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टूटी सड़कों व सीवरेज समस्या से उमरपुरा के लोग परेशान, देर रात तकदिया धरना

इलाके की टूटी सड़कों व सीवरेज समस्या को लेकर उमरपुरा कॉलोनी के लोग शनिवार को भड़क उठे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 07:26 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 07:26 PM (IST)
टूटी सड़कों व सीवरेज समस्या से उमरपुरा के लोग परेशान, देर रात तकदिया धरना
टूटी सड़कों व सीवरेज समस्या से उमरपुरा के लोग परेशान, देर रात तकदिया धरना

जागरण संवाददाता, बटाला : इलाके की टूटी सड़कों व सीवरेज समस्या को लेकर उमरपुरा कॉलोनी के लोग शनिवार को भड़क उठे। लोग सुबह 10 बजे से उमरपुरा रोड पर प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठ गए, जो देर रात तक जारी रहा। इस दौरान महिलाओं ने अधिकारियों व पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। दिन भर कई अधिकारी प्रदर्शनकारियों को धरना उठाने पहुंचे, लेकिन प्रदर्शनकारियों अड़े रहे। कई अधिकारियों को तो प्रदर्शनकारियों ने बैरंग लौटा दिया।

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उमरपुरा के निवासियों का आरोप था वे 15 सालों से इलाके के अधूरे विकास के कारण परेशान हैं। इस समस्या को लेकर उमरपुरा के लोगों ने पांच बार संघर्ष किया। हर बार उन्हें प्रशासन व सरकार के प्रतिनिधियों से वायदे के अलावा कुछ हासिल नहीं हुआ। शुक्रवार को 20 हजार आबादी वाले उमरपुरा के वासियों का सब्र का बांध टूट गया। लोगों ने अपने काम से छुट्टी लेकर रोड जामकर धरना लगा दिया। प्रदर्शनकारियों ने पंजाब सरकार व लोकल कैबिनेट मंत्री के खिलाफ एकसुर में नारेबाजी की। बीते 15 सालों में किसी भी पार्षद ने इलाके की समस्याओं का समाधान नहीं किया। सड़कें टूटी होने की वजह से चलना मुश्किल हो चुका है। जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं। कई बार लोग इस गड्ढे में गिरे, जिन्हें गंभीर चोटें आई। इतना सब कुछ होने के बावजूद प्रशासन कुंभकर्णी नींद में है। लोगों ने ठान लिया है कि उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक उनकी समस्या का निवारण नहीं हो जाता है। ये इलाके हो रहे प्रभावित

उमरपुरा के अधीन 20 हजार की आबादी है। यहां पर सबसे पॉश इलाका साउथ सिटी फेज-1, 2,3 व मीयां मोहल्ला, मलावे दी कोठी हैं। इनमें 50 फीसद लोग शिक्षित हैं व उच्च घराने से संबंधित हैं। मूलभूत सुविधाओं के मामले में ये इलाका बटाला का सबसे पिछड़ा है। सड़क, सीवरेज, पानी की सप्लाई को लेकर लोग लंबे समय से जद्दोजहद कर रहे हैं। पिछले दिनों मलावे दी कोठी में लोगों के घरों में सीवरेज का पानी आने से लगभग 100 लोग बीमार हो गए थे। इलाका वासियों का सबसे बड़ा छठा धरना

बता दें कि यहां के पीड़ित लोग इससे पहले अपनी समस्याओं को लेकर पांच धरने लगा चुके हैं। उस दौरान प्रशासन ने उनसे वायदा कर धरना समाप्त करा दिया था, लेकिन समस्या का समाधान न निकाले जाने के विरोध में इलाकावासियों ने उमरपुरा रोड जाम कर दिया। इस धरने में प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन के खिलाफ आरपार लड़ाइ का एलान कर दिया। अब तक छह की मौत, कई घायल

प्रदर्शनकारी लोगों ने बताया कि जहां की सड़कें टूटी होने की वजह से अब तक छह लोगों की मौत व कई घायल हो चुके है। उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाते कहा कि जितने लोगों की मौत हुई इन सबका प्रशासन जिम्मेदार है। पिछले दिनों जहां से कॉलेज की दो लड़कियां गुजर रही थीं। सड़क में पानी इकट्ठा होने के कारण फिसलन काफी थी। दोनों लड़किया इसमें गिर गई, जिनमें एक लड़की का हाथ टूट गया, जबकि दूसरी को चोंटे आई। अश्वनी धड़े के नेता प्रदर्शन में कूदे

इस धरने दौरान अश्वनी सेखड़ी धड़े के नेता लोगों का साथ दे रहे थे। उन्होंने नगर कौंसिल व पंजाब के एक कैबिनेट मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि शहर की बदहाल स्थिति के लिए नगर कौंसिल जिम्मेदार है। फोटो-101

पार्षद बोले-समस्याएं हल नहीं हुई तो दूंगा इस्तीफा

इलाके के कांग्रेस पार्षद दिलबाग ¨सह ने कहा कि लोगों की समस्याओं लेकर वे कई बार पार्टी के उच्च पदाधिकारियों से मिले, ¨कतु बार नही उनकी नहीं सुनी गई। वे खुद धरने पर बैठ गए। अगर पार्टी ने उनके इलाकावासियों की समस्या पर ध्यान नहीं तो वे पार्टी को अपना इस्तीफा देंगे।


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