गुरबाणी से संगत को किया निहाल
गांव ठीकरीवाल में वार्षिक गुरमति चेतना समामगों के दूसरे दिन भी क्षेत्र व देश विदेश की संगत ने हाजिरी भरी।
संवाद सूत्र, काहनूवान : गांव ठीकरीवाल में वार्षिक गुरमति चेतना समामगों के दूसरे दिन भी क्षेत्र व देश विदेश की संगत ने हाजिरी भरी। इसके अलावा विभिन्न संतों महापुरुषों, कीर्तन जत्थों, ढाडी जत्थों व प्रचारकों ने भी गुरबाणी व सिख इतिहास से संगत को जोड़ा। सोमवार को भाई सरदारा ¨सह, भाई जस¨वदर ¨सह औजला, भाई हरजीत ¨सह के कीर्तनी जत्थे ने गुरबाणी के रशभिन्ने कीर्तन के सभी को निहाल किया।
पिछले 27 साल से इन रुहानी कीर्तन दीवानों की हाजिरी भर रहे मुखी संत बाबा भू¨पदर ¨सह ने भी संगत को गुरबाणी व सिख इतिहास से जोड़ा। भाई अमरीक ¨सह ने कहा कि सिख इतिहास कुर्बानियों से भरा है, मगर हमारी बदकिस्मती है कि हम अपने इहितास की जगह पदार्थवादी युग में अपने विरसे से वंचित हो रहे हैं।