छह छात्राओं को दो साल बाद मिला इंसाफ एक को 18, दूसरे को 15 साल की कैद
गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक में छह छात्राओं पर एसिड फेंकने वाले दो दोषियों को 18 साल व 15 साल की सजा सुनाई गई है। दो साल बाद सभी को इंसाफ मिला है।
-डेरा बाबा नानक में स्कूल से लौट रही छात्राओं पर फेंका गया था एसिड, तेजाब बेचने वाला दुकानदार बरी
जागरण संवाददाता, गुरदासपुर
डेरा बाबा नानक में छह छात्राओं पर फेंके गए एसिड अटैक मामले दो साल बाद आखिर कोर्ट ने पीड़िताओं को इंसाफ दे दिया। बुधवार को गुरदासपुर के एडिशनल सेशन जज गुरजंट ¨सह की अदालत ने दोषी साजन मसीह व उसके साथी लवप्रीत सिंह को 326ए के तहत 15 साल-15 साल की सजा व एक-एक लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। मुख्य दोषी साजन को धारा और 354 के तहत तीन साल की अतिरिक्त सजा सुनाई गई है। उसे दोनों सजाएं अलग-अलग भुगतनी होगी। इस मामले में तीसरे आरोपित तेजाब बेचने वाले दुकानदार संतोष कुमार को को कोर्ट ने बरी कर दिया। पीड़ितों के वकील विनोद बासा ने बताया कि साजन को कुल 18 साल की सजा काटनी होगी। इस सजा के साथ मुख्य पीड़िता प्रभजोत कौर के साथ अन्य पीड़िताओं ने कहा कि वे यहीं चाहती थी कि इन पापियों को फांसी न देकर सारी उम्र जेल में रखा जाए, ताकि उनको पता चल सके कि कैसे उसने दो साल बंद कमरे में गुजारे हैं।
क्या है मामला
16 मार्च 2016 को साजन और लवप्रीत ने डेरा बाबा नानक के सरकारी सीसे स्कूल ¨सघपुरा लौट रही छह छात्राओं पर तेजाब फेंका था। उन्होंने तेजाब तो आठवीं की छात्रा मनप्रीत कौर पर फेंकना था, लेकिन हादसे में सबसे ज्यादा प्रभावित प्रभजोत कौर हुई। उन दोनों के अलावा हर्षदीप कौर, आशा मसीह, सुखमनदीप कौर, गगनदीप कौर का शरीर भी झुलसा। सभी सहेलियां पेपर देकर लौट रहीं थी। घटना के बाद दुकानदार संतोख ¨सह व दोनों आरोपितों के खिलाफ आइपीसी की धारा 326ए, 354 के तहत मामला दर्ज किया था।
दो दिन से टल रहा था फैसला, पांच मिनट में सुनाई सजा
करीब 23 माह तक चले केस में सोमवार को मामले की आखिरी सुनवाई हो चुकी थी। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख उसे अगले दिन तक टाला था, लेकिन मंगलवार को दूसरा आरोपित लवप्रीत पेश नहीं हुआ तो फैसला एक दिन और लेट हो गया। बुधवार को 12 बजे के करीब आरोपितों को अदालत में लाया गया। पीड़ित भी कुछ ही देर बाद जज गुरजंट ¨सह की अदालत के बाहर पहुंच गए। कोर्ट ने तीनों आरोपितों को 2.05 पर अंदर बुलाया गया। दो मिनट बाद उनको बाहर भेज पीड़ितों को अंदर बुलाया गया। 2.10 पर पीड़ितों ने बाहर आकर बताया कि जज साहिब ने इंसाफ कर दिया है।
केस रफा-दफा करने के लिए थी 15 लाख की थी ऑफर
पीड़ितों के वकील विनोद बासा ने बताया कि मामले को रफा-दफा करने के लिए कई प्रयास किए गए। 15 लाख रुपये की रिश्वत की ऑफर भी हुई। पर बहादुर लड़कियों ने अहम मुद्दा होने के चलते इस लड़ाई को लड़ा। वे लोग दुकानदार को सजा दिलाने के लिए हाईकोर्ट जाएंगे।
दीवार से लगकर रोए दोषी, कहा-गलती हुई
सजा मिलने के बाद बाहर आकर दोनों दोषियों साजन व लवप्रीत ने कहा कि उनसे बहुत बड़ी गलती हो गई। उसके बाद वे वह कोर्ट परिसर में ही दीवार से लगकर फूट-फूटकर रोने लगे।
पापियों को पता चलेगा कि उसने दो साल बंद कमरे में कैसे गुजारे
2.10 पर कोर्ट रूम से बाहर आकर मुख्य पीड़िता प्रभजोत कौर बाकी सहेलियों के साथ हाथ जोड़कर भगवान का शुक्र मनाने लगी। उनके चेहरों पर खुशी के साथ-साथ आंखों में आंसू थे। प्रभजोत कौर ने कहा कि आज उसके दिल को तसल्ली मिल गई। जैसा वह चाहती थी, जज साहिब ने वैसा ही किया। मैं चाहती थी कि आरोपित जिंदा रहें, लेकिन सारी उम्र जेल में। अब इनको पता लगेगा कि हमने कैसा दर्द झेला है। बाकियों को भी इससे सबक मिलेगा। मेरी सरकार से बस गुजारिश है कि एसिड की बिक्री पर पक्के तौर पर पाबंदी लगे ताकि कोई किसी की जिंदगी न खराब कर सके।
(गुरदासपुर कोर्ट रूम के बाहर से लाइव)