वार्डो में लगे कचरे के ढेर, लोग स्वच्छता एप से अनजान
दीनानगर में स्व'छता को लेकर शहरवासी बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। इस बात का अंदाजा नगर कौंसिल दीनानगर की ओर से बनाई गई स्व'छता महुआ एप से लगाया जा सकता है। इस एप में प्रतिमाह 7 से 8 शिकायतें ही लोगों द्वारा एप पर डाली जा रही है।
शंकर श्रेष्ठ, दीनानगर : दीनानगर में स्वच्छता को लेकर शहरवासी बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। इस बात का अंदाजा नगर कौंसिल दीनानगर की ओर से बनाई गई स्वच्छता महुआ एप से लगाया जा सकता है। इस एप में प्रतिमाह 7 से 8 शिकायतें ही लोगों द्वारा एप पर डाली जा रही है।
नगर कौंसिल की ओर से शहर में जगह-जगह लगे गंदगी के ढेरों की समस्या के समाधान के लिए स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान जनवरी 2017 माह में इस एप को लांच किया गया था। हालांकि शुरू शुरू में लोगों ने काफी हद तक अपनी समस्याओं को एप के माध्यम से कौंसिल अधिकारियों तक पहुंचाया। इसका कौंसिल सफाई कर्मियों की ओर से बेहतरीन रिस्पांस देखने को मिला। शहर के विभिन्न वार्डों में कचरे के ढेर लगे पड़े हैं, लेकिन शहरवासी एप से अंजान बने हुए हैं, जिसके चलते कचरे के ढेर राहगीरों एवं स्थानीय लोगों का मुंह चिढ़ा रहे हैं।
मोदी सरकार द्वारा शहर में स्वच्छता को कायम रखने के लिए इस एप को जनवरी 2017 में लॉन्च किया गया था। हैरानी की बात यह है कि अभी तक एप को लॉन्च हुए करीब डेढ़ वर्ष का समय गुजरने को है, लेकिन दीनानगर में सफाई व्यवस्था से संबंधित मात्र 2800 शिकायतें ही आई हैं। हालांकि शहर में जगह जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। इसके चलते राहगीरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन एप से अनजान होने के कारण वह गंदगी की फोटो को एप के माध्यम से काउंसिल अधिकारियों तक नहीं पहुंच पा रहे जिसके चलते शहर में गंदगी की व्यवस्था चरमरा रही है।
नहीं लगाए जा रहे जागरुकता सेमिनार
काबिलेजिक्र है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत शुरू की गई इस एप के माध्यम से आप शहर में किसी भी स्थान पर शौचालय, शहर की गंदगी व्यवस्था की शिकायत आदि की जानकारी हासिल कर सकते हैं। लेकिन शहरवासी इस बात से अनजान होने के चलते इस एप का लाभ नहीं ले पा रहे। वहीं विभाग की ओर से भी लोगों को जागरुकता करने के लिए सेमिनार नहीं लगाए जा रहे, ऐसे में लोगों में जागरूकता का हो पाना बेहद मुश्किल है।
लोगों ने कहा, एप पर भरोसा नहीं
शहरवासी जनक राज, प्रीतम कुमार, मुनीष ठाकुर, अभिनव चौधरी आदि ने संयुक्त रुप से बताया कि सर्कुलर रोड, शीतला माता मंदिर रोड, रेलवे फाटक के पास बहरामपुर रोड पर कूड़े की लिखित शिकायत के बावजूद भी कूड़ा करकट नहीं उठाया जाता, तो ऐसे में एप के माध्यम से क्या कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि एप के माध्यम से अधिकारियों तक गंदगी के आलम को पहुंचाना बेहद जरूरी है, लेकिन इससे भी जरूरी है कि गंदगी को साफ भी करवाया जाए।
जागरूकता के लिए नहीं दिखाई जा रही विशेष रुचि
भले ही नगर कौंसिल द्वारा सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए शहर में स्वच्छता महुआ एप को लॉन्च तो कर दिया गया है, लेकिन विभाग द्वारा लोगों को स्वच्छता की महत्व संबंधी जागरूकता के लिए कोई विशेष रूची नहीं देखने को मिल रही। जिसके चलते लोग अभी भी एप के महत्व से अंजान बने हुए हैं। विभाग को चाहिए कि समय-समय पर सेमिनार लगाकर लोगों को इस एप को डाउनलोड करने संबंधी प्रेरित करें, ताकि अधिक से अधिक लोग इस आपका लाभ ले सके।
शुरू में में मिला था बेहतर रिस्पांस : सेनेटरी इंस्पेक्टर
इस संबंधी जब नगर कौंसिल के सेनेटरी इंस्पेक्टर हरपाल ¨सह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह समय-समय पर लोगों को इस एप के महत्व संबंधी जागरूक करते हैं। उन्होंने कहा कि शुरू शुरू में लोगों द्वारा प्रतिदिन करीब 40 से 50 शिकायतें की जाती थी, लेकिन अब मात्र 7 से 8 लोगों की शिकायतें ही प्रतिदिन देखने को मिल रही हैं।