बटाला सिविल अस्पताल में डेंगू से निपटने की व्यवस्था नहीं
सिविल अस्पताल की डेंगू वार्ड में गंदगी से आहत होकर वहां पर उपचाराधीन मरीजों को उनके तीमारदार छुट्टी करवा अमृतसर के अस्पताल में इलाज करवाने ले गए। एक ही परिवार से संबंधित मेंबर यूपी के जिला बरेली, थाना आमला, गांव सुज्जनपुर के रहने वाले है।
विनय कोछड़, बटाला : सिविल अस्पताल की डेंगू वार्ड में गंदगी से आहत होकर वहां पर उपचाराधीन मरीजों को उनके तीमारदार छुट्टी करवा अमृतसर के अस्पताल में इलाज करवाने ले गए। एक ही परिवार से संबंधित मेंबर यूपी के जिला बरेली, थाना आमला, गांव सुज्जनपुर के रहने वाले है। पिछले 10 साल से तहसील बटाला के मुर्गी मोहल्ला में रह रहे है। इनकी पहचान अर्जुन (14) ¨पकी (14), पुष्पा (35), अरुण (12), अंशू (5) के तौर पर हुई है। मुर्गी मोहल्ला में डेंगू के 5 केस सामने आने पर सारे मोहल्ले के इलाका निवासियों में दहशत का माहौल है। सिविल अस्पताल में ठीक इलाज न मिलने पर प्रशासन के प्रति काफी आक्रोश है।
इस संबंध में सिविल सर्जन डा.कृष्ण चंद से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि बटाला सिविल अस्पताल में डेंगू वार्ड तो जरूर है, लेकिन इलाज के लिए उनके पास जरूरी उपकरण मौजूद नही है। इसलिए उन्हें मजबूरीवश डेंगू के मरीजों को अमृतसर के श्री गुरु नानक देव अस्पताल रेफर किया जाता है।
जिला उपायुक्त विपुल उज्जवल को मामले की जानकारी मिलने पर शुक्रवार को जिला स्तरीय अधिकारियों की एक बैठक बुलाई। उन्होंने सिविल सर्जन डॉ.कृष्ण चंद व सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. राजीव भल्ला को सख्त आदेश जारी करते कहा कि शहर में हर जगह डेंगू से जागरुकता के लिए विभिन्न टीमों का गठन किया जाए। वे गांव व जिलों में हर घर जाकर लोगों को इस बीमारी के प्रति अवेयर करें।
बताया जा रहा है कि दस दिन पहले ये परिवार का पांच वर्षीय बेटा अंशू बीमार हो गया, जिसे पास में स्थित डाक्टर के पास जाकर चेकआप करवाया। डाक्टर ने उसे दवाई दी। उसके खाने के बावजूद सेहत में कोई सुधार नहीं आया। उसके बाद परिवार के अन्य सदस्य भी बीमार हो गए, जिन्होंने डाक्टर से दवाई ली, और दस दिन तक इलाज चला, लेकिन कोई सुधार नही आया, बल्कि तबीयत ओर बिगड़ गई। एक दिन पहले घर के सारे सदस्य बहुत ज्यादा बीमार हो गए। उनकी बिगड़ती तबीयत को देखते पड़ोसियों ने 108 नंबर एंबुलेंस को फोन किया। इन्हें सिविल अस्पताल के डेंगू वार्ड में दाखिल करवाया गया। वार्ड में गंदगी होने के कारण वहां से दुर्गंध आ रही थी। तीमारदारों ने उन्हें अस्पताल से छुट्टी करवाकर अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल ले गए। यहां पर उन्हें डेंगू की स्पैशल वार्ड में भर्ती किया गया।
लोग प्रशासन को ठहरा रहे जिम्मेदार
बटाला। एक साथ पांच केस डेंगू के सामने आने पर प्रशासन व लोगों में हड़कंप है। लोगों ने प्रशासन को इन डेंगू के केस के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इस सीजन जुलाई में प्रशासन की तरफ से कोई फो¨गग नही करवाई गई, जिसके चलते मुर्गी मोहल्ला में एक परिवार के पांच केस सामने आए है। उन्होंने आरोप लगाते कहा कि उनकी गलियों में हमेशा पानी खड़ा रहता है। इसके लिए वे प्रशासन के संबधित विभाग के पास जाकर उन्हें कितनी बार लिखित शिकायत दे चुके है। अब तक किसी ने कोई कार्रवाई नही की। अब मोहल्ले में पांच केस सामने आने पर प्रशासन अपनी साख बचाने के लिए लीपापोती कर रही है।
सिविल असतपल में डेंगू वार्ड पर जड़ा ताला
सिविल अस्पताल बटाला ने डेंगू वार्ड के बाहर ताला जड़ दिया है। अंदर गंदगी फैल रखी है। अगर कोई डेंगू का केस आता है तो उन्हें कुछ देर जहां भर्ती करते है। फिर बाद में उन्हें अन्य अस्पताल रेफर कर देते है। मरीज को यह हवाला देते है कि उनके पास इलाज की कोई सुविधा नही है।
डेंगू के लक्षण
डॉ.हरमणदीप कौर ने बताया कि डेंगू अक्सर साफ पानी खड़ा रहने से होता है। अपने घर की टंकियों में पड़ा साफ पानी समय-समय पर बदल देना चाहिए। क्योंकि इससे डेंगू मच्छर पैदा होता है। उन्होंने बताया कि डेंगू मच्छर घर में रखें कबाड़ के सामान से पैदा होता है। यह अधिकतर अल-सुबह व दोपहर को काफी सक्रिय होता है। एक हफ्ते के भीतर डेंगू मच्छर पैदा होता है।
कैसे बचा जाए डेंगू से
हमेशा कपड़े फुल बाजू के डाले जाए। अगर बुखार होता है, तो डॉक्टर के पास जाकर अपना चेकआप करवाए। डाक्टर के मुताबिक अपना इलाज चलना चाहिए। अपनी मर्जी से कोई दवाई नही खानी चाहिए, हमेशा डाक्टर की सलाह लें। बुखार होने पर अपना टेस्ट जरूर करवाएं, ताकि उसमें सब कुछ क्लीयर हो जाए।
प्रशासन लगाएगा जागरुकता कैंप
शहर में डेंगू के पांच संदिग्ध केस सामने आने पर प्रशासन ने इसपर नकेल कसने के लिए विभिन्न टीमों का गठन कर दिया है। ये टीमें लोगों के घरों में जाकर उन्हें डेंगू के प्रति जागरुक करेगी। शुक्रवार को डीसी ने इस मसले को गंभीरता से लेते सिविल सर्जन को आदेश जारी कर इनपर जल्द अमल करने के आदेश जारी कर दिए है।