तो ड्यूटी के समय ही करें। हैरानी की बात यह है कि सिविल अस्पताल का चार्ज एसएमओ के हाथों में ही होता है। लेकिन वह अपनी डयूटी केवल नौ से दो बजे तक ही मानती है। सिविल सर्जन बोले-होगी कार्रवाई
जब मामला सिविल सर्जन डॉ. किशन चंद के ध्यान में लाया तो उन्होंने कहा कि अगर अस्पताल में सफाई कर्मचारियों द्वारा मरीजों की टांके लगाए जा रहे हैं यह सरासर गलत है। इसके अलावा अगर एसएमओ का अगर यह कहना है कि मेरे से डूयटी समय ही बात करें तो उक्त दोनों मामलों की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।