एससी एसटी आरक्षण के विरोध में जनरल कैटेगरी ने करवाया स्वतंत्रता दिवस पर शहर बंद
बुधवार को एक तरफ जहां स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम चल रहा था तो दूसरी तरफ शहर में जनरल कैटेगरी और भारतीय समानता मंच के सदस्य स्वतंत्रता दिवस को काले दिन के रूप में मनाते हुए शहर की दुकानें बंद करवा रहे थे। वही इस बात की सूचना मिलने के तुरंत पश्चात थाना सिटी प्रभारी रितु तपन पुलिस पार्टी के साथ मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत शुरू करते हुए अमन शांति से अपना प्रदर्शन करने की अपील की।
जागरण संवाददाता, गुरदासपुर : बुधवार को एक तरफ जहां स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम चल रहा था तो दूसरी तरफ शहर में जनरल कैटेगरी और भारतीय समानता मंच के सदस्य स्वतंत्रता दिवस को काले दिन के रूप में मनाते हुए शहर की दुकानें बंद करवा रहे थे। वही इस बात की सूचना मिलने के तुरंत पश्चात थाना सिटी प्रभारी रितु तपन पुलिस पार्टी के साथ मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत शुरू करते हुए अमन शांति से अपना प्रदर्शन करने की अपील की।
प्रदर्शनकारी बटाला से ब्राह्मण भवन में एकत्रित हुए इसके बाद सभी दलों के नेता हनुमान चौक से शहर के मुख्य बाजारों की तरफ केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी भड़ास निकालते हुए दुकानदारों को दुकानें बंद रखने की अपील करते रहे। जनरल कैटेगरी के इस विरोध का दुकानदारों ने भी पूर्ण समर्थन दिया और अपनी दुकानें बंद रखकर सरकार के इस फैसले के खिलाफ कड़ा एतराज भी जताया।
जाति आधारित भेदभाव खत्म हो : ओम प्रकाश
भारतीय समानता मंच के नेता और शिव सेना पंजाब के जिला प्रधान प्रदीप शर्मा ओमप्रकाश शर्मा लकी स्वामी आदि लोगों ने कहा के जाति पर आधारित भेदभाव सरकार को तुरंत खत्म करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से ऐसी एक्ट को ठोक कर जाति आधारित भेदभाव को बढ़ावा दिया है। इसका जनरल समाज पुरजोर विरोध करता है।
पुलिस के फूले हाथ-पांव
जनरल केटेगरी की ओर से बंद के आह्वान दौरान जिला पुलिस के हाथ पांव फूल गए एक तरफ जहां स्वतंत्रता दिवस पर कार्यक्रम चल रहा था, तो दूसरी ओर शहर के लोग सड़कों पर उतरे हुए थे माहौल खराब ना हो इसके लिए पुलिस प्रशासन ने भी भारी सुरक्षा बल तैनात किया हुआ था। जैसे ही स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू गुरदासपुर में दाखिल हुए तो प्रदर्शनकारी भी एक तरफ अपना प्रदर्शन शुरू कर दिया। हालांकि इस दौरान किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ जबकि पुलिस प्रशासन के हाथ पांव फूले रहे।