पंजाब पुलिस ने देश की अंदरुनी व बाहरी सुरक्षा के लिए दी बड़ी कुर्बानियां
देश की खातिर शहादत का जाम पीने वाले पुलिस जवानों की खातिर ही आज हम आजादी की सांस ले रहे हैं। इनकी बदौलत ही देश में अमन-शांति व खुशहाली बरकरार है।
संवाद सहयोगी, गुरदासपुर : देश की खातिर शहादत का जाम पीने वाले पुलिस जवानों की खातिर ही आज हम आजादी की सांस ले रहे हैं। इनकी बदौलत ही देश में अमन-शांति व खुशहाली बरकरार है। उक्त विचार एसएसपी स्वर्णदीप सिंह ने पुलिस लाइन में जिला स्तरीय पुलिस शहीदी दिवस को समर्पित करवाए गए शहीदी समारोह के दौरान व्यक्त किए। उनके साथ अतिरिक्त जिला सेशन जज जतिदरपाल सिंह खुर्मी, एसडीएम गुरदासपुर सकत्तर सिंह बल्ल, एसपी (डी) हरविदर सिंह संधू, एसपी (हैड क्वार्टर) नवजोत सिंह सिद्ध व शहीद के परिवार व पंजाब पुलिस के पूर्व अधिकारी भी उपस्थित थे।
एसएसपी स्वर्णदीप सिंह ने कहा कि पंजाब पुलिस का इतिहास गौरवमयी रहा है, जिसने देश की अंदरुनी व बाहरी सुरक्षा के लिए हमेशा आगे होकर कुर्बानियां दी। पंजाब में जब आतंकवाद के काले बादलों का दौर चल रहा था तो पुलिस के जवानों व अधिकारियों ने शहादत का जाम पीकर देश में अमन-शांति कायम रखी। उन्होंने कहा कि आज के समारोह में हमारी सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि शहीद हुए परिवारों के दुख-सुख में शामिल हों और उनकी मुश्किलों का समाधान करें। अपनी ड्यूटी पूरी मेहनत, लगन व तनदेही से निभाएं। पंजाब पुलिस हमेशा इन परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलकर खड़ी है और शहीद परिवारों की मुश्किलें पहल के आधार पर समाधान की जाएंगी। गुरदासपुर जिले के शहीद परिवारों के लिए उनके कार्यालय 24 घंटे खुले है और वह जब चाहे उनके साथ अपना दुख-तकलीफ सांझा कर सकते है।
उन्होंने आज के दिन का इतिहास बताते हुए बताया कि 21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख के होम स्प्रिंग क्षेत्र में सीआरपीएफ व इंटेलीजेंट ब्यूरो की संयुक्त पैट्रोलिग पार्टी भारत-चीन की सीमा पर गश्त कर रही थी। इस पार्टी में करीब दस जवान भी शामिल थे। चीनी सैनिकों ने हमला कर दिया। मगर इन जवानों ने बड़ी ही बहादुरी से दुश्मनों का मुंहतोड़ जवाब दिया और अपनी मातृ भूमि में दाखिल नहीं होने दिया। इसकी चलते इस दिन को आज पूरे भारत में पुलिस शहीदी दिवस मनाया जाता है। इसका आगाज 1960 में किया गया। इससे पहले पंजाब पुलिस के जवानों ने शहीदों को सलामी दी। जबकि समारोह में पहुंची हस्तियों ने शहीदी स्मारक पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके बाद एसपी नवजोत सिंह सिद्धू ने शहीद हुए जवानों व अधिकारियों के नाम पढ़कर सुनाए। शहीद हुए जवानों के परिवारिक सदस्यों को सम्मानित करने के बाद उनकी मुश्किलों को सुना गया व मौके पर समाधान किया गया। इस अवसर पर पूर्व डीएसपी अवतार सिंह व अन्य उपस्थित थे।