लॉकडाउन के बाद 65 फीसद मिठाइयों का कारोबार ठप
वैश्विक महामारी कोरोना के कारण विश्व सहित पूरे भारत में भी मंदी का माहौल चल रहा है जिसका असर हर प्रकार के कारोबार पर पड़ा है। लॉकडाउन के दौरान जहां करियाना सब्जी एवं फल दवाओ तथा डेयरी की दुकानों पर ग्राहकों की आमद बढ़ी है वही दूसरी तरफ बहुत से ऐसे कारोबार हैं जो या तो बिल्कुल चौपट हो गए हैं अथवा घटकर एक तिहाई के करीब रह गए हैं। ऐसे कारोबारियों की लिस्ट में मिठाई
नरेश भनोट, बटाला
वैश्विक महामारी कोरोना के कारण विश्व सहित पूरे भारत में भी मंदी का माहौल चल रहा है, जिसका असर हर प्रकार के कारोबार पर पड़ा है। लॉकडाउन के दौरान जहां करियाना सब्जी एवं फल, दवाओ तथा डेयरी की दुकानों पर ग्राहकों की आमद बढ़ी है, वही दूसरी तरफ बहुत से ऐसे कारोबार हैं, जो या तो बिल्कुल चौपट हो गए हैं, अथवा घटकर एक तिहाई के करीब रह गए हैं। ऐसे कारोबारियों की लिस्ट में मिठाई विक्रेता का नाम प्रमुखता से सामने आता है। कोविड-19 ने इस कारोबार को काफी ठेस पहुंचाई है ।अधिकतर लोगों ने अपनी सेहत के प्रति सजगता दिखाते हुए मिठाई खाना अथवा खरीदना बंद ही कर दिया है।
65 फीसद कारोबार हुआ प्रभावित : कपिल
अमृतसर रोड पर चाय लस्सी तथा विभिन्न प्रकार की मिठाइयों के लिए प्रसिद्ध लाजे दी हट्टी के मालिक कपिल ने बातचीत के दौरान बताया कि बेशक अनलॉक के चलते मिठाई की दुकानें छह दिन रात्रि 9 बजे तक खुल रही है, लेकिन इसके बावजूद बिक्री में 65 फ़ीसदी की कमी आई है। लोग अब सेहत के प्रति सजग होते हुए इम्यूनिटी पावर बढ़ाने को अहमियत देते दिखाई पड़ते हैं।
दूध की लागत हुई कम- न्यू डीलक्स स्वीट्स विक्रेता
लोहा मंडी स्थित न्यू डीलक्स स्वीट्स के विक्रेता का मानना है कि मिठाइयों की मांग में कमी आने के कारण हलवाई की दुकानों पर दूध की भी लागत कम हो गई है। लॉकडाउन के दौरान जब दुकाने बंद थी तो हम पशु मालिकों से दूध की प्रॉपर खरीद नहीं कर पाए। जिस कारण उनका रुझान शहर में स्थित डेयरी मालिकों की और चला गया। उनकी मजबूरी का फायदा उठाते हुए डेयरी संचालक हम से कम लागत में उनसे दूध की खरीद करते रहे और रूटीन में खुलने वाली अपनी दुकानों पर बेचते रहे जिसका असर भी हमारे कारोबार पर पढ़ रहा है।