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समय पर नहीं मिला इलाज, काटनी पड़ी टांग

निकटवर्ती गांव हरदोबथवाला में ईट-भट्ठे पर काम करने वाले मजदूर गुलाम मसीह का सही समय पर इलाज नहीं होने के कारण उसकी टांग काटनी पड़ी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 10:09 PM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 05:10 AM (IST)
समय पर नहीं मिला इलाज, काटनी पड़ी टांग
समय पर नहीं मिला इलाज, काटनी पड़ी टांग

संस, गुरदासपुर : निकटवर्ती गांव हरदोबथवाला में ईट-भट्ठे पर काम करने वाले मजदूर गुलाम मसीह का सही समय पर इलाज नहीं होने के कारण उसकी टांग काटनी पड़ी। गुलाम मसीह को एक स्कूटी चालक ने गांव में ही जोरदार टक्कर मार दी थी। हादसे में गुलाम मसीह की टांगें बुरी तरह से फैक्चर हो गई। उसे सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया। यह घटना तीन अक्टूबर की है। अस्पताल में मौके पर किसी प्रकार के टेस्ट व एक्स-रे वगैरह की सुविधा नहीं मिलने के कारण उसे बाहर निजी अस्पतालों व सेंटरों से टेस्ट करवाने के लिए धक्के खाने पड़े। समय रहते उसका इलाज शुरू नहीं होने के कारण उसकी टांग में रक्त बहना बिल्कुल बंद हो गया। इस कारण उसकी टांग पूरी तरह से काली पड़ गई।

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नौबत यह आ गई कि उसकी टांग काटनी पड़ी। अब उसके पास इलाज करवाने के लिए एक रुपया तक नहीं बचा। जब उसे अस्पताल लाया गया तब डाक्टरों ने भी इलाज सही ढंग से नहीं किया। यही कारण रहा कि वह दिव्यांग हो गया है। छह दिन पहले डाक्टरों ने गुलाम मसीह की टांग काटी है। गुलाम मसीह ने बताया कि हादसे के बाद उसे जब अस्पताल लाया गया तभी उसे सभी सुविधाएं मुहैया करवाई गई होती और इलाज शुरू कर दिया होता तो उसे यह दिन देखना नहीं पड़ता। उसके आगे पीछे कोई भी कमाने वाला नहीं है। उसकी पत्नी, दो बेटियां और एक छोटा आठ वर्षीय बेटा है। दोनों बेटियों में से एक दिमागी तौर पर परेशान है और दूसरी को कानों से सुनाई नहीं देता। वह अकेला ही अपने परिवार को मजदूरी का काम करके पालता है। लेकिन अब उसकी एक टांग काट दी गई है। इस कारण वह दिव्यांग हो गया है और किसी काम का नहीं रहा। उसके इलाज के लिए उसकी पत्नी रिश्तेदारों व अन्य सखे संबंधियों से पैसे मांग रही है। चोट ज्यादा थी, इसलिए काटनी पड़ी टांग : डा. राज कुमार

सर्जरी स्पेशलिस्ट डा. राज कुमार ने कहा कि टांग का सारा हिस्सा फैक्चर होने के कारण टांग मजबूरन काटनी पड़ी। यदि टांग ना काटते तो शरीर में जहर फैल जाता है और मरीज की जान को भी खतरा बन सकता था। अस्पताल में मरीज का समय रहते ही इलाज शुरू कर दिया गया था। अस्पताल में कोई लापरवाही नहीं बरती जा रही : सीएस

सिविल सर्जन डा. वरिदर जगत का कहना है कि सिविल अस्पताल में डाक्टरों द्वारा कोई भी लापरवाही नहीं बरती जा रही। उनकी ओर से सख्त आदेश दिए गए हैं कि अस्पताल में सभी मरीजों का इलाज बिल्कुल सही ढंग से मौके पर ही किया जाए। जो सुविधाएं अस्पताल में नहीं हैं उस संबंधी सरकार को लिख कर भेजा गया है।


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