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ड्रैगन के फंदे में फंसी 'शांति दूत' की जान

चाइनीज डोर में उलझे कबूतर को बचाने के लिए पक्षी प्रेमियों के इतनी ठंड में भी पसीने छूट गए

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 04:46 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 04:46 PM (IST)
ड्रैगन के फंदे में फंसी 'शांति दूत' की जान

संवाद सूत्र, बटाला :

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चाइनीज डोर में उलझे शांति के प्रतीक समझे जाने वाले कबूतर को बचाने के लिए पक्षी प्रेमियों के इतनी ठंड में भी पसीने छूट गए। मामला शहर की पाश कालोनी गणपति एनक्लेव का बताया जा रहा है। यहां एक ऊंचे पेड़ पर लटक रही ड्रैगन डोर में फंस कर कबूतर रात भर लटकता हुआ तड़पता रहा। सुबह जब कालोनी निवासियों की नजर बुरी तरह से जख्मी हो चुके कबूतर पर पड़ी तो ,राहगीरों की मदद से उसे बचाया गया। इसी दौरान आसमां पर कबूतरों तथा कौवों का झुंड मंडराता रहा। लगभग एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद कबूतर को ड्रैगन के फंदे से छुटकारा दिलवाकर उसके जख्मों पर मरहम लगाया गया।

पिछले साल ड्रैगन डोर से जा चुकी है बाइक सवार की जान

उल्लेखनीय है कि केंद्र और पंजाब सरकार की चाइनीज डोर पर पाबंदी के बावजूद केवल बटाला शहर में ही प्रशासन की कथित मिलीभगत से हर वर्ष सीजन में करोड़ों रुपए की इस खतरनाक डोर का कारोबार होता है। इसका खामियाजा बेजुबान पक्षियों, बच्चों तथा दो पहिया वाहन चालकों को भुगतना पड़ता है। पिछले वर्ष ही जम्मू निवासी एक मोटरसाइकिल सवार की गले में चाइनीज डोर लिपटने से अमृतसर-बटाला बाईपास पर दर्दनाक मौत हो गई थी।

लोगों ने नहीं सीखा सबक

ड्रैगन डोर से आए दिन हो रहे हादसों के बावजूद शहर वासियों ने इससे कोई सबक नहीं सीखा। अधिकतर चाइनीज डोर के विरोध में प्रदर्शन करने वाले समाजसेवी संस्थाओं के सदस्य और स्कूलों के विद्यार्थी लोहड़ी तथा बसंत पंचमी को पतंग उड़ाने के लिए धड़ल्ले से चाइनीज डोर का इस्तेमाल करते देखे जाते हैं ।


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