शहादत के बाद खूब किए वादे, समय गुजरा तो भूल गई सरकार, न दी नौकरी न बनी यादगार
पंजाब सरकार ने पुलवामा में शहीद हुए मनिंदर सिंह के परिवार से खूब वादे किए लेकिन समय के साथ भूल गई। वादा करने के बावजूद सरकार ने भाई को नाैकरी नहीं दी है और यादगार भी नहीं बनाई।
गुरदासपुर, [सुनील थानेवालिया]। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में फरवरी 2019 को आतंकियों के हमले में शहीद हुए दीनानगर के जवान शहीद मनिंदर सिंह के परिवार से किए वादे पंजाब सरकार भूल गई है। मनिंदर की शहादत के बाद सरकार ने खूब वादे किए, लेकिन समय गुजरने के साथ ही भूल गई। भाई को नौकरी देने के साथ यह भी वादा किया था कि गांव के स्कूल का नाम शहीद मनिंदर के नाम पर रखा जाएगा। शहर में यादगारी गेट भी बनेगा लेकिन इनमें से एक भी वादा पूरा नहीं हुआ।
शहीद मनिंदर के पिता तीन बार गए सीएम से मिलने, नहीं करवाई गई मुलाकात 'शहादत का अपमान
सतपाल सिंह अत्री ने पत्नी का निधन होने के बाद दोनों बेटों मनिंदर सिंह और लखवीश सिंह को देश की सेवा के लिए सीआरपीएफ में भर्ती करवाया। मनिंदर सिंह की शादी भी नहीं हुई थी कि वह देश के लिए कुर्बान हो गया। लखवीश सिंह ने बताया कि उसकी दोनों बहनों की शादी हो चुकी है। बुजुर्ग पिता घर में अकेले रहते हैं।
भाई बोला- 72 वर्षीय पिता की देखभाल के लिए घर में कोई नहीं, इसलिए किया सरकार पर विश्वास
लखवीश सिंह ने बताया कि बड़े भाई मनिंदर की शहादत के बाद जुलाई में पिता बीमार पड़ गए। उस समय वह सीआरपीएफ की 13 बटालियन में फतेहगढ़ साहिब में तैनात था। सरकार और मंत्री अरुणा चौधरी के भरोसे पर 72 साल के बूढ़े पिता की देखभाल के लिए उसने 15 जुलाई 2019 को सीआरपीएफ की सेवाएं छोड़ दीं।
सरकार के भरोसे पर भाई ने छोड़ी सीआरपीएफ की सेवाएं, अब बेरोजगार
लखवीश कहते हैं कि छह महीने से वह घर पर लेकिन नौकरी नहीं दी गई। उसने घर के पास गुरदासपुर में नौकरी के लिए मुख्यमंत्री, डीसी सहित कई अधिकारियों को भी कई बार पत्र लिख चुका है, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। पिता सतपाल अत्री ने बताया कि सरकार को किया वादा याद करवाने के लिए वह तीन बार मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिलने चंडीगढ़ जा चुके हैं। एक भी बार उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री से नहीं करवाई गई। उन्होंने कहा कि सरकार शहादत का अपमान न करे।
बहन ने बोली, शहादत का अपमान न करे सरकार
बेटे को नौकरी देकर वादा पूरा करे। बहन लवली का कहना है कि सरकार भाई मनिंदर की शहादत का अपमान कर रही है। बड़े-बड़े वादे करने के बाद भूल गई है।
सरकार नहीं पूरी कर रही फरियाद पर लोगों ने रखा याद
बेशक सरकार शहीद परिवारों से किया वादा पूरा नहीं कर रही लेकिन लोगों ने याद रखा। संस्था खालसा एड ने पुलवामा हमले में शहीद हुए पंजाब के चारों शहीदों के परिवारों को पांच-पांच हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन लगाई है। यह पेंशन लगातार परिवारों को मिल रही है।
अमिताभ बच्चन ने भी भेजी थी पांच लाख की मदद
पिता सतपाल अत्री ने बताया कि केंद्र सरकार और अन्य कई संस्थाओं ने उनको आर्थिक मदद दी है। बालीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन ने भी उन्हें पांच लाख रुपये की मदद भेजी है लेकिन पंजाब सरकार के वादे पर भरोसा कर दूसरा बेटा अब नौकरी के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है।
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सरकार को भेजी है फाइल : डीसी
गुरदासपुर डीसी विपुल उज्ज्वल का कहना है कि मुख्यमंत्री ने खुद नौकरी देने के लिए पत्र लिखा था। लखवीश के केस की फाइल बनाकर सरकार को भेजी गई है। आगे की प्रक्रिया सरकार को करनी है। सरकार की ओर से आर्थिक सहायता परिवार को दे दी गई है।
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सरकार के ध्यान में मामला : अरुणा चौधरी
कैबिनेट मंत्री अरुणा चौधरी का कहना है कि शहीद के भाई का केस सरकार के ध्यान में है। प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही सरकार वादा पूरा करेगी।