पराली जलाने पर चार किसानों पर केस, तीन गिरफ्तार
पराली जलाने वाले चार किसानों के खिलाफ मंगलवार को केस दर्ज किया है।
जागरण संवाददाता, गुरदासपुर : पराली जलाने वाले चार किसानों के खिलाफ मंगलवार को केस दर्ज किया है। मामले में तीन किसानों को गिरफ्तार किया गया, मगर बाद में वे जमानत पर रिहा हो गए। एक किसान चकमा देकर भागने में सफल रहा।
गौरतलब है कि कृषि विभाग के लाख दावों के बावजूद भी किसानों ने पराली जलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसके चलते वातावरण इस कदर प्रदूषित हुआ कि लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत आने लगी है। थाना पुरानाशाला के एएसआइ दलजीत सिंह ने बताया कि गुप्तचर की सूचना के आधार पर गांव गुन्नोपुर गए तो देखा कि चरणजीत सिंह पुत्र भजन सिंह ठेके पर ली जमीन में बिखरी हुई पराली को आग लगाकर प्रदषूण फैला रहा था। उसे मौके पर काबू करके उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया, लेकिन बाद में उक्त आरोपित जमानत पर रिहा हो गया।
वहीं इसी थाने के एएसआइ गुरनाम सिंह ने बताया कि गांव मेघियां निवासी हरदीप सिंह पुत्र निरभैर सिंह अपनी जमीन में पराली को आग लगा रहा था। उसे काबू करके मामला दर्ज किया गया, लेकिन बाद में वह भी जमानत पर रिहा हो गया। इसी तरह थाना सदर के एएसआइ हरमिदर सिंह ने बताया कि खेतीबाड़ी अधिकारी गुरदासपुर रामेश कुमार ने गुरमुख सिंह पुत्र हरभजन सिंह निवासी हेमराजपुर को अपने खेत में धान के अवशेष को आग लगाते समय काबू किया। जब वे पुलिस पार्टी समेत मौके पर पहुंचे तो आरोपित भागने में कामयाब हो गया। उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
इसी तरह एएसआइ हीरा सिंह ने बताया कि वह पुलिस पार्टी समेत गश्त कर रहे थे। जब वे झक्खड़ पिडी पहुंचे तो देखा कि बलविदर सिंह पुत्र उजागर सिंह निवासी झक्खड़ पिडी अपने खेतों में पराली को आग लगाकर जिला मजिस्ट्रेट के आदेशों का उल्लंघन कर रहा था। उसको काबू करके मामला दर्ज किया गया, लेकिन बाद में वह जमानत पर रिहा हो गया। कमजोर कानून से मौके पर मिली जमानत
डिप्टी कमिश्नर विपुल उज्जवल के आदेशों का उल्लंघन करने के आरोप में धारा 188 के तहत किसानों पर मामला दर्ज किया जाता है। लेकिन यह कमजोर होने के चलते मौके पर ही किसानों को जमानत दे दी जाती है। इस धारा में कड़ा प्रावधान नहीं होने के कारण किसान इसे हल्के में लेते हैं। हालांकि कोर्ट जुर्माना व छह माह तक सजा भी दे सकती है। सिविल अस्पताल में बढ़े एलर्जी के मरीज
पराली जलाने से इतना प्रदूषण बढ़ा है कि लोग बीमार होने लगे हैं। सिविल अस्पताल में सांस के साथ ही एलर्जी से संबंधित मरीजों की संख्या बढ़ी है।