बच्चों में ऑनलाइन पढ़ाई का बढ़ता रुझान खतरे की घंटी
ऑनलाइन पढ़ाई बचों के लिए किस कदर घातक सिद्ध हो रही है इसका अध्ययन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस की ओर से किया गया है।
बाल कृष्ण कालिया गुरदासपुर
ऑनलाइन पढ़ाई बच्चों के लिए किस कदर घातक सिद्ध हो रही है इसका अध्ययन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस की ओर से किया गया है। इसमें इंस्टीट्यूट ने रिसर्च किया है कि मोबाइल फोन और लैपटॉप आदि के प्रयोग से बच्चों के दिमाग पर गहरा असर होता है। उन्होंने ऑनलाइन पढ़ाई संबंधी सरकारों को भी अवगत करवा दिया है।
बता दें कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी फैलने के बाद से ही देशभर में ऑनलाइन पढ़ाई पर जोर दिया जाने लगा है। इसके दुष्प्रभाव सामने आने शुरू हो चुके हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ ने इस पर अध्ययन करके सरकारों को यह चेताया है कि बच्चों में अगर ऑनलाइन परीक्षाओं का रुझान बढ़ा तो उनके दिमाग पर इसका गहरा असर हो सकता है। हालांकि इस मामले संबंधी इंस्टीट्यूट पहले ही ऑनलाइन परीक्षा के पक्ष में नहीं है। बता दे के गुरदासपुर जिले में भी इन दिनों बच्चे अपने अभिभावकों का मोबाइल फोन लेकर ऑनलाइन पढ़ाई के बहाने कई घंटों तक मोबाइल फोन के साथ चिपके रहते हैं, जो आंखों के साथ-साथ दिमाग पर भी कई प्रकार का स्ट्रेस दे रहा है। गुरदासपुर सिविल अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जीएन सिंह के मुताबिक अधिक मोबाइल फोन के प्रयोग से आंखों में ड्राइनेस आती है जबकि लगातार मोबाइल फोन देखने से आंखों की रोशनी पर भी असर होता है।
मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर वरिदर मोहन का कहना है कि मोबाइल फोन के अधिक प्रयोग से बच्चे हिसक होते हैं। पढ़ाई के साथ-साथ वह लोग चोरी चुपे मोबाइल फोन में गेम खेलने का कार्य भी कर लेते हैं। अगर बच्चों से मोबाइल फोन छीना जाए तो वे हिसक होते हैं ऐसा सब कुछ मानसिक स्थिति पर असर पैदा करता है। अभिभावक बोले-बच्चों की सेहत में आ रही हैं समस्याएं
गुरदासपुर पैरेंट्स एसोसिएशन के सदस्य शिवनंदन शर्मा, रोहित, रविदर कुमार, प्रवीण कुमार आदि लोगों का कहना है कि भले ही ऑनलाइन पढ़ाई के माध्यम से हम अपने बच्चों को व्यस्त रखने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों की सेहत पर भी गहरा असर हो रहा है। एक ही जगह पर बैठे-बैठे बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। इससे उनमें मोटापा मोबाइल फोन के प्रयोग से आंखों की शिकायत, अधिक समय पर फोन देखने से सिर में दर्द, आदि की शिकायतें अधिक सामने आ रही हैं। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल जाने से बच्चों में फिजिकल कसरत पूरी होती थी।