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लोधीनंगल फतेहगढ़ चूड़ियां व रविकरण काहलों डेरा बाबा नानक से अकाली दल के उम्मीदवार घोषित

विधानसभा चुनाव-2022 के मद्देनजर शिरोमणि अकाली दल बादल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल की ओर से लगातार उम्मीदवारों घोषणा की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 06:35 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 06:35 PM (IST)
लोधीनंगल फतेहगढ़ चूड़ियां व रविकरण काहलों डेरा बाबा नानक से अकाली दल के उम्मीदवार घोषित

संवाद सहयोगी, बटाला : विधानसभा चुनाव-2022 के मद्देनजर शिरोमणि अकाली दल बादल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल की ओर से लगातार उम्मीदवारों घोषणा की जा रही है। इसके तहत शुक्रवार को जिला गुरदासपुर के दो विधानसभा हलकों फतेहगढ़ चूडि़यां व डेरा बाबा नानक से उम्मीदवारों की घोषणा की गई है। घोषणा के तहत बटाला के मौजूदा अकाली विधायक लखबीर सिंह लोधीनंगल को हलका फतेहगढ़ चूडि़यां और पूर्व स्पीकर निर्मल सिंह काहलों के बेटे रविकरण सिंह काहलों को हलका डेरा बाबा नानक की सीट से उम्मीदवार घोषित किया गया है।

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गौरतलब है कि हलका फतेहगढ़ चूडि़यां की सीट को लेकर दोनों उक्त अकाली नेताओं द्वारा पिछले कई महीने से चुनाव लड़ने के दावे किए जा रहे थे। इससे अकाली वर्करों में उक्त हलके के प्रतिनिधित्व को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। मगर शिअद के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने सूची जारी करते हुए हलका फतेहगढ़ चूडि़यां की सीट लोधीनंगल को सौंप दी। दोनों नेताओं के हलके बदले

शिरोमणि अकाली दल बादल भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद 2022 के चुनाव में किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती है। इसके चलते उम्मीदवारों की घोषणा जहां चुनाव से काफी पहले की जा रही थी। वहीं उनके जनाधार को भी देखा जा रहा है। काबिलेजिक्र है कि लखबीर सिंह लोधीनंगल भले ही विधानसभा हलका बटाला से मौजूदा विधायक हैं, लेकिन फतेहगढ़ चूड़ियां उनका पैतृक हलका होने के चलते वहां पर पिछले लंबे समय से कार्य कर रहे थे और चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर रहे थे। पार्टी के खिलाफ लहर होने के बावजूद 2017 में लखबीर सिंह लोधीनंगल जीत दर्ज कर चुके हैं। उस समय जिले में लोधीनंगल की सीट को छोड़कर अकाली भाजपा गठबंधन को शेष सभी सीटों से हार का मुंह देखना पड़ा था। यही कारण है कि पार्टी हाईकमान लोधीनंगल की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती थी। काहलों को मिला लंगाह का हलका

2017 में विधानसभा हलका डेरा बाबा नानक से सुच्चा सिंह लंगाह द्वारा चुनाव लड़ा गया था। लेकिन उसके बाद लंगाह पर दुष्कर्म के लगे आरोपों के तहत पार्टी द्वारा उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। इसके बाद यह हलका खाली हो गया था। हालांकि इस हलके से जहां सुच्चा सिंह लंगाह के बेटे सुखजिदर सिंह सोनू लंगाह अपना दावा जता रहे थे, वहीं गुरप्रताप सिंह खुशहालपुर व इंद्रजीत सिंह रंधावा भी लगातार अपना दावा पेश कर रहे थे। लेकिन पार्टी हाईकमान द्वारा लंगाह का हलका टकसाली अकाली निर्मल सिंह काहलों के बेटे रविकरण सिंह काहलों को सौंपा गया है। ऐसा कर पार्टी द्वारा एक तीर से दो निशाने साधने का प्रयास किया गया है। एक तो बाहरी व टकसाली नेता को उम्मीदवार बनाकर उक्त हलके से अपना दावा कर रहे नेताओं में संभावित विरोधी सुरों को रोकने का प्रयास किया गया है, वहीं नजदीकी हलके से संबंधित होने के चलते काहलों परिवार की डेरा बाबा नानक में भी अच्छी खासी पैठ को देखा गया है। खुद निर्मल सिंह काहलों भी इस हलके से अपने बेटे को टिकट देने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं। वर्करों में खुशी की लहर

विधायक लोधीनंगल को फतेहगढ़ चूड़ियां की सीट दिए जाने के बाद अकाली वर्करों व समर्थकों में खुशी की लहर है। इस दौरान वर्करों ने लोधीनंगल का लड्डूओं से मुंह मीठा करवा खुशी जाहिर की। सीनियर अकाली नेता अमृतपाल सिंह ने कहा कि लोग लोधीनंगल को सीट देने के लिए इंतजार कर रहे थे। मगर अब पार्टी ने लोधीनंगल का नाम घोषित करने से हलका वासियों की इच्छा पूरी की है। बटाला की सीट को लेकर सस्पेंस

पार्टी प्रधान बादल द्वारा लखबीर सिंह लोधीनंगल को हलका फतेहगढ़ चूड़ियां की सीट दी जाने से अब बटाला की सीट को लेकर सस्पेंस बरकरार है। हालांकि बटाला से प्रमुख रूप से तीन अकाली नेता इंद्र सेखड़ी, सुखबीर सिंह वाहला, सुभाष ओहरी अपनी उम्मीदवारी के लिए दावा ठोक रहे हैं। मगर बटाला सीट को लेकर पार्टी किस उम्मीदवार पर मेहरबान होती है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।


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