एड्स को लेकर जागरूक किया
एड्स के रोगी को समाज बड़ी नफरत तथा सवालिया नजरों से देखता है।
संवाद सहयोगी, गुरदासपुर : एड्स के रोगी को समाज बड़ी नफरत तथा सवालिया नजरों से देखता है। इस रोग से मरने वाले रोगी की मौत के पीछे शरीरिक कारण तो होते ही हैं, मगर वह समाज की मानसिक प्रताड़ना भी झेल रहा होता है। इसलिए मरीज की बीमारी के लक्ष्णों के इलाज के साथ-साथ उसकी मानसिक सेहत का ध्यान रखना भी जरूरी होता है। यह बात सीएचसी ¨सघोवाल (दीनानगर) के होम्योपैथी मेडिकल अधिकारी और नशा छुड़ाओ व पुनर्वास केंद्र बब्बरी गुरदासपुर में सेवाएं दे रहे डॉ. इंद्रजीत ¨सह राणा ने कही।
उन्होंने बताया कि आज राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस दिन को कैंपेन के रूप में मनाते हुए 30 साल हो चुके हैं। लोग जागरूक तो हुए हैं, मगर अभी भी स्थिति काबू में नहीं है। एड्स बीमारी के सरकारी तौर पर बढि़या इलाज मौजूद होने के बावजूद आज भी सिर्फ 75 फीसद लोगों को ही यह जानकारी है कि वह इस बीमारी से पीड़ित है। इस लिए शीघ्र से शीघ्र अपना रक्त जांच करवा कर एड्स बीमारी के प्रति अपनी स्थिति जानें और तुरंत मान्यता प्राप्त सेहत संस्थाओं से अपना इलाज करवाएं।