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रोडवेज कर्मियों ने परिवहन मंत्री के घर के बाहर की नारेबाजी

मांगों को लेकर सोमवार को पंजाब रोडवेज मुलाजिम यूनियन की सांझी एक्शन कमेटी के नेतृत्व में विशाल रोष रैली ट्रांसपोर्ट मंत्री अरुणा चौधरी के हलके में की गई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 07:30 PM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 07:30 PM (IST)
रोडवेज कर्मियों ने परिवहन मंत्री के घर के बाहर की नारेबाजी
रोडवेज कर्मियों ने परिवहन मंत्री के घर के बाहर की नारेबाजी

संवाद सहयोगी, दीनानगर : मांगों को लेकर सोमवार को पंजाब रोडवेज मुलाजिम यूनियन की सांझी एक्शन कमेटी के नेतृत्व में विशाल रोष रैली ट्रांसपोर्ट मंत्री अरुणा चौधरी के हलके में की गई। कर्मचारियों ने अवांखां स्थित अरुणा चौधरी का घर घेरने की कोशिश की, लेकिन पुलिस कर्मियों ने वहां उनको रोक लिया। प्रदर्शन में पूरे पंजाब के लगभग 500 रोडवेज कर्मचारी शामिल थे।

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रोष रैली की अध्यक्षता कमेटी के कन्वीनर मंगत खान ने की। इस दौरान कमेटी के पदाधिकारियों ने कैबिनेट मंत्री अरुणा चौधरी के खिलाफ खूब नारेबाजी की। कन्वीनर मंगत खान, अनवर आजाद, वर्कर्स यूनियन के प्रदेश प्रधान राजेंद्र कुमार ने संयुक्त रूप से ट्रांसपोर्ट मंत्री के खिलाफ रोष जाहिर करते हुए कहा कि ट्रांसपोर्ट मंत्री बनने के दौरान तो उनके द्वारा मुलाजिमों की सभी समस्याओं को हल करवाने का दावा किया गया था लेकिन, ट्रांसपोर्ट मंत्री बनने के पहचान अभी तक उनके साथ एक भी बैठक नहीं हो पाई है।

उन्होंने कहा कि वह जायज मांगों को लेकर पिछले लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं लेकिन, अब तक उन्होंने भी उनसे बैठक करना मुनासिब नहीं समझा। उन्होंने कहा कि इन मांगों में उनका कोई आर्थिक लाभ नहीं है बल्कि यह रोडवेज एवं उपभोक्ताओं की बेहतरी के लिए है। इस मौके पर सुलखन ¨सह, प्रीतम ¨सह, मंजीत ¨सह अवतार ¨सह, कुलप्रीत ¨सह, मनजीत ¨सह, हरपाल ¨सह, मन¨वदर ¨सह, अवतार ¨सह, गुरबचन, सज्जन कुमार, रोहित, मनवीर ¨सह, सज्जन ¨सह, कुलवीर चंद, फकीर चंद, अविनाश सहित भारी संख्या में एक्शन कमेटी के सदस्य मौजूद थे। ये हैं मुख्य मांगें

-पंजाब रोडवेज में बजट रखकर नई बसें पाई जाएं।

-कर्जा मुक्त बसों को रोडवेज के फ्लीट में शामिल किया जाए।

-ठेके एवं आउट सोर्स मुलाजिमों को 2016 के कानून के आधार पर पक्का किया जाए।

-माननीय सुप्रीम कोर्ट एवं हाई कोर्ट के आदेशानुसार अनुसार अवैध बसों के परमिट रद किए जाएं।

-निजी बसों की समय सारणी में राजनीतिक दखलंदाजी को बंद करवाया जाए।

-विभाग में फैले भ्रष्टाचार को पूरी तरह से खत्म किया जाए।

-बस अड्डों की जायदाद को रोडवेज में मर्ज किया जाए।

-धारा 304 ए के तहत सजायाफ्ता ड्राइवर को नौकरी पर बहाल किया जाए।

-डीएसटी एवं डिपो की वरिष्ठता को सामान किया जाए।

-मृतकों के परिजनों को विभाग में नौकरी दी जाए और वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नत किया जाए। ट्रांसपोर्ट मंत्री के घर के बाहर तैनात रही पुलिस

रोडवेज एक्शन कमेटी द्वारा की जा रही है रोष रैली के दौरान लगभग पूरे दिन पुलिस दंगा वाहन के साथ ट्रांसपोर्ट मंत्री के घर के बाहर तैनात रही। पुलिस बल द्वारा भारी मात्रा में पुलिस लगाकर रोडवेज कर्मचारियों को रोक दिया गया। इन दिनों हाई अलर्ट होने के चलते अब इन घटनाओं पर संदेह जताया जा रहा है। 15 दिसंबर तक बैठक को अड़ी कमेटी, मंत्री बोली-जनवरी में करेंगे बैठक

एक्शन कमेटी द्वारा रोष रैली बैठक न किए जाने के चलते की गई है। उन्होंने कहा कि एक्शन कमेटी द्वारा 15 दिसंबर तक बैठक करने के लिए ट्रांसपोर्ट मंत्री को कहा गया था, लेकिन ट्रांसपोर्ट मंत्री द्वारा उन्हें जनवरी में समय दिया जा रहा था। इससे नाराज होकर यूनियन के पदाधिकारियों ने कैबिनेट मंत्री मुर्दाबाद की नारेबाजी की और मांग पत्र दिए बिना ही शाम के समय रैली को स्थगित कर दिया। इस बार नजरअंदाज हुई मांगें तो संघर्ष होगा तेज

एक्शन कमेटी के सदस्यों ने ट्रांसपोर्ट मंत्री अरुणा चौधरी को चेताते हुए कहा कि अगर इस बार भी उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया तो वे संघर्ष को और तेज करेंगे। उन्होंने कहा कि लगभग प्रत्येक वर्ष के दिसंबर माह के दौरान ट्रांसपोर्ट मंत्री द्वारा उनके साथ समस्याओं को लेकर बैठक की जाती थी। लेकिन इस बार बैठक न किए जाने के चलते उन्होंने संघर्ष का रास्ता बनाया है। उन्होंने कहा कि उपरोक्त सभी मांगें जनता एवं विभाग के हित में हैं। इसलिए ट्रांसपोर्ट मंत्री को इन समस्याओं को हल करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी ओर से ही वोटें डालकर अरुणा चौधरी को मंत्री बनाया गया है, मगर अब उनकी समस्याओं को सुनने के लिए मंत्री साहिबा के लिए टाइम नहीं है। ऐसे कौन से काम कर रही हैं, जो लोगों की मुश्किलें सुनने के लिए वे समय नहीं निकाल पा रही।


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