देशभक्ति पर आधारित कार्यक्रम पेश कर मन मोहा
मेधावी ब'चों को प्रोत्साहित करने एवं स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट को प्रबंधकों के समक्ष प्रस्तुत करने के उद्देश्य से दीनानगर स्थित स्वामी विवेकानंद हाई स्कूल में सीनियर ¨वग के ब'चों के लिए पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन स्कूल प्रधान सृष्टिपाल महाजन डायरेक्टर की अध्यक्षता में किया गया।
संवाद सहयोगी, दीनानगर : मेधावी बच्चों को प्रोत्साहित करने एवं स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट को प्रबंधकों के समक्ष प्रस्तुत करने के उद्देश्य से दीनानगर स्थित स्वामी विवेकानंद हाई स्कूल में सीनियर ¨वग के बच्चों के लिए पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन स्कूल प्रधान सृष्टिपाल महाजन डायरेक्टर की अध्यक्षता में किया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में रमेश महाजन जबकि विशेष रूप से सतीश महाजन, पु¨ष्पदर महाजन व रणधीर महाजन उपस्थित हुए।
स्कूल में पहुंचने पर स्कूल प्रबंधकों द्वारा गणमन गणमान्यों द्वारा भव्य स्वागत किया गया। कार्यक्रम का आगाज मुख्यातिथि द्वारा माता सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष ज्योति प्रज्वलित कर हुआ। इसके पश्चात स्कूल की छात्राओं ने देशभक्तिगीत गाकर गणमान्य का भव्य स्वागत किया। अन्य कक्षाओं के सीनियर छात्रों द्वारा भांगड़ा, गिद्दा, सोलो डांस, ब्रेक डांस व माइकल जैक्सन डांस आदि प्रस्तुत करके खूब मनोरंजन किया गया।
इसके पश्चात बच्चों ने देशभक्ति पर आधारित कार्यक्रम ने सबका मन मोह लिया। ¨प्रसिपल रमा शर्मा ने स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट को अभिभावकों समक्ष प्रस्तुत किया गया और स्कूल की उपलब्धियों को गिनाया गया। स्कूल में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहने वाले बच्चों को मेडल देकर सम्मानित किया गया। मुख्यातिथि रमेश महाजन ने कहा कि मेहनत ही सफलता की कुंजी है। सफलता को कभी भी शॉर्ट कट से हासिल नहीं किया जा सकता। महाजन ने कहा कि आज के समय में प्रतियोगिताओं का दौर है, इसलिए ऊपर उठना बेहद मुश्किल है, लेकिन जो बच्चे कड़ी मेहनत करते हैं वे ऊपर उठकर अपने स्कूल अभिभावकों एवं क्षेत्र का नाम ऊंचा करते हैं। सतीश महाजन एवं पु¨ष्पदर महाजन ने संयुक्त रूप से कहा कि इस आयु में बच्चे ज्ञान का भंडार होते हैं और हर बात अच्छी प्रकार से बच्चों के मन में अंकित हो जाती है। इस मौके पर साहिल, श्वेता महाजन, प्रभा महाजन, उपमा महाजन, विजय गुप्ता अमर महाजन, राकेश शर्मा, तीर्थ भल्ला व ईश्वर शर्मा सहित भारी संख्या में स्कूल प्रबंधक मौजूद थे।