मछली कारोबारियों के आगे दो वक्त की रोटी का संकट छाया
जागरण संवाददाता, बटाला : ब्यास मे कीड़ी अफगाना स्थित शूगर मिल के तेजाबी शीरे के मिलने से ज
जागरण संवाददाता, बटाला : ब्यास मे कीड़ी अफगाना स्थित शूगर मिल के तेजाबी शीरे के मिलने से जहां लाखों मछलियां और जलजीव मर गए वहीं मछली कारोबार से जुड़े लोगों को भूखे मरने तक की नौबत आ गई है।
ब्यास में मछली पकड़ने के लिए मछली ठेकेदार की ओर से रखे गए बीस शिकारी जो कि बिहार और उत्तर प्रदेश के बताए जाते हैँ ब्यास हादसे के बाद पूरी तरह से बेरोजगार हो गए हैं। मछली के शिकार के लिए शिकारियों की ओर से रखी बीस किश्तियां अब ब्यास किनारे खड़ी हो गई हैं।
छोटे मछली कारोबारी दर्शन लाल मुकेरिया, राण गुलुपुर बिट्टू बागड़िया, सत्ता भेणी के खां, जस्स बेगोवाल, सोनू सलीमपुर ने बताया कि मछली मंडियां ब्यास हादसे के बाद बेरोनक हो गई हैं। जहां पहले मछली बाजार ग्राहकों से गुलजार रहते थे वहीं अब सन्नाटा पसरा है। इक्क दुक्का ग्राहक ही मछली खरीदने के लिए आगे आ रहा है। छोटे मछली कारोबारियों ने कहा कि वो और 150 के करीब छोटे मछली कारोबारी रोजाना मछली ठेकेदार की और से पकड़ी गई मछली का खरीद कर मछली मंडी में आगे बेच कर अपना और अपने परिवार का पेट पालते थे। अब तो कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गया। ठेकेदार जहां पहले ¨क्वटलों के हिसाब से ब्यास से मछली पकड़ता था, अब वहीं किलो के हिसाब से मछली पकड़ी जा रही है, जब मछली है ही नहीं तो वह आगे मंडी में क्या बेचें।
लुधियाना, जालंधर में ब्यास की मछली की कीमत हुई आधी
मछली ठेकेदार सुशील कुमार वासी कादियां ने बताया कि ब्यास में पकड़ी गई मछली को वह लोकल सेल करने के अलावा लुधियाना और जालंधर की मछली मंडी में बेचते थे। ब्यास में शूगर मिल के हादसे के बाद लोग ब्यास की मछली से डरने लगे हैं। जांलधर और लुधियाना की जिस मछली मंडियों में ¨सगाड़ा और सोल किस्म की कीमत पांच सौ रुपये तक थी। अब वहीं मंडी में यह मछलियां 200 रुपये किलो भी नहीं बिक रही। लोग हादसे के बाद मछली खाने से फिलहाल परहेज कर रहे हैं।