एंटी लारवा टीम नहीं बनी, न जांच हुई शुरू
जिले में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है। वहीं डेंगू बीमारी भी अपने पैर पसारने को तैयार है।
राजिदर कुमार, गुरदासपुर
जिले में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है। वहीं डेंगू बीमारी भी अपने पैर पसारने को तैयार है। पड़ोसी जिला पठानकोट में डेंगू के तीन मरीज पाए गए हैं। भले ही गुरदासपुर में अब तक डेंगू का मरीज सामने नहीं आया है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही जरूर सामने आ रही है। राज्य के अन्य जिलों में डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीमें गठित कर दी गई हैं और टेस्टिग भी शुरू हो गई है। लेकिन जिला गुरदासपुर में अब तक ना तो डेंगू की रोकथाम के लिए एंटी लारवा टीम बनाई गई है और ना ही टेस्टिग का काम शुरू हुआ है। इससे साफ दिखाई दे रहा है कि स्वास्थ्य विभाग केवल कोरोना के पीछे ही भाग रहा है। जबकि अन्य बीमारियों की तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा।
जिले में अभी तक एक भी डेंगू का मरीज रिपोर्ट नहीं हुआ है। ऐसा नहीं है कि यहां पर डेंगू के मरीज नहीं है। अगर टेस्टिग शुरू की जाए तो डेंगू के भी कई मरीज सामने आ सकते हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग कोरोना की दुहाई देकर इस खतरनाक डेंगू के मच्छर से छिपकर बचने का प्रयास कर रहा है। विभाग ऐसा करके शहर के लोगों की जिदगी खतरे में डाल रहा है। पंजाब राज्य में अभी तक 100 के करीब डेंगू के मरीज पाए गए हैं।
सिविल सर्जन कार्यालय ही बना डेंगू की पनाहगाह
गुरदासपुर के सिविल सर्जन कार्यालय में ही अगर चेक किया जाए तो डेंगू का लारवा मिल सकता है। कारण यहां पर न केवल बारिश का पानी खड़ा रहता है। वहीं कूलरों का पानी भी साफ नहीं किया जाता। वहीं कार्यालय के आसपास गंदगी फैली हुई है। जो अधिकारी अपने कार्यालय को ही साफ नहीं रख सकते, उनसे शहर में मच्छर के खात्मे की क्या उम्मीद की जा सकती है।
हर व्यक्ति का केवल कोरोना टेस्ट ही किया जा रहा
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जो भी व्यक्ति किसी भी बीमारी से संबंधित अस्पताल में आया हो उसका पहले कोरोना टेस्ट ही लिया जा रहा है।भले ही वह व्यक्ति डेंगू का मरीज ही क्यों ना हो, लेकिन उसके पहले कोरोना सैंपल लिए जाएंगे। यानी बाकी बीमारियों की तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा। ऐसा करके विभाग डेंगू के मच्छर को और आक्रमक कर रहा है। मच्छर के खात्मे के लिए नहीं किया दवा का छिड़काव
जिले में अभी तक जहां एंटी लारवा टीम का गठन नहीं किया गया। वहीं अभी तक मच्छर मारने के लिए दवा का छिड़काव भी नहीं हुआ है। हालांकि पिछले साल टीम द्वारा घर-घर जाकर लोगों की पानी की टंकी, गमलो, टायरों से इन दिनों दिनों लारवा चेक किया जा रहा था। वहीं शुक्रवार को ड्राई डे घोषित किया जाता था। लेकिन इस वर्ष ऐसा कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा। कोट्स
इस बार कोरोना महामारी के कारण टीम बनाने में थोड़ी देरी हो गई है। उनकी तरफ से एंटी लारवा टीम का गठन कर दिया गया है। टीम द्वारा अब घर-घर जाकर डेंगू लारवा ढूंढा जाएगा। इसके अलावा डेंगू के खात्मे के लिए दवा का छिड़काव किया जाएगा। वहीं उन्होंने बताया कि उनके कार्यालय में साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जा रहा है। कूलरों की सफाई रूटीन से हो रही है।
-. डॉ. किशन चंद, सिविल सर्जन।