चार गर्भवती महिलाओं ने कोरोना की दी मात, अस्पताल ने फूलों से स्वागत कर दी विदाई
कोरोना पॉजिटिव चार गर्भवती महिलाओं ने शनिवार को इस वायरस को मात देते हुए जिदगी की जंग को जीत ली।19 मई को बटाला के विभिन्न क्षेत्रों से संबंध रखने वाली चार गर्भवती महिलाओं का कोरोना वायरस टेस्ट पॉजिटिव आया था।
जागरण टीम, बटाला : कोरोना पॉजिटिव चार गर्भवती महिलाओं ने शनिवार को इस वायरस को मात देते हुए जिदगी की जंग को जीत ली।19 मई को बटाला के विभिन्न क्षेत्रों से संबंध रखने वाली चार गर्भवती महिलाओं का कोरोना वायरस टेस्ट पॉजिटिव आया था। उस दौरान अस्पताल में हड़कंप मच गया था, क्योंकि इन सभी महिलाओं का यात्रा इतिहास तथा किसी कोरोना पॉजिटिव से संर्पक दूर-दूर से वास्ता नहीं था। बड़ी बात यही रही कि इनमें दो गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी हो चुकी थी, जबकि दो घर पर ही मौजूद थीं। इनका टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद स्वस्थय विभाग की टीम अस्पताल लेकर आई।
शनिवार को उक्त महिलाओं की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद फूलों की मालाओं के साथ इनका अभिवादन किया गया तथा अच्छे तरीके से इनकी विदाई की गई। वहीं उक्त महिलाओं ने बताया कि इस जिदगी की जंग में अस्पताल प्रशासन तथा स्टाफ ने पूरी मदद की। उनके बताए गए नुसखो को ध्यानपूर्वक तरीके से अमल किया गया। जिस वजह से वे प्रोपर ठीक होने में सफल रही।
मरीजों को अच्छी डाइट व योग करवाकर बनाया निरोग
सीनियर मेडिकल अधिकारी डा.संजीव कुमार भल्ला ने बताया कि उक्त महिलाओं का 14 दिन इलाज सही ढंग से किया गया। इनको डाइट अच्छे ढंग से दी जाती रही है। सुबह शाम योग कराया जाता था। इसकी वजह से कोरोना को मात देने में कामयाबी हासिल की। महिलाओं को दिया जाता था यह आहार
एसएमओ के मुताबिक गर्भवती महिलाओं को तीन टाइम प्रोटीन आहार दिए जाते थे। खास कर दाल,हरी सब्जियां,चापाटी के साथ दी जाती थी। इसके अलावा दूध,फल,भी इन्हें दिया जाता रहा। अभी तक पता नही चला कोरोना का कारण
गर्भवती महिलाओं के कोरोना पॉजिटिव का कारण का पता नहीं चल पाया। हालांकि विभाग दावा करता है कि उन्होंने विभिन्न टीमों का गठन करके इलाको में जाकर वहां से सर्वे भी करवाया गया। मगर कोरोना के कारण का कोई प्रमाण हासिल नही हो पाया। एसएमओ के मुताबिक अभी भी उनकी टीम इस पर काम कर रही है।
दो टाइम योग क्लास
महिलाओं को दो टाइम योगा कराया जाता था। इसी वजह से कोरोना को मात देने में योग इनके लिए कारगर साबित हुआ। इसके अलावा तालियां बजाना जैसी योग की कसरत भी कराई जाती थी।