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कृषि के लिए रजिस्टर्ड ट्रैक्टर ढो रहे व्यवसायिक सामान

कृषि कार्यो की जगह निर्माण सामग्री ढोने में लगे ट्रैक्टर-ट्राली पर आटीए विभाग व ट्रैफिक पुलिस रोक लगाने में असफल साबित हो रहा है। सड़कों पर भारी मात्रा में लकड़ी एवं निर्माण सामग्री लेकर तेजगति में दौड़ते ये ट्रैक्टर ट्रॉली दुर्घटनाओं को निमंत्रण दे रही है। सामाजिक संगठनों के बार -बार शिकायत करने के बावजूद इन पर रोक नहीं लग पा रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Jun 2018 04:26 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jun 2018 05:33 PM (IST)
कृषि के लिए रजिस्टर्ड ट्रैक्टर ढो रहे व्यवसायिक सामान

संवाद सहयोगी, दीनानगर : कृषि कार्यो की जगह निर्माण सामग्री ढोने में लगे ट्रैक्टर-ट्राली पर आटीए विभाग व ट्रैफिक पुलिस रोक लगाने में असफल साबित हो रहा है। सड़कों पर भारी मात्रा में लकड़ी एवं निर्माण सामग्री लेकर तेजगति में दौड़ते ये ट्रैक्टर ट्रॉली दुर्घटनाओं को निमंत्रण दे रही है। सामाजिक संगठनों के बार -बार शिकायत करने के बावजूद इन पर रोक नहीं लग पा रही है।

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शहर में इन दिनों ओवरलोड ट्रॉलियां बेखौफ घूम रही हैं, जोकि लोगों के लिए मौत का कारण बन सकती है। इन पर इस कदर लकड़िया भरी होती हैं कि मामूली सा गड्ढा आने पर ट्रॉली पलट जाने का खतरा बना रहता है। दीनानगर शहर व शहर के आसपास के गांवो में कृषि कार्यो में उपयोग होने वाले ट्रैक्टर ट्राली व्यावसायिक गतिविधियों में लगे हुए हैं। दीनानगर के विभिन्न मार्गो पर ट्रैक्टर ट्रॉलियों में अवैध रूप से ओवरलो¨डग एवं अन्य निर्माण सामग्री भरकर चलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है और मुख्य मार्गो पर मनमर्जी से ट्राली खड़ा कर दुर्घटनाओ को न्योता दिया जा रहा है।

हालांकि पुलिस प्रसाशन ऐसे वाहन चालको को चेतावनी तो देता रहता है, लेकिन करवाई के नाम पर कुछ नही किया जाता। इन ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्राली चालको के पास ना तो ड्राइ¨वग लाइसेंस और ना ही वाहन के पूरे कागज होते हैं। टै्रक्टर-ट्रॉली केवल कृषि कार्य में ही प्रयोग की जा सकती है

नियमों के अनुसार अधिकतर ट्रैक्टरों की रजिस्ट्रेशन करवाते समय ग्रामीणों द्वारा एक शपथ पत्र दिया जाता है। जिसमें ट्रैक्टर का केवल कृषि कार्य में उपयोग करने की शर्त लिखी होती है, अन्य व्यापारिक कार्य के लिए इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। लेकिन लोग धड़ल्ले से इसका इस्तेमाल व्यापारिक कार्य के लिए करते हैं। जिस कारण हादसे भी होते हैं। लेकिन न तो आरटीओ विभाग और न ही ट्रैफिक पुलिस इनके खिलाफ कोई कार्रवाई करती है। जिसके चलते अधिकांश ट्रैक्टर-ट्रॉली चालक इनका व्यावसायिक प्रयोग कर सरकार के राजस्व को नुकशान पंहुचा रहे हैं। दो माह में दोनों विभाग ने काटे मात्र 35 चालान

जानकारी के अनुसार आरटीए विभाग व जिला ट्रैफिक विभाग द्वारा पिछले दो माह में ओवरलोड टै्रक्टर ट्रॉली के मात्र 35 चालान किए हैं। ऐसे में अनुमान लगा सकते हैं कि संबंधित विभाग के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी के प्रति कितने सजग हैं। ओवरलोड ट्रॉली के काटे जाते हैं चालान : आरटीओ

आरटीओ बलदेव ¨सह रंधावा ने कहा कि ओवरलोड वाहन व ट्रॉलियों के चालान किए जा रहे हैं और अगर बार-बार कोई गलती को दोहराए तो उसे इंपाउंड भी किया जाता है। ओवरलो¨डग ट्रॉलियों से लोगों को कोई समस्या न आए उसके लिए चालान की प्रक्रिया को और तेज किया जाएगा।


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