आंधी के दौरान सूखे हुए झुके वृक्ष लील सकते हैं जान
फकीर चंद, गुरदासपुर सड़कों के किनारे विभाग की ओर से वृक्ष इस लिए लगाए जाते है ताकि वाह
फकीर चंद, गुरदासपुर
सड़कों के किनारे विभाग की ओर से वृक्ष इस लिए लगाए जाते है ताकि वाहनों पैदा होने वाला हानिकारक धुआं यह वृक्ष सोख कर सींचने में सक्षम होते हैं। परंतु जब यह वृक्ष सूख जाते हैं तो यह सड़कों पर चल रहे वाहनों पर मौत बनकर मंडराने लगते हैं। ऐसा ही हाल गुरदासपुर-दीनानगर मार्ग पर बने रेलवे फाटक से बरियार बाइपास के बीच सड़कों पर झुके वृक्षों को देखने से मिलता है।
इस रोड पर बहुत से ऐसे वृक्ष है जो सूख चुके हैं और सड़कों पर झुके होने के कारण आंधी, तूफान के दिनों में किसी भी वाहन चालक को अपनी चपेट में लेकर कोई अप्रिय घटना को अंजाम दे सकते हैं। लेकिन विभागीय अधिकारियों की ओर से इस बात को गंभीरता से इस लिए नही लिया जा रहा, क्योंकि शायद उन्हें कोई हादसों का इंतजार है। गौर हो के गुरदासपुर से होकर दीनानगर की ओर से जाने वाला यही एकमात्र मार्ग है और इस रोड से प्रतिदिन हजारों वाहन पठानकोट व अमृतसर की ओर जाते है। यहीं नही इसी रोड़ पर शहर के प्रमुख सरकारी बेअंत इंजीनिय¨रग कालेज, होटल मैनेजमेंट कालेज, सरकारी आईटीआई आदि विशेष है जिस कारण कालेजों में पढ़ने वाले बच्चों को आना जाना इस मार्ग पर लगा रहता है। इसके अलावा शहर के अन्य क्षेत्रों में भी दर्जनों सूखे व जर्जर पेड़ खड़े हैं। यह सूखे व जर्जर पेड़ उन जगहों पर अवस्थित हैं, जहां से दिन-रात वाहन फर्राटे के साथ दौड़ लगाते हैं। स्कूल बसों का परिचालन भी होता है जिसमें स्कूली बच्चे सवार होते हैं। सामान्य लोगों का आवागमन भी कम नहीं। इन सूखे पेड़ के नीचे से जोखिम में जान डालकर यात्री आवागमन करते हैं। जर्जर व सूखे पेड़ों के गिरने से कोई दुर्घटना हो तो इसका जवाबदेही किस पर होगी यह बड़ा सवाल है।
ऑटो हुआ था क्षतिग्रस्त
वरियार के निवासी गुरजीत ¨सह ने बताया कि पिछले वर्ष 5 मई को चली तेज आंधी के कारण दाना मंडी रोड के पास एक आटो चालक सड़क पर गिरे सूखे पेड से टकरा गया था, इस दौरान आटो चालक को तो गंभीर चोटें नही आई थी, परंतु उसका आटो बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था।
मोटरसाइकिल सवार मनोज शिकार होते होते बचा
गुरदासपुर बेअंत कालेज में इंजीनिय¨रग की पढ़ाई कर रहे मनोज कुमार ने बताया कि वह विगत रविवार को किसी काम के लिए गुरदासपुर आया हुआ था, जब वह गुरदासपुर से होकर बेअंत कालेज में वापिस जा रहा था तो जब वह अचानक बरियार बाइपास के थोड़ा पीछे पहुंचा तो आंधी चलने के कारण सड़क के बीच में गिरी सूखे वृक्ष की टाहली से टकराते-टकराते बचा।
सूखे वृक्षों को हटवाया जाएगा : डीएफओ
वन विभाग के डीएफओ चरणजीत ¨सह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह खुद जाकर इन वृक्षों की जांच करेंगे, जो वृक्ष सूख चुके हैं और सड़कों के उपर झुके हुए है। उन्होंने अधिकारियों से बातचीत करके वहां से हटवाएंगे।