दीनानगर और पठानकोट में हुए आतंकी हमले एक जैसे
पठानकोट में एयरफाेस्र स्टेशन पर हुआ आतंकी हमला गुरदासपुर के दीनानगर में हुए हमले जैसा ही है। आतंकियों ने दोनाें जगह एक अंदाज मे हमला किया है। दीनानगर में हमला पिछले साल 27 जुलाई को हुआ था।
गुरदासपुर, [सुनील थानेवालिया]। पठानकोट के एयरफोर्स स्टेशन पर आतंकी हमला पिछले साल गुरदासपुर के दीनानगर में हमले जैसा ही था। आतंकियों ने पिछले साल 27 जुलाई 2015 को गुरदासपुर के थाना दीनानगर पर हमला किया था। वहां भी वे वाहन छीनकर पहुंचे थे और यहां भी उन्होंने वही तरीका अपनाया। दोनों हमलों का तरीका भी एक सा है।
दीनानगर हमले में एक एसपी सहित चार जवान शहीद हुए थे और तीन नागरिेक भी मारे गए थे। करीब 12 घंटे तक आतंकवादियों और सुरक्षा एजेंसियों की बीच हुई मुठभेड़ के बाद तीन आतंकियों को भी मार गिराया गया।
दीनानगर हमले में भी आतंकियों ने सीमा से पैदल घुस आने के बाद पहले एक बस को अगवा करने का प्रयास किया और फिर थाने में घुसे। इस हमले से एक दिन पहले भी उन्होंने दो गाडिय़ों को अगवा किया। भारत में पैदल घुसे। दीनानगर में घुसे आतंकी भी सेना की वर्दी में थे और यहां भी। दोनों जगह हमले का समय भी अल सुबह था।
दीनानगर हमले से पुलिस ने नहीं लिया सबक
दीनानगर हमले के बाद हालांकि पंजाब पुलिस ने कुछ दिन सतर्कता बरती मगर बाद में सीमा से जुड़े इलाकों में नाकाबंदी कम कर दी गई। यहां तक कि लोगों की हिफाजत के बंदोबस्त करने की बजाय उसने अपने थानों व चौकियों की सुरक्षा कड़ी की।
दीनानगर में हमले को पांच माह बीतने के बाद पुलिस कुछ ढीली पड़ी नजर आ रही थी, लेकिन शनिवार को पठानकोट में हुए हमले के बाद पुलिस फिर से हरकत में आ गई है। रेड अलर्ट के चलते जगह-जगह नाकेबंदी और बोरियों में रेत व मिïट्टी भरकर बंकर बनाने शुरू कर दिए हैं। साथ ही एलएमजी मशीनगन लगी जिप्सियां भी हरकत में आ गई हैं।
15 साल पहले भी एयरफोर्स स्टेशन के करीब हुआ था आतंकी हमला
पठानकोट : साल के पहले ही दिन को एयरफोर्स स्टेशन पर हमले के लिए चुन आतंकियों ने 15 साल पुराना इतिहास दोहराया है। पहली जनवरी 2001 को पठानकोट एयरपोर्ट से करीब चार किलोमीटर की दूरी पर डमटाल की फायरिंग रेंज पर विपरीत दिशा से आंतकियों ने हमला बोल कर तीन जवानों को शहीद कर दिया था।
इस हमले में आतंकी डमटाल की पहाड़ियों से आए। आतंकी इन पहाड़ियों में कई दिन छिपे रहे थे। हमला करने वाले आतंकवादियों को इस हमले से पहले जंगल से लकड़ी एकत्र करने वाली महिलाओं ने देख लिया था। इसके बाद पुलिस ने पहाड़ियों में बकायदा तौर पर सर्च अभियान चलाया लेकिन आतंकी पकड़ में नहीं आए। नए साल की सुबह जब सेना पूरे जज्बे के साथ फायरिंग प्रैक्टिस करके इसे मना रही थी आतंकियों ने विपरीत दिशा से उन पर हमला बोल दिया था।