धार्मि स्थानों में उमड़े श्रद्धालु, सरोवर में स्नान कर श्रद्धालु हुए नतमस्तक
मकर संक्रांति के पर्व पर शहर के विभिन्न मंदिरों और गुरुद्वारों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा।
संवाद सूत्र, बटाला : मकर संक्रांति के पर्व पर शहर के विभिन्न मंदिरों और गुरुद्वारों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। आस्था के अनुरूप श्रद्धालु धार्मिक स्थलों पर बने सरोवर में आस्था की डूबकी लगाकर भगवान के आगे नतमस्तक हुए।
शहर के प्रसिद्ध और ऐतिहासिक स्थलों में गुरुद्वारा श्री कंध साहब, श्री डेरा साहब गुरुद्वारा, श्री सतकरतारिया गुरुद्वारा, सिद्ध पीठ मां काली द्वारा मंदिर, प्राचीन मंदिर श्री राधा कृष्ण, ओहरी चौक में स्थित शिवालय मंदिर, धीरा मोहल्ला में स्थित श्री रामतलाई मंदिर तथा ऐतिहासिक मंदिर श्री अचलेश्वर धाम में श्रद्धालु भगवान के चरणों में नतमस्तक हुए। इन धार्मिक स्थलों पर संगत और श्रद्धालुओं का सुबह पांच बजे तांता लगाना शुरू हो गया। मकर संक्राति का धार्मिक लिहाज से काफी महत्व माना जाता है। विद्वानों में लिखा है कि इस दिन धार्मिक स्थलों में माथा टेकने से मनुष्य के हर दुख दर्द दूर हो जाते हैं। इसलिए लोगों की इस तयौहार को लेकर उनकी आस्था जुड़ी है। आज के दिन श्रद्धालुओं ने सरोवर में स्नान भी किया। कई जगह धर्मिक संस्थाओं ने संगत के लिए लंगर का भी आयोजन किया था। उसमें कई तरह के पकवान को वितरित किया गया। मकर संक्रांति का महत्व
श्री राम तलाई मंदिर के महंत गुड्डू बाबा ने बताया कि मकर संक्रांति के अवसर पर सूर्य भगवान धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। मकर राशि में प्रवेश करने के बाद सूर्य उत्तरायण में प्रवेश कर जाता है। इसलिए इस दिन को अति उत्तम माना जाता है। इस अवसर पर दान देना और जप करना हजारों गुणा फल के रूप में मिलता है। वेदों में वर्णित कथा के अनुसार उत्तरायण में शरीर त्यागने वाला व्यक्ति जन्म मरण के चक्कर से छूटकर स्वर्गलोक को प्राप्त होता है।