एनआरआइ ने 80 लाख से बनवाई स्कूल की बिल्डिंग
निकटवर्ती गांव नड़ांवाली में एनआरआइ की ओर से 80 लाख रुपये से बनवाए गए सरकारी मिडिल स्कूल की नवनिर्मित इमारत का उद्घाटन शनिवार को किया गया।
संवाद सहयोगी, कलानौर : निकटवर्ती गांव नड़ांवाली में एनआरआइ की ओर से 80 लाख रुपये से बनवाए गए सरकारी मिडिल स्कूल की नवनिर्मित इमारत का उद्घाटन शनिवार को किया गया। एनआरआइ कुलजीत ¨सह द्वारा तैयार करवाए गए सरकारी मिडिल स्कूल का उद्घाटन गांव के दिव्यांग व्यक्ति अजीत ¨सह से रिबन कटवाकर करवाया गया। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सुख¨जदर ¨सह रंधावा विशेष तौर पर शामिल हुए। स्कूल में श्री सुखमणि साहिब के पाठ के भोग डाले गए। इसके बाद कीर्तन करवाया गया। इस मौके पर मुल्खा ¨सह, जगतार ¨सह, रवेल ¨सह, निर्मल ¨सह, निशान ¨सह, जसबीर ¨सह,गुरमीत ¨सह, दिलबाग ¨सह, हर¨वदर ¨सह, गुरनाम ¨सह, भु¨पदर ¨सह, अश्विनी, बलबीर ¨सह, अमरीक ¨सह, जसवंत ¨सह, सुच्चा ¨सह आदि उपस्थित थे। ऑस्ट्रेलिया में जेल अफसर हैं एनआरआइ कुलजीत सिंह
रंधावा ने कहा एनआरआइ कुलजीत ¨सह आस्ट्रेलिया में जेल अफसर हैं। उनकी ओर से लाखों रुपये खर्च करके अपने गांव में स्कूल का निर्माण करवाकर मिसाल कायम की गई है। उन्होंने विदेशों में रहते एनआरआइज को अपील की कि वे ऐसे अच्छे कार्य करने में अपना योगदान डालें। स्कूल को 10वीं तक अपग्रेड करने की मांग
कुलजीत ¨सह व गांव वासियों ने गांव के स्कूल को 10वीं तक अपग्रेड करने की मांग की। रंधावा ने नड़ांवाली अड्डे से स्कूल को आने वाली सड़क से दोनों तरफ इंटरलाक टाइल लगाने की घोषणा की। रंधावा ने एनआरआइ कुलजीत ¨सह को सिरोपा व श्री साहिब भेट करके सम्मानित किया। अध्यापकों के विरोध के कारण शिक्षा सचिव नहीं पहुंचे
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सुख¨जदर ¨सह रंधावा के अलावा शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार को पहुंचना था। लेकिन इसकी सूचना मिलने पर पढ़ो पंजाब प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे अध्यापक को लग गई। अध्यापक शिक्षा सचिव का विरोध करने के लिए काली झंडियां लेकर अड्डा बख्शीवाल में पहुंच गए, लेकिन वहां से पुलिस ने उन्हें आगे जाने से रोक दिया गया। इस कारण वह वहीं पर धरने पर बैठ गए। अध्यापकों के विरोध की भनक लगने से शिक्षा सचिव ने अपना कार्यक्रम रद कर दिया। अध्यापक नेता बलराज ¨सह बाजवा, हर¨जदर ¨सह, कुलदीप ¨सह, बलदेव बुट्टर, सोम ¨सह, सुभाष चंद्र ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा उच्च शिक्षा का प्रबंध न करके स्कूलों को बेचने की नीति अपनाई जा रही है। पिछले दो सालों से बच्चों की वर्दियां, किताबें व वजीफे नहीं दिए गए। अध्यापकों ने पढ़ो पंजाब पढ़ाओ पंजाब का संपूर्ण बायकॉट करके कृष्ण कुमार की कूट नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोला है।