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500 साल पुरानी मजार के कारण करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण प्रभावित

पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के खुले दर्शनों के लिए बनाए जा रहे कॉरिडोर के निर्माण में कुछ ऐतिहासिक व पुश्तैनी मजार आड़े आ रही हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 28 Jun 2019 03:32 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jun 2019 08:26 AM (IST)
500 साल पुरानी मजार के कारण करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण प्रभावित
500 साल पुरानी मजार के कारण करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण प्रभावित

कलानौर [महिंदर सिंह अर्लीभन्न]। पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के खुले दर्शनों के लिए बनाए जा रहे कॉरिडोर के निर्माण में कुछ ऐतिहासिक व पुश्तैनी मजार आड़े आ रही हैं, जिससे कॉरिडोर को जाने वाले रास्ते का काम प्रभावित हो रहा है। इन्हीं मजारों के कारण डेरा बाबा नानक के पास बीच-बीच में करीब दो सौ मीटर जगह पर काम भी रोक दिया गया।

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नेशनल हाईवे अथॉरिटी विरोध के कारण उस जगह को छोड़ बाकी रास्ता बनाने के लिए मजबूर है। दरअसल, कॉरिडोर को जाने वाले रास्ते में करीब 12 मजार हैं। इन मजारों में एक पांच सौ साल पुरानी तकिया बाबा निमाने शाह की मजार भी है। प्रशासन चाहता है कि इन सभी मजारों को हटाकर वहां रास्ता बनाया जाए। इसके लिए प्रबंधकों को नोटिस भी भेजा गया है। उन्हें कहा गया है कि जमीन का बनता मूल्य लेकर इसे खाली किया जाए, लेकिन प्रबंधक किसी भी कीमत पर जमीन छोड़ने को तैयार नहीं है।

दूसरी तरफ निमाने शाह की मजार की सेवा निभा रहे रसीद फकीर निवासी गांव पखोके ने बताया कि उनकी यह मजार करीब पांच सौ साल पुरानी है। 1947 में बंटवारे से पहले मुस्लिम भाईचारा यहीं पर नतमस्तक होता था। इसी मजार को बचाने के लिए 1992 में उसके पिता फिरोजशाह ने जान तक दे दी थी। उसके बाद से उनकी मजार भी यहां पर ही स्थापित है। पीर मिट्ठे शाह, पीर फाजल शाह पीर, नादर शाह पीर, दीनेशाह पीर, नत्थे शाह पीर, बब्बर शाह पीर, फिरोजशाह पीर व अन्य प्राचीन मजार भी यहीं पर हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि हाईवे अथॉरिटी जानबूझकर मजारों को तोडऩे में लगा है। अथॉरिटी की तरफ से पहले की गई निशानदेही में निमाने शाह की मजार नहीं आती थी, लेकिन माल विभाग के कुछ अधिकारियों ने अपनी निजी जायदाद बचाने के लिए कॉरिडोर का रास्ता मजार की तरफ मोड़ दिया। उन्होंने इस बारे में एसडीएम व हाईवे अथॉरिटी के अधिकारियों को भी सूचित किया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर रास्ते का मोड़ सीधा नहीं किया गया तो वह अपने परिवार सहित मजार को बचाने के लिए जान तक कुर्बान कर देंगे।

अब नहीं हो सकता डी-नोटीफिकेशन

हाईवे अथॉरिटी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर जसपाल सिंह ने बताया कि कॉरिडोर का निर्माण नोटीफिकेशन होने के बाद शुरू करवाया गया है। रास्ते में पीर बाबा निमाने शाह की जगह आती हैं। इस जमीन की राशि उक्त जगह के सेवादार प्राप्त कर सकते हैं। भारत सरकार की ओर से खरीदी गई जमीन का डी-नोटीफिकेशन नहीं हो सकता। उन्होंने बताया कि इस रास्ते के निर्माण में एक भोले शंकर व एक हनुमान जी की मूर्ति भी आ रही हैं। इन दोनों मूर्तियों को अन्य जगह पर शिफ्ट किया जाएगा।

डेरा बाबा नानक में दर्शनों के लिए दोबारा लगाई गई दूरबीन

करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए डेरा बाबा नानक में दूरबीन को दोबारा स्थापित करवा दिया गया है। बीएसएफ ने दूरबीन के लिए इस बार अस्थायी शेड बनाया है। दर्शनी स्थल से कुछ दूरी पर लगाई दूरबीन से वीरवार को भीषण गर्मी के बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे। बता दें कि कॉरिडोर के निर्माण के लिए छह मई को दूरबीन स्थल को गिरा दिया गया था। उस कारण करीब डेढ़ महीने तक लोग दूरबीन से दर्शन नहीं कर पाए। डेरा बाबा नानक से श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा की दूरी करीब तीन से चार किलोमीटर है।

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