बेटा बोला-मैं भी बनूंगा सैनिक, बेटी नेवी में सिलेक्ट
वायुसेना की नंबर-3 एयर स्क्वाड्रन एनसीसी यूनिट पटियाला के ग्रुप कैप्टन जीएस सीमा का सैन्य सम्मान के साथ बुधवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया।
बाल कृष्ण कालिया, गुरदासपुर
वायुसेना की नंबर-3 एयर स्क्वाड्रन एनसीसी यूनिट पटियाला के ग्रुप कैप्टन जीएस सीमा का सैन्य सम्मान के साथ बुधवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। दो दिन पहले पटियाला में एनसीसी कैडेटों को जहाज उड़ाने का प्रशिक्षण देते हुए एयरक्राफ्ट क्रैश होने से वे शहीद हो गए थे। उनकी पार्थिव देह को मंगलवार देर शाम गांव आलोवाल लाई गई थी।
शहीद की पार्थिव देह को वायुसेना के जवान जब श्मशानघाट ले जाने लगे तो कल तक पत्थर की मूरत बनी उनकी मां सर्वजीत कौर और पत्नी नवनीत कौर की करुणामयी चीखें पत्थरों का कलेजा भी छलनी कर रही थीं। ग्रुप कैप्टन जीएस चीमा के बेटे भवगुरनीत सिंह ने कहा कि उन्हें अपने पापा की शहादत पर गर्व है। वह खुद भी एक सैनिक बनकर देश सेवा को प्राथमिकता देगा। उसने कहा कि दो दिन पहले ही उनकी फोन पर पापा से बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि एग्जाम ठीक-ठाक देना। वे हमेशा कहते थे कि जिदगी में अगर मुझे कुछ हो गया तो कभी भी अपनी आंखों में आंसू मत लाना। शहीद के बेटे ने कहा कि सरकार को चाहिए कि एनसीसी कैडेटों को ट्रेनिग देने वाले जहाजों में बदलाव करे ताकि पिर कोई भी इस तरह के हादसे का शिकार ना होने पाए।
पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन से विग कमांडर रिकू डोगरा के नेतृत्व में एयरफोर्स के जवानों और तिब्बड़़ी कैंट से कैप्टन अभिषेक की कमांड में टू-जैक राइफल्स के जवानों ने शस्त्र उल्टे कर हवा में गोलियां दागते हुए उनको अंतिम सलामी दी। जिला प्रशासन की तरफ से डीसी मोहम्मद इशफाक, एसडीएम सकत्तर सिंह बल्ल, तहसीलदार धारीवाल निर्मल सिंह के अलावा शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविदर सिंह विक्की, पूर्व मंत्री सुच्चा सिंह छोटेपुर, मार्केट कमेटी धारीवाल के चेयरमैन कंवर प्रताप सिंह गिल आदि ने रीथ चढ़ाकर शहीद को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
शहीद की चिता को जब उनके 13 वर्षीय बेटे भवगुरनीत सिंह ने मुखाग्नि दी तो सैकड़ों लोगों ने शहीद कैप्टन ग्रुप कैप्टन जीएस चीमा अमर रहे, भारत माता की जय का जयघोष कर शहीद को नमन किया। इस मौके पर शहीद के भाई स्वर्णजीत सिंह चीमा, गुरजीत सिंह चीमा, गुरदीप सिंह चीमा व बहन गुरनीत कौर, अकाली नेता कंवलप्रीत सिंह काकी, एसएस बोर्ड के सदस्य भूपिदर सिंह, जिला रक्षा सेवाएं भलाई विभाग के फील्ड अफसर सूबेदार मेजर सिंह, हवलदार संतोख सिंह, नायक सुरिदर सिंह, शहीद लेफ्निेंट नवदीप सिंह अशोक चक्र के पिता कैप्टन जोगिदर सिंह, पुलवामा हमले के शहीद कांस्टेबल मनिदर सिंह के पिता सतपाल अत्तरी, शहीद सिपाही जतिदर कुमार के पिता राजेश कुमार, शहीद सिपाही रणधीर सिंह के पिता सुखविदर सिंह, जीओजी टीम की ओर से कैप्टन वरियाम सिंह, कैप्टन शमशेर सिंह, मेजर एसएस बाजवा, सरपंच कुलविदर सिंह, कंवलजीत सिंह आदि उपस्थित थे। परिषद के महासचिव कुंवर रविदर विक्की ने कहा कि ग्रुप कैप्टन जीएस चीमा गांव का चहेता लाडला था तथा हर जरूरतमंद की सहायता करता था। उनके सरकार से गांव में उनकी यादगार बनाने की अपील की। बेटी नेवी में सिलेक्ट, पिता के अंतिम संस्कार में नहीं हो सकी शामिल
एक तरफ शहीद ग्रुप कैप्टन जीएस सीमा का अंतिम संस्कार किया जा रहा था। दूसरी तरफ उनकी 22 वर्षीय बेटी कुंजदीप कौर की नेवी में सिलेक्शन हो गई। बेटी ने मंगलवार को पटियाला पहुंच शहीद पापा को श्रद्धांजलि अर्पित की और बुधवार को अंतिम संस्कार वाले दिन उसका दिल्ली में मेडिकल हुआ। उसमें पास होकर उसकी नेवी में सिलेक्शन हो गई। इस तरह एक बेटी ने देशहित को प्राथमिकता देते हुए शहीद पापा के सपनों को साकार किया, क्योंकि उनके पापा हमेशा कहते थे कि तुम्हें सेना में अफसर बनना है।
चीमा जैसे जांबाज देश के रियल हीरो : डीसी
डीसी मोहम्मद इशफाक ने कहा कि शहीद ग्रुप कैप्टन जीएस सीमा जैसे जांबाज देश के रियल हीरो हैं। इनके अदम्य साहस से ही देश की एकता व अखंडता बरकरार है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार व जिला प्रशासन शहीद के परिवार को हर संभव सहायता उपलब्ध करवाएगी। मां बोली-मेरे बेटे ने बड़े जहाज उड़ाए
शहीद की माता सर्वजीत कौर ने नम आंखों से बताया कि नौकरी के दौरान उनके बेटे ने बहुत जहाज उड़ाए। कई बार जहाज लेकर जब वह गांव से गुजरता था तो जहाज को नीचे कर लेता था। वह छत पर जाकर हाथ हिलाकर बेटे को आशीर्वाद देती थी। उसने कहा कि वह जनवरी में आया था और मुझे एक कोट लेकर दे गया था। सैनिक स्कूल में शहीद के साथ पढ़े सहपाठी फूट-फूट कर रोए
शहीद ग्रुप कैप्टन जीएस चीमा की शिक्षा सैनिक स्कूल कपूरथला से हुई थी। बुधवार को उनके अंतिम संस्कार पर उनके साथ पढ़े 20 के करीब सहपाठी फूट-फूट कर रोए। उन्हें पढ़ाने वाले अध्यापक एसएस आहलूवालिया व भूपिंदर सिंह जो अब रिटायर हो चुके है, ने जीएस चीमा के बारे में बताया कि वे बहुत ही होनहार, दलेर विद्यार्थी थे। उच्च कोटि के बॉक्सर भी थे। एक बार वे हेलीकाप्टर लेकर स्कूल आए थे। हेलीकाप्टर पर उन्होंने तिरंगे लहराते हुए पूरे स्कूल का चक्कर लगाया था। इस अवसर पर शहीद के सहपाठी डॉ. दलजीत सिंह चौहान, मुनीष रहलान, मलकिदर सिंह, हरप्रीत सिंह, आरएस राणा आदि उपस्थित थे।