नशे से पति की हुई मौत, बेटे ने छोड़ा घर
नशे ने गांधी कैंप के एक परिवार को बर्बाद कर दिया।
विनय कोछड़, बटाला (गुरदासपुर)
नशे ने गांधी कैंप के एक परिवार को बर्बाद कर दिया। पहले परिवार के मुखिया की नशे से मौत हो गई और उसके बाद उसका बेटा भी नशे की दलदल में फंसकर घर छोड़ गया। अब परिवार की बूढ़ी महिला का कोई सहारा नहीं है और वह दर-दर की ठोकरें खा रही है।
गांधी कैंप की 55 वर्षीय सीमा ने बताया कि उनका पति अमर सिंह नशा करता था। इससे नौ साल पहले उनकी मौत हो गई। इसके बाद इकलौता बेटा राजबीर सिह भी नशे की दलदल में फंस गया। मना करने पर मारपीट पर उतारू हो जाता था। बाद में उसने घर छोड़ दिया। अब उनका घर खंडहर का रूप धारण कर चुका है। बारिश से घर की छत गिर गई। उस दौरान वे बरामदे के पास सोई थी, जिससे बहुत बड़ा हादसा होने से टल गया। उसके बाद पास में एक किराये पर घर लिया। आसपास के घरों में काम कर वे अपना गुजारा कर रही है।
सीमा ने बताया कि उन्हें काफी आर्थिक तंगी है। इस कारण वह दस रुपये के दूध से तीन दिन तक चाय पीती है। उनकी पीड़ा को देखते हुए कुछ एनजीओ ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। एंटी राइट्स एंड एंटी क्राइम के संचालक धीरज वर्मा ने सीमा से मिलकर उनकी समस्याएं जानी और उनके घर की छत के निर्माण कार्य और खाने-पीने का बीड़ा उठाया। बेटियां बनी हैं सहारा
सीमा ने बताया है कि उनकी बेटियां कुछ मदद करती हैं। उन्होंने सहारा देकर उनका दुख कुछ कम करने का प्रयास किया है। हालांकि वे अपनी शादीशुदा बेटियों के लिए बोझ नहीं बनना चाहती है। सरकार और प्रशासन ने लगा चुकी है मदद की गुहार
सीमा ने बताया कि उन्होंने कई बार सरकार और प्रशासन से अपनी आर्थिक स्थिति बताकर मदद की गुहार लगाई है, लेकिन किसी ने उनकी मदद पर गौर नहीं किया। हालांकि कुछ अधिकारी सहायता देने के लिए उनसे दस्तावेज पर अंगूठे लगाकर ले गए, मगर उनको कुछ नहीं मिला। डीसी बोले-हरसंभव मदद की जाएगी
डीसी मोहम्मद इशफाक के पास महिला की शिकायत पहुंच चुकी है। डीसी ने पीड़िता को आश्वासन दिया है कि प्रशासन उनके साथ खड़ा है। एनजीओ और प्रशासन की मदद से पीड़िता की हरसंभव मदद की जाएगी।