शहीद पुलिस कर्मियों को दी श्रद्धांजलि
पंजाब पुलिस के बहादुर जवानों ने राज्य और देश की एकता और अखंडता को बनाए रखते हुए अपना बलिदान देकर एक शानदार इतिहास बनाया है।
संवाद सहयोगी, बटाला : पंजाब पुलिस के बहादुर जवानों ने राज्य और देश की एकता और अखंडता को बनाए रखते हुए अपना बलिदान देकर एक शानदार इतिहास बनाया है। पंजाब पुलिस को हमेशा उन महान शहीदों पर गर्व होगा, जिन्होंने पंजाब को आतंकवाद के काले युग से बाहर निकालने में मदद की। ये बातें एसएसपी रशपाल सिंह ने बुधवार को पुलिस लाइन में पुलिस स्मृति दिवस पर शहीद हुए पंजाब पुलिस व अन्य सुरक्षा बलों के जवानों को श्रद्धांजलि देने के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि इस दिन 21 अक्टूबर, 1959 को हाट स्प्रिंग्स में सीमा पर गश्त कर रहे सीआरपीएफ के एक जवानों पर लद्दाख में चीनी सैनिकों ने घात लगाकर हमला किया था। हमारे जवान बहादुरी से लड़े और देश की रक्षा के लिए शहीद हो गए। उन शहीदों की याद में 1960 के बाद से हर साल 21 अक्टूबर को उन बहादुर सैनिकों की याद में समर्पित किया जाता है। एसएसपी ने कहा आतंकवाद को मिटाने के लिए पंजाब पुलिस ने बहादुरी से लड़ाई लड़ी है। पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी से लेकर जवान तक शहीद हुए हैं। उन्होंने बताया कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बटाला के 117 पुलिस कर्मी शहीद हुए हैं। इससे पहले पुलिस कर्मियों ने अपने हथियारों को उल्टा करके शहीद अधिकारियों और जवानों को श्रद्धांजलि भेंट की और दो मिनट का मौन रखा। एसपी मुख्यालय गुरप्रीत सिंह ने 264 जवानों को श्रद्धांजलि दी, जो 1 सितंबर, 2019 से 31 अगस्त, 2020 तक देश भर में शहीद हुए। एसएसपी रशपाल सिंह, एसपी तेजवीर सिंह हुंदल, एसपी वीरेंद्रप्रीत सिंह, एसपी जगबिदर सिंह संधू, डीएसपी परविदरजीत कौर, डीएसपी माधवी शर्मा, डीएसपी देव सिंह, डीएसपी बलबीर सिंह, डीएसपी डेरा बाबा नानक, सभी एसएचओ और शहीदों के परिवारों ने शहीद स्मारक पर माल्यार्पण कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। अंत में एसएसपी ने शहीद पुलिस कर्मियों के परिवारों की समस्याएं सुनी। बटाला के 117 पुलिस अधिकारी और जवान हुए शहीद
अब तक बटाला पुलिस के 117 अधिकारी और कर्मी शहीद हुए हैं। इनमें एक एसपी, चार उप-निरीक्षक, नौ एएसआइ, 14 मुख्य सिपाही, 48 सिपाही, 21 एसपीओ शहीद और 20 होमगार्ड के जवान शहीद हुए हैं।