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रोचक मुकाबला: 'हाथ’ के सामने 'ढाई किलो' का हाथ, अभिनय व अनुभव की टक्‍कर

Lok Sabha Election 2019 में पंजाब के गुरदासपुर में बेहद रोचक मुकाबला है। यहां हाथ के सामने ढाई किलो का हाथ है। यहां टक्‍कर अभिनय और अनुभव की है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 14 May 2019 09:52 AM (IST)Updated: Tue, 14 May 2019 03:00 PM (IST)
रोचक मुकाबला: 'हाथ’ के सामने 'ढाई किलो' का हाथ, अभिनय व अनुभव की टक्‍कर
रोचक मुकाबला: 'हाथ’ के सामने 'ढाई किलो' का हाथ, अभिनय व अनुभव की टक्‍कर

गुरदासपुर, [हृदय नारायण मिश्र]। पंजाब की गुरदासपुर सीट पर मुकाबला बेहद खास और रोमांचक हो चला है। अभिनेता सनी देयोल को भाजपा द्वारा यहां से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद यह सीट सुर्खियों में है। सनी देयोल का मुकाबला कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व मौजूदा सांसद सुनील जाखड़ से है। सनी अपने अंदाज में कांग्रेस के मौजूदा सांसद सुनील जाखड़ को कड़ी चुनौती दे रहे हैं। सनी देयोल पिछले माह ही भाजपा में शामिल हुए हैं, लेकिन राजनीति के माहिर खिलाड़ी जाखड़ के लिए उन्‍होंने मुश्किल खड़ी कर दी है।

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बॉर्डर पर बसे लोगों को सनी से उम्मीद

चुनावी माहौल गर्माने के बावजूद पाकिस्तान से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों में सन्नाटा है। पठानकोट जिले में भारतीय सीमा के आखिरी गांव सिंबल सकोल की रानी देवी और कांता देवी कहती हैं कि उन्हें किसी भी पार्टी के नेता पर अब भरोसा नहीं रहा। यह पूछने पर कि वोट किसे देंगी, दोनों उलटा सवाल करती हैं कि तुस्सी दसो कित्थे वोट पावां (आप ही बताओ किसे वोट दें)? काफी कुरेदने पर धीमे से कहती हैं कि देखो जी, खन्ना ने बहुत काम किया। वह नेता तो नहीं था, इसलिए हमारा वोट सनी को ही जाएगा। क्या पता वह तरना दरिया पर पुल बनवा दे। क्‍योंकि खन्ना ने रावी और उज दरिया पर पुल बनवा दिए जिसके बारे में हम सोच भी नहीं सकते थे।

रानी और कांता दरअसल स्व. विनोद खन्ना की बात कर रही थीं। पांच बार सांसद रहीं कांग्रेस की सुखबंस कौर भिंडर को हराने वाले अभिनेता विनोद खन्ना अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन गुरदासपुर संसदीय क्षेत्र में आज भी उनकी चर्चा सबसे अधिक है। यहां से चार बार जीते खन्ना को लोग पुलों का बादशाह कहते हैं। अब एक और अभिनेता यानी सनी देयोल से भी वे इसी तरह की उम्मीद लगा रहे हैं।

चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस प्रत्‍याशी सुनील जाखड़।

सकोल से कुछ दूरी पर स्थित तरना दरिया पर पीपे का पुल है और बारिश होने पर बीएसएफ इस पुल को हटा देती है जिससे गांव वालों को काफी दिक्कत होती है। काफी ऊंचाई पर स्थित इस गांव से एक किलोमीटर आगे पाकिस्तान शुरू हो जाता है। यहां सीमा सुरक्षा बल की 132वीं बटालियन की चौकी है जहां से पाक का गांव लेलियन और पाकिस्तानी झंडा दिखता चौकी में दूध पहुंचाकर लौट रहे तरसेम लाल कहते हैं कि जाखड़ माड़ा (माड़ा यानी खराब) बंदा नहीं है, लेकिन दो साल में कैप्टन सरकार ने निराश किया है। वोट किसे दूंगा, यह बताने वाली बात नहीं है क्योंकि कई बार वोट देने के आधा घंटा पहले मूड बदल जाता है।

लोग नहीं भूले हैं आतंकी हमले को

इस संसदीय क्षेत्र में गुरदासपुर और पठानकोट दो जिले आते हैं। दोनों जिलों की सीमाएं पाकिस्तान से लगती हैं। पूरे संसदीय क्षेत्र में विकास की कमी, उद्योगों का अभाव और बेरोजगारी प्रमुख मुद्दा होने के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद भी मुद्दा है। स्थानीय लोग दीनानगर थाने और पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन परिसर पर हुए आतंकी हमलों को नहीं भूले हैं। नशे की समस्या भी है लेकिन बेअदबी चुनावी चर्चा में नहीं है। गुरदासपुर के बटाला में फल की दुकान चलाने वाले मुकद्दर कहते हैं कि एक बार मोदी फिर प्रधानमंत्री बन जाएं तो जम्मू-कश्मीर की समस्या ही खत्म हो जाएगी। वह खुद ही सवाल करते हैं कि अब यह बताने की जरूरत तो नहीं कि मैं वोट किसे दूंगा।

कहां किस पार्टी का पलड़ा भारी

22 अप्रैल को भाजपा में शामिल होने वाले सनी कोई सियासी भाषण नहीं देते हैं। वह कहते हैं कि उन्हें राजनीति नहीं आती, लेकिन काम करके दिखाएंगे। पठानकोट में भाजपा काफी मजबूत है, लेकिन यहां सिर्फ तीन विधानसभा सीटें हैं। पठानकोट में कांग्रेस ने भी पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा के लिए अधिक चुनौती गुरदासपुर में है, जहां छह विधानसभा सीटें हैं और इनमें भी डेरा बाबा नानक सीट पर कांग्रेस काफी मजबूत है। इसके अलावा सुनील जाखड़ काफी पहले से प्रचार कर रहे हैं और अधिक क्षेत्र उन्होंने कवर कर लिया है जबकि सनी देयोल अभी सभी विधानसभा क्षेत्रों में रोड शो भी नहीं कर पाए हैं, लोगों से मिलना तो दूर की बात है।

नौ में से दो विधानसभा सीटें शिअद-भाजपा के पास 

कुल नौ विधानसभा सीटों में भाजपा व शिअद का एक-एक और सात पर कांग्रेस का कब्जा है। अधिकतर पंचायतों पर भी कांग्रेस समर्थित सरपंच होने से जाखड़ ग्रामीण क्षेत्रों में राहत महसूस कर रहे हैं, लेकिन उनके भाषणों में साफ झलकता है कि सनी का स्टारडम चुनौती पेश कर रहा है। जाखड़ कहते हैं, मैं डॉयलाग नहीं बोल सकता, मैं डांस नहीं करता, यदि इसे लेकर किसी को मुझसे नाराजगी है तो मुझे वोट न दे।

धर्मेंद्र भी बेटे के लिए लगा रहे जोर

भाजपा सनी देयोल के स्टारडम के बल पर यह सीट फिर से हथियाना चाहती है। सनी को जिताने के लिए अकाली दल भी जी-जान से लगा हुआ है। कांग्रेस के लिए भी यह सीट प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है क्योंकि जाखड़ प्रदेश अध्यक्ष हैं। सनी देयोल के पिता अभिनेता धर्मेंद्र भी दो दिन से सभाएं कर रहे हैं और लोगों से मिल रहे हैं। हालांकि धर्मेंद्र सनी के साथ रोड शो में तो दिखाई नहीं दिए, लेकिन अलग-अलग इलाकों में वह छोटी-छोटी सभाएं कर लोगों से मिल रहे हैं। वह यही कहते हैं कि उनका पंजाब से बहुत लगाव है। बेटे को सेवा करने का मौका दें, निराश नहीं करेंगे।

धमाकेदार डॉयलॉग भी सुना रहे हैं सनी
सनी के प्रचार का स्टाइल रोड शो है। लोग उनकी एक झलक पाने के लिए करीब 40 डिग्री तापमान में दो-दो घंटे इंतजार करते हैं। जनता की बेहद मांग पर वह हिंदुस्तान जिंदाबाद था, जिंदाबाद है और जिंदाबाद रहेगा..., जब ये ढाई किलो का हाथ पड़ता है तो आदमी उठता नहीं.. उठ जाता है..., तारीख पे तारीख... जैसे अपने लोकप्रिय फिल्मी डायलॉग सुनाते हैं।

उनकी दमदार आवाज, जोशीला अंदाज और शर्मीला स्वभाव जनता को भाता है। खासकर युवाओं को। करीब डेढ़ लाख युवा वोटर हैं जो सनी की राह आसान कर सकते हैं। लिहाजा सनी युवाओं की बात अधिक करते हैं। कहते हैं- खेलों को बढ़ावा देना है, युवाओं को रोजगार देना है, किसानों की समस्या दूर करनी है और क्षेत्र का विकास करना है। बस आप लोग मेरा साथ दें।

जाखड़ के लिए चुनौती
कांग्रेस के सुनील जाखड़ अनुभवी राजनेता हैं। उनके पिता बलराम जाखड़ केंद्रीय मंत्री और  लोकसभा के स्पीकर थे। सुनील पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे हैं। विनोद खन्ना के निधन के बाद करीब डेढ़ साल पहले हुए उपचुनाव में उन्होंने करीब दो लाख वोटों से जीत हासिल की थी, लेकिन अब परिस्थितियां बदली हुई हैं। सनी देयोल का ‘ढाई किलो’ का हाथ जहां कड़ी चुनौती पेश कर रहा है, वहीं कैप्टन सरकार के दो साल के कामों की भी लोग समीक्षा कर रहे हैं। मुलाजिम वर्ग (कर्मचारी) में डीए और वेतन आयोग की सिफारिशों आदि को लेकरृसरकार के प्रति काफी नाराजगी है। प्रदेश सरकार में इस क्षेत्र से तीन मंत्री हैं जिनकी कारगुजारियों पर भी चर्चा हो रही है।
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'' मैं डॉयलाग नहीं बोल सकता, मैं डांस नहीं करता,यदि इसे लेकर किसी को मुझसे नाराजगी है तो मुझे
वोट न दे...।
                                                                             - सुनील जाखड़,मौजूदा सांसद व प्रत्याशी, कांग्रेस।
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'' खेलों को बढ़ावा देना है, युवाओं को रोजगार देना है, किसानों की समस्या दूर करनी है और क्षेत्र का विकास करना है। बस आप लोग मेरा साथ दें...।
                                                                                                     - सनी देयोल, भाजपा प्रत्याशी।
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हमारा पंजाब से बहुत लगाव है। बेटे को सेवा करने का मौका दें, निराश नहीं करेंगे। हम आप का सहयोग मांगते हैं। हमारा साथ दें। ये जीत आप की होगी। मेरे पंजाब के भाई-बहनों की होगी। भारत मां के एक खूबसूरत
अंग गुरदासपुर की होगी।
                                                                                                     - धर्मेंद, अभिनेता (सनी के पिता)

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