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बटाला का नीरप्रीत सिंह देहरादून पासिग आउट परेड में बना लेफ्टिनेंट

इंडियन मिलिट्री एकेडमी देहरादून पासिग आउट परेड में पंजाब के विभिन्न जिलों के युवाओं को लेफ्टिनेंट के तौर पर कमीशन मिला है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Jun 2021 10:33 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 10:33 PM (IST)
बटाला का नीरप्रीत सिंह देहरादून पासिग आउट परेड में बना लेफ्टिनेंट

संजय तिवारी, बटाला : इंडियन मिलिट्री एकेडमी, देहरादून पासिग आउट परेड में पंजाब के विभिन्न जिलों के युवाओं को लेफ्टिनेंट के तौर पर कमीशन मिला है। इसी तरह, बटाला के शांति नगर के रहने वाले जवान नीरप्रीत सिंह को इंडियान मिलिट्री एकेडमी, देहरादून पासिग आउट परेड में लेफ्टिनेंट के तौर पर कमीशन मिला है।इस संबंध में अपनी खुशी जाहिर करते हुए नीरप्रीत सिंह के पिता जतिदर सिंह ने बताया कि जब उन्हें पता चला कि उनका बेटे को लेफ्टिनेंट के तौर पर कमीशन मिला है, तो उनके परिवार के खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा है। बताया कि उनके बेटे नीरप्रीत सिंह ने बटाला शहर व पूरे जिले का नाम रोशन किया है। उन्होंने बताया कि वे बिजली विभाग में जेई है। अपने बेटे नीरप्रीत सिंह के बारे में बताया कि उनके बेटे ने लगभग आज से छह साल पहले बटाला के संत फ्रांसिस स्कूल में दसवीं की पढ़ाई की थी। उसके बाद उनका बेटे ने बारहवीं महाराजा रणजीत सिंह आ‌र्म्ड फोर्स इंस्टीट्यूट में पढ़ाई की। बाद में एनडीए में तीन साल के लिए पूने में चला गया, वहां ट्रेनिग की, लास्ट ट्रेनिग देहरादून में की और 12 जून को सुबह इंडियन मिलिट्री एकेडमी, देहरादून पासिग आउट परेड में उसे लेफ्टिनेंट के तौर पर कमीशन मिला। नीरप्रीत सिंह ने पहले ही सोचा था, वह इंडियन मिलिट्री में ही जाएगा

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नीरप्रीत सिंह के पिता जतिदर सिंह ने बताया कि उनके पिता, नीरप्रीत सिंह के दादा आर्मी में थे। वे अपने दादा को आर्मी में देखता था और बोलता था कि वे अपने दादा की तरह आर्मी मेन बनना चाहता है और आज उसका सचना पूरा हो गया है। उनका एक ओर छोटा बेटा है,जो मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। नीरप्रीत सिंह स्पो‌र्ट्स गेम भी भाग लेता था-

जतिदर सिंह ने बताया कि उनका बेटा नीरप्रीत सिंह स्पो‌र्ट्स गेमों में भी भाग लिया करता था।जब वे बटाला में पढ़ाई करता था,तो कई गेमों फूटबाल, कराटे, बाक्सिग व अन्य गेमों में भाग लिया करता था। अपनी फिटनेस को लेकर नौजवानों को जानकारी भी दिया करता था। आखिर में उसकी मेहनत ने रंग लाया।


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