लॉकडाउन से अधिकतर व्यापार चौपट, त्यौहारों पर भी दिखने लगा असर
वैश्विक महामारी के चलते संपूर्ण लगाए लॉकडॉउन से हर किस्म का व्यापार मंदी की चपेट में है।
संजय तिवारी, नरेश भनोट, बटाला
वैश्विक महामारी कोरोना के चलते लगाए लॉकडॉउन से बेशक पंजाब सरकार ने कुछ राहत देते हुए रोटेशन वाइज दुकानें खोलने का दिशा निर्देश जारी किए हैं, लेकिन इसके बावजूद व्यापार मंदी की चपेट में है। धार्मिक स्थलों का ना खोला जाना, फिजिकल डिस्टेंसिंग की वजह से त्योहारों पर इकट्ठा ना होने की आज्ञा मिलना भी व्यापार में मंदी का कारण बन रहा है। इसकी ताजा मिसाल श्री गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस व निर्जला एकादशी पर लगने वाली छबीलें हैं। छबीलें लगाने की अनुमति न मिलने की वजह से इस बार शरबत विक्रेता,टेंट हाउस तथा डीजे मालिक मायूस नजर आए और अपनी दास्तां बयां की। शरबत व चीनी की बिक्री में आई कमी
कोट कुल जसराय में करियाना स्टोर चलाने वाले किशोर कुमार सरीन ने बताया कि प्रत्येक वर्ष पंचम पातशाही श्री गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस तथा निर्जला एकादशी के दौरान 15 दिनों तक धार्मिक संगठन छबीलें लगाते हैं। इनमें शरबत चीनी बर्फ तथा दूध का काफी मात्रा में प्रयोग होता रहा है, लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला। लॉकडाउन की वजह से लोग अपने घरों में ही रहने को तरजीह दे रहे हैं। दुकानदारों को हो रहा दोहरा नुकसान
गांधी चौक के पास करियाने की दुकान चलाने वाले प्राग अग्रवाल ने कहा की इस बार बड़े-बड़े कैन में बिकने वाला शरबत बिल्कुल नहीं बिका। प्लास्टिक के कैन में जो शरबत भरा रहता है। उसे चूहे काट देते हैं। इसके कारण इस बार शरबत का थोक में व्यापार करने वाले दुकानदारों को दोहरा नुकसान उठाना पड़ा। शरबत ना बिकने की वजह से चीनी भी इस बार कम बिकी है। यह बात अलग है कि घरों में शरबत प्रयोग करने वाले लोग बोतल की पैकिग रूटीन में ले जा रहे हैं। डीजे का कारोबार पूरी तरह चौपट
नामवर रिजॉर्ट्स में डीजे लगाकर वाहवाही लूट चुके कृष्णा डीजे के मालिक संजीव उर्फ बब्बू ओहरी ने बताया कि पिछले दो माह से डीजे का कारोबार बिल्कुल चौपट पड़ा है और निकट भविष्य में इसके जल्दी शुरू होने के आसार भी नहीं नजर आ रहै। जब तक कोविड-19 को लेकर लोगों में भय व्याप्त रहेगा,तब तक विवाह-शादियों तथा धार्मिक उत्सवों पर लोग इकट्ठा नहीं होंगे। इसलिए हालात से समझौता करना डीजे का कारोबार करने वालों की मजबूरी बन गया है। वर्करों को देना पड़ता है खर्चा
रणदेव टेंट हाउस के मालिक तरजिदर सिंह ने बताया की पुलिस जिला बटाला में छोटे-बड़े कुल मिलाकर 500 के करीब टेंट हाउस हैं। लॉकडॉउन की वजह से इन सभी का कारोबार चौपट हो चुका है। कई दुकानदार कारोबार बंद करके नया काम करने लग पड़े हैं। बड़े स्तर पर जो दुकानदार यह धंधा करते हैं, उन्हें अपने पास टेंटों के रखरखाव के लिए रखे गए व्यक्तियों का खर्चा भी खुद उठाना पड़ रहा है। सरकार द्वारा विवाह-शादियों पर जो 50 लोगों के इकट्ठा होने की आज्ञा दी गई है। उसके लिए टेंट की व्यवस्था करने पर वर्करों का खर्चा भी नहीं निकलता। निकट भविष्य में टेंट का कारोबार खुलने की संभावना भी नगण्य नजर आ रही है।