गुदासपुर के गांव सरवाली में पहले विश्वयुद्ध की यादगार का किया उद्घाटन, लेफ्टिनेंट जनरल बोले- शहीदों का सम्मान दुनिया का सबसे बड़ा सम्मान
गुरदासपुर के नजदीकी गांव सरवाली में पहले विश्व युद्ध की यादगार के स्मारक का उद्घाटन व श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्य मेहमान के तौर पर लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह शेरगिल सीनियर एडवाइजर मुख्यमंत्री पंजाब उपस्थित हुए।
किला लाल सिंह, जेएनएन : नजदीकी गांव सरवाली में पहले विश्व युद्ध की यादगार के स्मारक का उद्घाटन व श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्य मेहमान के तौर पर लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह शेरगिल सीनियर एडवाइजर मुख्यमंत्री पंजाब उपस्थित हुए। उन्होंने पहले विश्व युद्ध की यादगार का उद्घाटन किया व व शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
उन्होंने बताया कि पहले विश्व युद्ध में भारत के 80482 जवान शहीद हुए व अकेले मेसोपोटामिया मुहिम के दौरान 33367 भारतीय सेना शहीद हुए थे। जिसमें सात हजार सिख फौजी शामिल थे। इनमें 272 सिख फौजी गुरदासपुर जिले से संबंधित थे। इनमें दो शहीद गांव सरवाली से संबंधित थे। जिसमें शहीद हवलदार काला सिंह 4481, 45वीं रैटरे सिख ने 29 अक्टूबर 1918 को व सिपाही हजारा सिंह 1313, 45वीं रैटरे सिख ने एक फरवरी 1917 को शहीदी प्राप्त की थी। उन्होंने कहा कि शहीदों का सम्मान दुनिया में सबसे बड़ा सम्मान है व शहीदी का जज्बा हमें हमारे गुरुओं से मिला है। उन्होंने कहा कि भारतीय जवान पूरे जज्बे से 62, 65, 71, कारगिल से लेकर अब तक दुश्मन देशों से बहादुरी से लोहा ले रहे हैं।
जनवरी 2017 से आज तक सिर्फ पंजाब के ही 54 जवानों ने भारत माता के लिए शहीदी का जाम पिया है। हम सभी का फर्ज है कि अपने शहीद जवानों की यादगार जरूर बनाएं वह साथ ही शहीदों के परिवारों का पूरा मान सम्मान करें। लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह शेरगिल का शहीद काला सिंह के परिवार की तरफ से स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर ब्रिगेडियर जीएस काहलों जिला हेड जीओजी, कैप्टन जगजीत सिंह, कैप्टन गुरदीप सिंह गिल, पीसीएस बलविंदर सिंह, कैप्टन दिलबाग सिंह, गुरमीत सिंह, कैप्टन कश्मीर सिंह, मेजर हरदेव सिंह, डीएसपी बलबीर सिंह सिद्दू, थाना किला लाल सिंह प्रभारी रणजोध सिंह आदि उपस्थित थे।
शहीद काला सिंह की याद में बनाया जाए यादगारी गेट
इस मौके गांव सरवाली में शहीदी यादगार स्मारक बनाने वाले शहीद हवलदार काला सिंह के पोते गुरमीत सिंह ने शहीद हुए अपने दादा शहीद काला सिंह की जीवनी व युद्ध में उनकी तरफ से किए गए पराक्रम के बारे में रोशनी डाली गई। उनकी तरफ से सरकार से मांग की गई कि उनके दादा शहीद काला सिंह की याद में यादगारी गेट का निर्माण किया जाए।