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टूटी सड़कों ने बटालावासियों को दिया ¨जदगी भर का दर्द

शहर की टूटी सड़कों ने कई बटालावासियों को ¨जदगी भर का दर्द दिया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 05:46 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 05:46 PM (IST)
टूटी सड़कों ने बटालावासियों को दिया ¨जदगी भर का दर्द

आजाद शर्मा, संजय तिवारी, बटाला

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शहर की टूटी सड़कों ने कई बटालावासियों को ¨जदगी भर का दर्द दिया है। उनके लिए अब सड़कों पर चलना-फिरना मुश्किल हो चुका है। वे सड़क पर अब फूंक-फूंक कर अपना कदम रखते हैं। इस साल टूटी सड़कों के कारण 771 सड़क हादसे हुए। इनमें चार लोगों की मौत हो चुकी हैं तथा अनगिनत घायल हो चुके हैं। एक व्यक्ति का जबड़ा टूट चुका है। कई घायल अब तक ठीक भी नहीं हुए हैं। इतना कुछ होने के बावजूद शहर के राजनेता व प्रशासनिक अधिकारी बिल्कुल चुप बैठे हैं।

बटाला में टूटी सड़कों की समस्या साल-दो साल से नहीं बल्कि लंबे समय से चली आ रही है। हर राजनीति पार्टी का लीडर लोगों के घर जाकर उनसे वायदा करता है कि शहर का विकास पहल के आधार पर किया जाएगा, लेकिन जीत हासिल करने के बाद शहर से गायब हो जाता है। अब शहर के लोग अवेयर हो चुके हैं। उन्होंने मन बना लिया है कि वोट उस लीडर को डालेंगे जो पहले उनकी सड़कें बनाकर देगा। कइयों ने यहां तक कह दिया है कि इस बार चुनावों में नेताओं का बाहिष्कार किया जाएगा। उनसे कामकाज रिपोर्ट कार्ड मांगा जाएगा।

वैसे लोगों की मांगें भी जायज हैं। क्योंकि शहर की 80 फीसद सड़कें हैं। उन सड़कों से वाहन व पैदल चलने वालों को कई कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है। एक वर्ष में सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक 771 सड़क हादसे हो चुके हैं। इनमें चार लोगों की मौत हो चुके हैं तथा कई घायल हो चुके हैं। एक का जबड़ा टूट चुका है। उन परिवारों को इन टूटी सड़कों ने ¨जदगी भर का दे दिया है। उनके आंसू पोचने वाला कोई नहीं है। किसी राजनेता व प्रशासनिक अधिकारी ने इनकी आज तक सुध तक नहीं ली। 42

छह बार हो चुकी जबड़े की सर्जरी

ठठियारी गेट निवासी अनिल डोगरा ने बताया कि वे पेशे से अकाउंट्स का काम करते हैं। कुछ समय पहले की बात है। वे अपने किसी रिश्तेदार की शादी का समारोह अटैंड करने के लिए चुंगी रोड स्थित अब्बी पैलेस गए। रात ग्यारह बजे अपने स्कूटर से वापस लौट रहे थे तो कादियां चुंगी के पास सड़क टूटी थी, जिससे उनका स्कूटर पलट गया। उससे उनका मुंह का जबड़ा टूट गया। 12 दिन अस्पताल दाखिल रहे। अब तक उनकी छह बार सर्जरी हो चुकी है। जबड़े का दर्द उन्हें काफी है। 41

टूटी सड़क ने ली इंजीनियर गु¨रदर की जान

पेशे से डिजाइ¨नग इंजीनियर गु¨रदर ¨सह की टूटी सड़क हादसे में मौत हो गई। उनके पिता बलबीर ¨सह ने बताया कि उनका बेटा गु¨रदर ¨सह पढ़ाई में अच्छा होने के कारण इंजीनिय¨रग में टॉप रहा। बटाला में चु¨नदा इंजीनियरों में गु¨रदर का नाम था। 15 जून की दोपहर को घर से मोटरसाइकिल पर गु¨रदर किसी जरूरी काम से जा रहा था गया। शाम तक वापस नहीं लौटा तो घर वालों को उसकी फिक्र होने लगी। दोस्तों व रिश्तेदारों को फोन घुमाकर पता लगाया तो नहीं जानकारी मिली। रात को पुलिस ने फोन कर उनके बेटे की मौत की सूचना दी। गु¨रदर का बेटा 9 साल का है। पापा की फोटो देखकर उन्हें हमेशा याद करता है। इसके अलावा द¨वदर ¨सह निवासी गांव बुलेवाल, लख¨वद्र ¨सह निवासी अच्चली गेट, संपूर्ण कौर की टूटी सड़कों के कारण जान जा चुकी है। परिजन इसके लिए राजनेता व प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हैं। संभल कर चलें लोग

ट्रैफिक इंचार्ज एसआइ लख¨वदर ¨सह ने बताया कि वे समाजसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर हर हफ्ते कैंप लगाते हैं। इसमें लोगों को जागरूक किया जाता है कि सड़कों पर हमेशा संभल कर चलें। वाहन चालक ट्रैफिक नियमों का पालन करें। टूटी सड़कों पर वाहन चालक अपने वाहन की स्पीड कम कर लें। शराब पीकर ड्राइव मत करें।


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