Kartarpur Corridor का एक माह पूरा, नहीं बढ़े श्रद्धालु, ये कारण बन रहे यात्रा में रोड़ा
Kartarpur Corridor के उद्घाटन को एक माह हो गया है लेकिन अभी तक यात्रियों की संख्या में अपेक्षानुरूप बढ़ोत्तरी नहीं हो रही है।
गुरदासपुर [आकाश/महेंद्र सिंह अर्लीभन्न]। भारत-पाकिस्तान के बीच ऐतिहासिक समझौते के बाद बनाए गए करतापुर कॉरिडोर को एक महीना हो गया है। नौ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने इसका उद्घाटन किया था। इससे दुनियाभर में फैले सिख श्रद्धालुओं की दशकों पुरानी अरदास साकार हुई थी। नौ नवंबर से ही गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के खुले दर्शनों का सिलसिला शुरू हुआ। रास्ता खुले 30 दिन हो गए हैं। श्रद्धालुओं की खुशी की कोई सीमा नहीं है, लेकिन लैंडपोर्ट अथॉरिटी की ढीली कार्यशैली व शर्तों के कारण श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। श्रद्धालुओं की संख्या नहीं बढ़ पा रही है।
एक महीने में कितने श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
- 9 से 15 नवंबर- 2080
- 16 से 30 नवंबर- 8959
- 1 से 8 दिसंबर- 6128
- कुल- 17167
Passenger terminal का निर्माण अभी भी अधूरा
Passenger terminal का निर्माण कार्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। इसके 31 अक्टूबर तक पूरा होने का समय तय किया गया था। Landport Authority of India ने भारत-पाक सीमा पर चार जून को 16 एकड़ जमीन में 1.74 करोड़ रुपये से Terminal बनाने का काम शाहपुर संपजी कंपनी को सौंपा था। लगातार तीन शिफ्टों में 2800 के करीब लेबर, सुपरवाइजर व इंजीनियर लगाकर निर्माण करवाया गया। अधूरे काम को पूरा करने के लिए करीब 850 मजदूर लगे हैं।
Terminal की छोटी Parking बनी समस्या
श्रद्धालुओं के अनुसार Passenger terminal की Parking काफी छोटी है। एक समय पर केवल एक हजार श्रद्धालुओं के यहां पहुंचने पर परेशानी हेाती है। पिछले दिनों जब 1745 श्रद्धालु पहुंचे तो बहुत से लोगों को बाहर सड़क पर ही वाहन लगाने पड़े थे। Immigration department के 25 काउंटर में से 18 ही खुले हैं।
दर्शनों से मिले सुकून को बयां नहीं कर सकते
श्रद्धालु हरप्रीत सिंह व बलदेव सिंह ने बताया कि उनको दर्शन कर जो सुकून मिला है, उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते। पाकिस्तान की जमीं, वहां के फौजी अधिकारियों, रेंजरों, Terminal पर तैनात अधिकारियों व गुरुद्वारा प्रबंधकों के व्यवहार से उनका दिल बाग-बाग है। जो मान-सत्कार उनको पड़ोसी मुल्क की जमीन पर पैर रखते मिला, वह कभी नसीब नहीं हुआ।
दर्शन करने वालों में प्रकाश सिंह बादल सबसे उम्रदराज
उस पार जाने वालों में सबसे उम्रदराज पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (93) हैं। सबसे छोटी उम्र की श्रद्धालु लुधियाना की बिलावल कौर है। उसकी उम्र महज चार माह है।
इन हस्तियों ने भी किए दर्शन
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह, सांसद व शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल, हरसिमरत कौर बादल, मनीष तिवारी व भगवंत मान, फिल्म स्टार सनी देयोल व पूर्व सांसद नवजोत सिद्धू, गुरु नानक देव जी की 16वीं पीढ़ी के बाबा बलबीर सिंह, 17वीं पीढ़ी के बाबा सुखदीप सिंह बेदी, पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, विजयइंदर सिंगला, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, एयर वाइस मार्शल पुष्पिंदर सिंह दर्शन कर चुके हैं।
कई श्रद्धालु नहीं कर पाते दर्शन
रोज 10-15 फीसद श्रद्धालु दीदार से वंचित रह जाते हैं। पुलिस इन्क्वायरी के अलावा ईटीए फॉर्म, दस्तावेजों में त्रुटियों व लेट होने के कारण बड़ी आपत्ति लगा दी जाती है। कई बार उनको Terminal में ही रोक दिया गया। इसलिए वे दर्शन नहीं कर सके।
खास बातें
- 4 जून को 16 एकड़ जमीन पर 1.74 करोड़ रुपये से Terminal बनाने का काम कंपनी को सौंपा था
- 2800 मजदूर, सुपरवाइजर व इंजीनियर लगाकर तीन शिफ्टों में हुआ काम
- 9 नवंबर को पीएम मोदी व पाक पीएम इमरान खान ने किया था उद्घाटन
- 5 हजार श्रद्धालुओं को रोज दर्शन करने पर बनी थी सहमति
- 1745 श्रद्धालु सबसे ज्यादा गए अब एक दिन में
- 850 मजदूर अब भी लगे हैं अधूरे काम को पूरा करने के लिए
- 5 से छह माह और लग सकते हैं अभी काम पूरा होने में
- 25 काउंटर में से 18 ही खुले हैं Immigration department के
- 10-15 फीसद श्रद्धालु दीदार से वंचित रह जाते हैं रोज शर्तों के कारण
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