ओवरब्रिज बना, ट्रैक के पार प्लेटफार्म बनाना भूली सरकार
सिटी रेलवे स्टेशन पर लगभग 85 लाख रुपये की लागत से मार्च 2014 में केंद्र सरकार द्वारा ओवरब्रिज का निर्माण करवाया गया था।
र¨जदर कुमार पंडोत्रा, गुरदासपुर
सिटी रेलवे स्टेशन पर लगभग 85 लाख रुपये की लागत से मार्च 2014 में केंद्र सरकार द्वारा ओवरब्रिज का निर्माण करवाया गया था। ओवरब्रिज का निर्माण ट्रेन के क्रा¨सग होने पर लोगों को ट्रैक के उस पार जाने के लिए कोई मुश्किल न आए, इसलिए करवाया गया था। जब इसका निर्माण हो रहा था तो उस समय कयास लगाए जा रहे थे कि ट्रैक के उस पार भी प्लेटफार्म बनेगा। मगर चार साल बाद भी प्लेटफार्म नहीं बना। इस कारण लोग अपनी जान जोखिम में डाल कर पटरी से ही रेलवे लाइन क्रास कर दूसरी ट्रेन को पकड़़ते हैं।
ओवरब्रिज सफेद हाथी साबित हो रहा है, क्योंकि यात्री इसका इस्तेमाल नहीं करते। ट्रेनों के क्रा¨सग के समय ट्रेनों के आते ही लोग इधर उधर ट्रेन पकड़ने के लिए भागने लगते हैं। जबकि विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा जब स्टेशन का दौरा किया गया था तो उनकी ओर से ट्रैक के उस पार भी प्लेटफार्म बनवाने की मांग अधिकारियों के समक्ष रखी गई थी। मगर अभी भी यह मामला ठंडे बस्ते में पड़ा है। उधर, प्लेटफार्म न होने के चलते लोग जब ट्रेन में जल्दबाजी से बैठने का प्रयास करते हैं, तो गिर कर चोटें भी खा चुके हैं। रेलवे विभाग सब कुछ देख कर भी अनजान बना बैठा है। जैसे कि विभाग किसी बड़े हादसे के इंतजार में हो।
गौरतलब है कि अमृतसर में हुए रेल हादसे में कई लोगों की जान चली गईं थी। ऐसा ही हादसा कहीं गुरदासपुर में न घटित हो जाए, इसलिए विभाग को जागना होगा और ट्रैक के उस पार भी प्लेटफार्म बनवाना होगा। ताकि लोग जान जोखिम में डाल ट्रेन आने पर ट्रैक पार न करें और ओवरब्रिज के माध्यम से ही उस पार जाए।
उधर, प्रत्येक दिवस गुरदासपुर से ट्रेनों के माध्यम से अपनी मंजिल जाने वाले यात्रियों विश्व, शीतल, ऋषि, विशाल आदि का कहना है कि वे विभिन्न शहरों में कामकाज करने हेतु जाते हैं। हर रोज गुरदासपुर से ट्रेन पकड़ते हैं, मगर जब ट्रेन क्रा¨सग होती है तो उन्हें काफी मुश्किलों का सामना कर रेलवे ट्रैक के उस पार जाना पड़ता है। कई बार तो ट्रेन सिर के ऊपर आती जाती है। तब भी लोग रेलवे ट्रैक पर उस पार आना जाना बंद नहीं करते। जबकि कई बार इस वजह से हादसा होते होते टला है। यह सब कुछ स्टेशन पर तैनात अधिकारियों की आंखों के सामने होता है। मगर वे भी विभाग को प्लेटफार्म बनाने की बात नहीं कहते। यही वजह है कि पिछले कई सालों से लोग अपनी जान जोखिम में डाल कर रेलवे ट्रैक पार कर रहे हैं। गौरतलब है कि गुरदासपुर रेलवे स्टेशन अंग्रेजों के जमाने का बना हुआ है। प्लेटफार्म बनना जरूरी
गुरदासपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रैक के पार भी प्लेटफार्म बनना समय की मुख्य मांग है। विभाग को जब ओवरब्रिज का निर्माण करवाया जा रहा था, तो उस समय प्लेटफार्म बनवाने का प्रस्ताव भी रखनी चाहिए थी। क्योंकि उस पार रेलवे ट्रैक बना होता तो लोग ओवरब्रिज का इस्तेमाल करते। यही कारण है कि लोग अब ओवरब्रिज के माध्यम से नहीं, बल्कि रेलवे ट्रैक पर पैदल चल कर ही रेलवे पटरी को पार करते हैं। यह किसी समय भी बड़े हादसे को दावत दे सकता है। यात्रियों की मुश्किल को देखते हुए मैंने रेलवे ट्रैक के उस पार भी प्लेटफार्म बनाने की मांग को लेकर विभाग को चिट्ठी लिखी थी। मगर विभाग के पास अभी प्लेटफार्म बनाने का कोई प्रपोजल नहीं है। वहीं जो ओवरब्रिज बनाया गया है उसका भी यात्री इस्तेमाल नहीं करते।
शशि मोहन, स्टेशन मास्टर।