ऑटो मैकेनिक भाइयों ने बनाई सैनिटाइजर मशीन, डॉक्टरों की होगी सुरक्षा
पूरे विश्व में तबाही मचा रहे कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सबसे फ्रंट पर स्वास्थ्य विभाग की टीमें लड़ रही हैं।
सुनील थानेवालिया, गुरदासपुर
पूरे विश्व में तबाही मचा रहे कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सबसे फ्रंट पर स्वास्थ्य विभाग की टीमें लड़ रही हैं। पिछले कुछ समय के दौरान कई डॉक्टर और सेहत विभाग के अन्य कर्मचारी भी कोरोना वायरस की चपेट में आने के चलते उनके परिवारों की चिता भी बढ़ने लगी है। इसी बीच कोरोना वायरस से लड़ रहे स्वस्थ्य कर्मियों और डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए शहर के दो ऑटो मैकेनिक भाइयों ने मात्र दो दिन में होम मेड डिसइन्फेक्शन सैनिटाइजर मशीन बना दी। डीसी मोहम्मद इशफाक और डॉक्टरों की मंजूरी के बाद इस मशीन को सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड के बाहर लगा दिया गया। इसके बाद अस्पताल स्टाफ में काफी राहत महसूस की जा रही है। यह मशीन शहर के अलाइंस ऑटो सर्विसिज के मालिक हरजिदर सिंह और उनके भाई परमिदर सिंह ने घर पर ही बनाई है। डॉक्टर दोस्त की चिंता देख आया मशीन बनाने का आइडिया
परमिदर सिंह और हरजिदर सिंह ने बताया कि वे सोचते थे कि लोगों की जान की सुरक्षा कर रहे डॉक्टरों की सेफ्टी के लिए भी कुछ करना चाहिए। एक दिन उनकी एक डॉक्टर दोस्त के साथ बात हुई। उन्होंने उन्हें बताया कि कोरोना वायरस के चलते वे पिछले 15 दिन से अपने बच्चों को नहीं मिला है। डॉक्टर ने बताया कि वे खुद की सुरक्षा संबंधी काफी सावधानी से काम ले रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद वे खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं। वे कोरोना वायरस से अपने परिवार को बचाने के लिए अलग कमरे में सोते है। उनके बच्चे छोटे छोटे हैं, जिनसे वे पिछले काफी समय से नहीं मिले हैं। डॉक्टर की इन बातों में उनके मन को छू लिया और दोनों भाइयों ने डॉक्टरों के लिए कुछ सुरक्षात्मक उपकरण बनाने की सोची। इसके बाद इस मशीन को बनाया। सेंसर से ऑटोमेटिक होता है स्प्रे
मशीन बनाने वाले दोनों भाइयों ने बताया कि उनके घर पर एक पुरानी अलमारी पड़ी हुई थी। यह मशीन बनाने के लिए उन्होंने उस अलमारी का फ्रेम लेकर एक कार का बॉडी कवर, एक पंप, एक सेंसर, एक मिस्ट बनाने वाली नोजल, टैंक लगाकर बैटरी ऑपरेटिड मशीन तैयार की। इसमें हाईपोक्लोराइड नामक केमिकल डाला जाता है और सेंसर के जरिए मशीन से ऑटोमेटिक स्प्रे निकलता है। यह स्प्रे शरीर पर कपड़े पर पड़ता है और इससे काफी हद तक वायरस से बचाव होता है। उन्होंने बताया कि उनके पास खुद का सामान था और वे डॉक्टरों के लिए कुछ करना चाहते थे। अगर कोई ऐसी मशीने बनाना चाहे तो करीब 15 हजार रुपये में ऐसे मशीन बन सकती है। अब मरीजों को भी देंगे डिसइंफेक्शन सैनेटाइजर टनल
मैकेनिक भाइयों ने बताया कि उन्होंने अस्पताल में जाकर देखा कि मरीजों को भी डिसइंफेक्शन सैनेटाइजर टनल की जरूरत है। इस संबंधी उन्होंने टनल बनाने का काम शुरू कर दिया है। इसे एक दो दिन में वे पैरा मेडिकल स्टाफ और मरीजों की सुरक्षा के लिए बनाकर सिविल अस्पताल को भेंट करेंगे। मशीन से मिली राहत, डॉक्टरों का बढ़ेगा हौसला : एसएमओ
आइसोलेशन वार्ड के बाहर लगाई गई मशीन संबंधी सिविल अस्पताल की एसएमओ डॉ. चेतना और डॉ. मनिदर बब्बर ने कहा कि इस मशीन का परिणाम काफी अच्छा दिखाई दे रही है। इस मशीन से काफी हद तक शरीर सैनिटाइज हो जाता है। उन्होंने खुशी व्यक्त की कि लोग डॉक्टरों की सुरक्षा के प्रति चितित हैं। इसे देखकर डॉक्टरों का हौसला बढ़ेगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे भी खुद की सुरक्षा का ध्यान रखें और फिजिकल डिस्टेंस मेनटेंन करे।