पालकी साहिब यात्रा में शामिल पांच साल के बच्चे की मैनहोल में गिरकर मौत
प्रशासन की लापरवाही से पालकी यात्रा के दौरान पांच साल के बच्चे की मैनहोल में गिरकर मौत।
विनय कोछड़, बटाला : प्रशासन की लापरवाही से पालकी यात्रा के दौरान पांच साल के बच्चे को अपनी जान गवानी पड़ी। गांव छित के रहने वाले गुरनूर ¨सह (5) अभिभावकों के साथ देर रात पालकी साहिब यात्रा में शामिल हुआ। सिविल अस्पताल की दीवार के पास कच्चे राह पर मैनहोल खुला होने से वह वहां गिर गया। पिता लखबीर ¨सह व माता नवदीप कौर सारी रात गुरनूर को ढूंढ़ने का प्रयास करते रहे पर कहीं उसका पता नहीं लगा। पुलिस ने मृतक के पिता के बयान पर इस मामले में जिम्मेदार नगर कौंसिल प्रधान नरेश महाजन, इओ भू¨पद्र ¨सह व सीवरेज अधिकारियों के खिलाफ पर्चा दर्ज कर लिया है। बच्चे का शव सुबह साढ़े सात बजे मैनहोल से निकाला गया। लोगों ने बच्चे के शव को सुबह नौ बजे गांधी चौक में रखकर चार घंटे तक प्रशासन के खिलाफ जाम लगाया। संबंधित अधिकारियों पर मामला दर्ज होने के बाद धरने को हटाया।
इससे पहले शनिवार देर रात थाना सिविल लाइन पुलिस को परिजनों ने गुरनूर की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई थी। रविवार सुबह मैनहोल के पास बच्चे की चप्पल मिली तो किसी ने परिजनों को उसकी जानकारी दी। मदद लेकर बच्चे के शव को बाहर निकाला गया। सुबह परिजनों का गुस्सा प्रशासन के खिलाफ भड़क उठा। उन्होंने अपने बेटे का शव लेकर गांधी चौक में प्रशासन के खिलाफ धरना लगा दिया और चारों तरफ रोड जाम कर दिया। सूचना मिलने पर सिविल प्रशासन व पुलिस प्रशासन मौका स्थल पर पहुंचा। उन्होंने परिजनों को समझाने का खासा प्रयास किया, लेकिन वे नही माने। उनका कहना था कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ पर्चा दर्ज किया जाए, तभी वे धरना हटाएंगे। प्रशासन द्वारा नगर-कौंसिल प्रधान व सीवरेज बोर्ड के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने पर गुरनूर के परिजनों ने चार घंटे बाद गांधी चौंक से धरना हटाया। वहीं राजनीति पार्टियों के नेताओं को इस बारे जानकारी मिली तो वे भी धरने में शामिल होकर पंजाब सरकार व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
मुंशी सस्पेंड, गिर सकती है बड़े अधिकारियों पर गाज
बटाला। बच्चे की मौत के मामले में थाना सिविल लाइन के मुंशी को सस्पेंड कर दिया है। अभिभवाकों का आरोप था कि वे रात को गुरनूर की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाने के लिए थाना सिविल लाइन मुंशी के पास गए तो उसने उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया। पहले तो उसने शिकायत लिखने से साफ मना कर दिया, फिर मामला गर्माया तो रिपोर्ट दर्ज की। जानकारी मुताबिक इस लापरवाही के लिए पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी गाज गिर सकती है।
एसडीएम ने दिखाई धौंस तो मामला गर्माया
बटाला। धरने के सूचना मिलने पर डीसी विपुल उज्जवल ने इसे वहां से हटाने के लिए एसडीएम रोहित गुप्ता को भेजा। एसडीएम ने धरनाकारियों के समक्ष धौंस दिखाई तो वे भड़क उठे। उन्होंने पंजाब सरकार व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। मामला शांत करने के लिए एसडीएम को उनके आगे झुकना पड़ा फिर जाकर स्थिति नियंत्रित हुई। परिजनों ने कहा, मन्नतें मांगकर पाया था गुरनूर बटाला। परिजनों का कहना था कि गुरनूर को गुरुद्वारा कंध साहिब में मन्नतें मांग कर लिया गया था। हर वर्ष वे श्री गुरु नानक देव जी के विवाह पर्व पर सारी फैमिली पालकी साहिब में शामिल होने के लिए अपने गांव से पहुंचती है, लेकिन इस बार बाबा जी को कुछ ओर ही मंजूर था। उनका इकलौता बेटा वाहेगुरु ने छीन लिया। उधर, मां नवदीप कौर अपने मृतक बच्चे के शव को गोदी में लेकर तपती गर्मी में धरना स्थल पर बैठी, जिस कारण वे तीन बार बेहोश हो गई। लोगों ने उसे पानी के छींटे देकर जगाया । जागरण ने मैनहोल खुले होने के मुद्दे को प्रमुख से उठाया था
बता दें कि दो दिन पहले शहर के मैनहोल खुले होने पर दैनिक जागरण ने प्रशासन के खिलाफ प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी, जिसमें शहर के कई जगहों से मैनहोल खुले होने के बारे बताया था, लेकिन इसके बावजूद प्रशासन ने कोई सबक नही लिया। नतीजन एक मां-बाप को पांच साल बच्चे को खोना पड़ा।