सरकार नहीं, तो गुरुओं ने शिष्यों को पहनाई गर्म वर्दी
भले ही राज्य सरकार की ओर से हर बार गर्मी-सर्दी के मौसम को लेकर सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को कई प्रकार की सुविधाएं देने के बड़े-बड़े दावे किए जाते हों। लेकिन कई बार सुविधाएं लेने के लिए बच्चे औपचारिकताओं के चक्कर में फंसकर इन सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में सरकार की सुविधाएं कब आएंगी, इस बात का इंतजार ना करते हुए सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के अध्यापकों ने अपनी जेब से पैसे एकत्रित करके स्कूल परिसर में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले बच्चों को सर्दियों में गर्म यूनिफार्म मुहैया करवाई। यह नेक काम सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के गुरुओं ने किया जिसकी पूरे इलाके में प्रशंसा हो रही है। बच्चों प्रति अध्यापकों का ऐसा प्रयास उनके भविष्य में आने वाली चुनौतियों को कम करने के साथ-साथ पढ़ाई की ओर ध्यान केंद्रित करना व स्वास्थ्य के प्रति सुरक्षा करना है।
बाल कृष्ण कालिया, गुरदासपुर : भले ही राज्य सरकार की ओर से हर बार गर्मी-सर्दी के मौसम को लेकर सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को कई प्रकार की सुविधाएं देने के बड़े-बड़े दावे किए जाते हों। लेकिन कई बार सुविधाएं लेने के लिए बच्चे औपचारिकताओं के चक्कर में फंसकर इन सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में सरकार की सुविधाएं कब आएंगी, इस बात का इंतजार ना करते हुए सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के अध्यापकों ने अपनी जेब से पैसे एकत्रित करके स्कूल परिसर में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले बच्चों को सर्दियों में गर्म यूनिफार्म मुहैया करवाई। यह नेक काम सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के गुरुओं ने किया जिसकी पूरे इलाके में प्रशंसा हो रही है। बच्चों प्रति अध्यापकों का ऐसा प्रयास उनके भविष्य में आने वाली चुनौतियों को कम करने के साथ-साथ पढ़ाई की ओर ध्यान केंद्रित करना व स्वास्थ्य के प्रति सुरक्षा करना है।
ठंड से बचाने को 120 बच्चों को दिया आशीर्वाद
इस काम को स्कूल के 2 लेक्चरर र¨जदर और विक्रम महाजन ने पूरा किया। दरअसल, स्कूल परिसर में ऐसे बहुत से बच्चे थे जो बिना मां बाप के रहते हैं। पढ़ाई का खर्चा, किताबें और यूनिफॉर्म तक पूरा सिस्टम सरकार पर ही निर्भर रहता है। ऐसे में इस बार स्कूल के ¨प्रसिपल चरणबीर ¨सह ने बैठक के दौरान अध्यापकों से विचार-विमर्श करने के बाद ऐसे 120 बच्चों की पहचान की। जिन्हें वास्तविकता में यूनिफॉर्म की जरूरत थी।
जरूरतमंदों का सहारा बने समाज
स्कूल परिसर के प्रांगण में दैनिक प्रार्थना सभा में आयोजित कार्यक्रम के दौरान इन सभी बच्चों को यूनिफॉर्म मुहैया करवाई गई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ¨प्रसिपल चरणबीर ¨सह ने कहा कि जरूरतमंद बच्चों की मदद करना पुण्य का काम है। जिसके चलते समूह स्टाफ के आभारी हैं। उन्होंने कहा कि बिना मां बाप के रहने वाले बच्चे समाज पर ही निर्भर रहते हैं। ऐसे में समाज के लोगों को आगे आकर ऐसे बच्चों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए।
6वीं से 12वीं तक के छात्रों को दी मदद
इस दौरान छठी कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के बच्चों को यूनिफॉर्म वितरित की गई। मौके पर स्कूल की लेक्चरर सुमित पड्डा, मीनू जग¨मदर ¨सह सहित सैकड़ों अध्यापक मौजूद थे।