डीजीपी ने बार्डर एरिया के अधिकारियों को तालमेल बढ़ाने और खुफिया तंत्र को मजबूत करने के निर्देश दिए
जम्मू कश्मीर में ड्रोन के हमले के बाद राज्य सरकार ने अलर्ट जारी किया है।
जागरण संवाददाता, गुरदासपुर : जम्मू कश्मीर में ड्रोन के हमले के बाद राज्य सरकार ने अलर्ट जारी किया है। इसे लेकर डीजीपी दिनकर गुप्ता मंगलवार को गुरदासपुर में पहुंचे। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बीएसएफ, इंटेलिजेंस, एडीजीपी आंतरिक सुरक्षा आर एन ढोंके, आइजी एसपीएस परमार सहित बटाला, गुरदासपुर व पठानकोट के एसएसपी के साथ बैठक की। इस दौरान डीजीपी ने बार्डर एरिया के बीएसएफ और पुलिस के अधिकारियों को तालमेल बढ़ाने और खुफिया तंत्र को दोबारा से मजबूत करने के निर्देश दिए।
डीजीपी ने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से लगातार ड्रोन हमले किए जा रहे हैं, जिन्हें किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत-पाक बार्डर पर ड्रोन की गतिविधि से एक नए खतरे आशंका है, जिसे रोकना जरूरी है। उन्होंने बताया कि 2019 में पहली बार ड्रोन के माध्यम से हथियारों की तस्करी का मामला सामने आया था। पंजाब की सुरक्षा एजेंसी में पुलिस ने पाकिस्तान के इन मासूमों को सफल नहीं होने दिया और हत्यारों को बरामद कर लिया था। गत अगर 20 महीनों की बात की जाए तो 60 से अधिक बार ड्रोन की गतिविधियां बार्डर एरिया में देखने को मिली है। डीजीपी ने बताया कि ड्रोन के माध्यम से एयरपोर्ट पर हमले के मद्देनजर इस बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में आठ कमांडेंट हुए शामिल
डीजीपी की बैठक में तीन एसएसपी सहित करीब आठ कमांडेंट अधिकारी शामिल रहे। बटाला के एसएसपी रछपाल सिंह, गुरदासपुर के एसएसपी नानक सिह, पठानकोट के एसएसपी सुरेंद्र लांबा, एआइजी ओपिदरजीत सिंह घुम्मण, डीजी बीएसएफ प्रभाकर जोशी सहित बड़े अधिकारी मौजूद थे। डीजीपी ने कहा कि संदिग्ध व्यक्तियों की गतिविधियों को नोट करके स्काइनपुट बनाकर पंजाब पुलिस के साथ साझा किया जाए। उन्होंने गुरदासपुर, बटाला और पठानकोट के एसएसपी को आदेश दिए हैं कि गांव स्तर पर लोगों के साथ तालमेल बैठाया जाए। इसके लिए डीएसपी स्तर के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाए। डीजीपी ने तीनों एसएसपी को साफ किया है कि दिन की तरह ही रात के समय में भी नाके तेज किए जाएं। इसी के साथ में जमानत पर रिहा होने वाले भगोड़ों पर भी खास नजर रखी जाए।