निकासी नालों और सीवरेज की नहीं हुई सफाई, बरसात में आएगी आफत
देश कोरोना के कारण लॉकडाउन की स्थिति से गुजर रहा है।
राजिदर कुमार, गुरदासपुर
देश कोरोना के कारण लॉकडाउन की स्थिति से गुजर रहा है। उधर, मौसम विभाग के अनुसार इस बार मानसून सही समय पर दस्तक दे सकता है। मानसून के मौसम दौरान हर साल पानी की निकासी की समस्या से जिले के लोगों को जूझना पड़ता है। हर साल की तरह इस बार भी संबंधित विभाग के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि मानसून के मौसम के शुरू होने से पहले ही निकासी नालों और ड्रेनों की सफाई का काम मुकम्मल कर लिया जाएगा। हैरानी की बात तो यह है कि अभी तक जिले के अधिकतर हिस्सों में निकासी नालों की सफाई का काम शुरू नहीं हो पाया है।
नगर कौंसिल और ड्रेनज विभाग की यह बड़ी लापरवाही हर साल की तरह लोगों पर आफत बनकर टूटेगी। वहीं पानी की निकासी की समस्या के कारण पिछले साल बरसात ने जिले की कई सड़कें तोड़ दी थीं, जो आज भी टूटी हुई है। उसकी मुरम्मत का काम नहीं शुरू हो पाया। इसका मुख्य कारण शहरी क्षेत्रों में सीवरेज की समस्या है। सीवरेज की पाइपों की सफाई न होने के कारण पानी सड़कों पर जमा हो जाता है। इस कारण सड़कें टूटने से करोड़ों की पब्लिक मनी का नुकसान हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में छप्पड़ों की सफाई का काम भी अभी तक नहीं शुरू हो पाया है। इस कारण ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की निकासी को लेकर मानसून के मौसम में बड़ी समस्या उत्पन्न होगी। जिले के विभिन्न हिस्सों में निकासी नालों गुरदासपुर तिब्बड़ी रोड, मेहर चंद रोड गुरदासपुर, बटाला रोड गुरदासपुर, हंसली पुल बटाला, रणीयां ड्रेन धारीवाल, मजीठा रोड फतेहगढ़ चूडि़यां, संगतपुरा रोड फतेहगढ़ चूड़ियां, अवांखा ड्रेन दीनानगर,वाल्मीकि मोहल्ला कादियां, अहमदिया मोहल्ला कादियां, निकासी नाला कलानौर, नॉमनी नाला दोरांगला, डेरा बाबा नानक ड्रेन की सफाई का अभी तक काम नहीं शुरू हो पाया। हालांकि संबंधित विभाग के अधिकारियों का दावा है कि आने वाले कुछ दिनों में काम शुरू कर दिया जाएगा। लेकिन मौका का जायजा लेने पर पाया गया कि अभी तक सफाई का काम शुरू ही नहीं पो पाया। इन्हीं निकासी नालों व ड्रेनों के कारण हर साल बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। हैरानी की बात तो यह है कि उक्त निकासी नालों व ड्रेनों की पिछले पांच सालों से सफाई ही नहीं करवाई गई। इतने किलोमीटर में बिछी सीवरेज लाइन
गुरदासपुर में 125 व बटाला में 132 किलोमीटर में सीवरेज लाइन बिछी हुई है। सीवरेज स्ट्राम के अभी तक कोई प्रबंध नहीं किए गए हैं। सीवरेज की सफाई का काम फिलहाल शुरू नहीं करवाया गया है। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि एक सप्ताह के भीतर ही काम शुरू कर दिया जाएगा। मानसून से पहले काम खत्म करना चुनौती
कर्फ्यू से पहले जिला गुरदासपुर में दीनानगर बाइपास, गुरदासपुर गालहड़ी रोड, बटाला हंसली पुल के पास, कलानौर रोड गांव जौड़ा, कलानौर-बटाला मार्ग पर सीवरेज डालने का काम शुरू किया गया था। सड़कों को खोदा गया, लेकिन बाद में कर्फ्यू लगने के चलते दो महीने काम पूरी तरह से बंद रहा। अब फिर से काम तो शुरू हो गया है, लेकिन मानसून से पहले काम खत्म कर पाना सीवरेज विभाग के लिए एक चुनौती है,क्योंकि अभी तो काम की शुरुआत की गई है। बरसात के बाद टूटी सड़कों को नहीं हुई मरम्मत
जिले के विभिन्न हिस्सों में मानसून के मौसम दौरान गत कई सालों से टूटी सड़कों की अभी भी मुरम्मत नहीं हुई। इस कारण सड़कों में बड़े-बड़े गहरे गड्ढे पड़ गए हैं। इनमें प्रमुख रूप से बहरामपुर मार्ग, कलानौर-बटाला मार्ग, गुरदासपुर से गाहलड़ी रोड, गांव फज्जूपुर मार्ग, समाध रोड, सर्कुलर रोड, सिनेमा रोड, श्री राम तलाई रोड, बोली इंद्रजीत रोड, डिलक्स पुली फैजपुरा रोड, धीर रोड, काहनूवान रोड, मलावे दी कोठी, अलीवाल रोड, खतीब रोड, चंद्र नगर से दाना मंडी तक की रोड, लोहा मंडी रोड, नेहरू गेट से सिनेमा रोड, श्री हरगोबिदपुर रोड पर आज भी गहरे गड्ढे मुंह खोलकर बैठे हैं। अधिकारियों का दावा-दस दिन में खत्म कर देंगे काम
सीवरेज बोर्ड के एसडीओ गुरजिंदर सिंह ने कहा कि सीवरेज की समस्या को खत्म करने के लिए क्षेत्र में काम चल रहा है। यह काम 2021 में 31 मार्च तक मुकम्मल कर लिया जाएगा। इस काम के पूर्ण होने पर फिर कभी भी पानी की निकासी की समस्या नहीं उत्पन्न होगी। गुरदासपुर नगर कौंसिल के ईओ अनिल कुमार का कहना है कि निकासी नालों की सफाई का काम एक दो दिन में शुरू कर दिया जाएगा। दस दिन में सफाई का काम मुकम्मल कर लिया जाएगा। बटाला के सेनेटरी इंस्पेक्टर निर्मल सिंह का कहना है कि बटाला के हंसली पुल का काम 31 मई तक मुकम्मल करने का समय निर्धारित किया गया था, लेकिन कर्फ्यू के कारण यह काम अधर में लटक गया। अब काम शुरू कर दिया गया है। कोट्स
संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। उन्हें मानसून से पहले सभी कार्य मुकम्मल करने दे निर्देश देंगे।
-मोहम्मद इशफाक, डीसी।