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दूषित पानी पीने को मजबूर मलावे दी कोठी के लोग

शहर का केंद्र माने जाने वाला Þमलावे दी कोठीÞ व उसके साथ लगते क्षेत्रवासी लंबे समय से सीवरेज का गंदा पानी पीने को मजबूर हो रहे है। स्थानीय निवासियों को दावा है कि इस गंदे पानी को पीने से 100 से अधिक लोग विभिन्न प्रकार की बिमारियों के शिकार हो चुके है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस एरिया में आठ हजार लोग रहते है। स्थानीय निवासी

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Jan 2019 04:57 PM (IST)Updated: Fri, 04 Jan 2019 04:57 PM (IST)
दूषित पानी पीने को मजबूर मलावे दी कोठी के लोग
दूषित पानी पीने को मजबूर मलावे दी कोठी के लोग

विनय कोछड़, बटाला :

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मलावे दी कोठी व उसके साथ लगते

क्षेत्रवासी काफी समय से दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। लोगों का कहना है कि इस गंदे पानी को पीने से 100 से अधिक लोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों के शिकार हो चुके है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस एरिया में आठ हजार लोग रहते है। स्थानीय निवासी अपनी प्यास बुझाने के लिए बाजार से पानी खरीद कर लेते है। दरअसल, शहर का केंद्रीय

एरिया मलावे दी कोठी के साथ अमरपुरा, अच्चली गेट का कुछ हिस्सा, डायमेंड एवेन्यू,राम नगर लगता है। इन क्षेत्रों में रहने वालें लोगों की कुल आबादी 8 हजार के लगभग है। मलावे दी कोठी का एरिया स्लम कैटेगरी में शामिल है, जबकि इसके साथ लगने वाले अन्य क्षेत्र में

बिजनेसमैन व सरकारी कैटेगरी के लोग रहते है। इन लोगों ने अपनी समस्याओं को लेकर स्थानीय पार्षद तथा सीवरेज विभाग व नगर-कौंसिल तक अपनी गुहार लगा चुकें है। लेकिन हर तरफ उन्हें निराशा हासिल हुई। लिहाजा इस एरिया की स्थिति काफी दयनीय हो चुकी है। सीवरेज प्रणाली खराब होने के चलते गंदा पानी लोगों के नल में आ रहा है, जिन लोगों ने इस पानी को पीया। वे बीमार

हो गए। अब तक 100 से अधिक लोग बीमार हुए, जिनका विभिन्न डाक्टरों के पास इलाज चल रहा है। स्थानीय लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए बजार से पानी खरीद रहे हैं। लेकिन मलावे दी कोठी में लोग आर्थिक रूप से काफी कमजोर है। उनके लिए मंहगा पानी पीना मजबूरी बन चुका है, क्योंकि डाक्टरों ने उन्हें सलाह दी है कि वे स्वच्छ पानी से अपनी प्यास बुझाए।

रिश्तेदार आने हुए बंद : विदो

70 वर्षीय विदो ने बताया कि उन्हें इस एरिया में रहते हुए 50 वर्ष हो चुकें है। शुरू से लेकर अब तक सीवरेज की समस्या में कोई सुधार

नहीं आया। चुनाव में नेतागण उनसे क्षेत्र के विकास के बारे उनसे वायदा कर जाते है, लेकिन जीत हासिल करने के बाद अपना चेहरा तक नही दिखाते। जगह-जगह सीवरेज का पानी लंबे समय से खड़ा है। नल में सीवरेज का गंदा पानी आता है। आज तक किसी ने एरिया की सड़क नही बनवा कर दी। बदहाल स्थिति के कारण अब उनके रिश्तेदारों ने आना बंद कर दिया है।

सीवरेज की समस्या से घर की नींव हिलने लगी : सुदेश

50 वर्षीय सुदेश ने बताया कि वे पिछले पैंतीस साल से इस इलाके

में नारकीय जीवन व्यतीत करने के लिए मजबूर है। वायदे तो हर नेता ने किए कि सड़क व सीवरेज प्रणाली जल्द दुरुस्त होगी। लेकिन अब तक इसे पूरा किसी ने नहीं किया। सीवरेज की समस्या के कारण अब उनके घरों की नींव हिलने शुरू हो गई। रात को डर लगा रहता है कि कही छत उनके सिर पर न गिर जाएं।

गंदा पानी पीने से बच्चें बीमार हुए

दीपा ने बताया कि उन्हें जहां पर 50 साल रहते हो चुकें है। कुछ दिन से सीवरेज का गंदा पानी उनके नल में आ रहा है। उनके घर के छोटे-छोटे बच्चों ने इस पानी को पी लिया, जिसके बाद वे बीमार हो गया।

पहले सिविल अस्पताल लेकर गए। वहां के डाक्टरों ने बच्चों का इलाज किया। अब उनकी सेहत में सुधार है। स्थानीय पार्षद के पास शिकायत लेकर गए तो उन्होंने कहा कि सीवरेज विभाग उनकी एक नहीं सुनता।

पार्षद बोले-गेहूं की तरह पीस रहे है

पार्षद नीरु भट्टी ने बताया कि वे कई बार एरिया के समस्या को लेकर कई बार नगर-कौंसिल व सीवरेज की समस्या को लेकर गए। उनकी कोई बात नही सुनता। वैसे भी सारे शहर का बुरा हाल है। ऐसे में व कर भी क्या सकते है। उन्होंने बताया कि वे तो गेहूं की तरह पीस रहे है।

फंड के कारण अटका काम

सीवरेज विभाग के एसडीओ एच एस ढिल्लों ने बताया कि फंड जारी न होने

यह समस्या पैदा हो रही है। वैसे भी शहर का 70 फीसद सीवरेज जाम पड़ा है। इसके लिए उन्होंने नगर-कौंसिल को एक पत्र लिखकर भेजा है। जल्द ही समस्या का निवारण कर दिया जाएगा।


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