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अस्पताल का गेट बंद कर सरकार को कोसा

संवाद सहयोगी, काहनूवान सरकारी अस्पताल में सेहत सुविधाएं पर्याप्त मात्रा में न मिलने के कारण आए दिन

By Edited By: Published: Sun, 25 Sep 2016 01:00 AM (IST)Updated: Sun, 25 Sep 2016 01:00 AM (IST)
अस्पताल का गेट बंद कर सरकार को कोसा

संवाद सहयोगी, काहनूवान

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सरकारी अस्पताल में सेहत सुविधाएं पर्याप्त मात्रा में न मिलने के कारण आए दिन लोगों की जा रही कीमती जानों से शनिवार को लोगों में आक्रोश फैल गया। रोष स्वरूप क्षेत्र निवासियों ने अस्पताल का मुख्य द्वार बंद कर पंजाब सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, वहीं बटाला-मुकेरियां रोड पर भी जाम लगाया।

गौरतलब है कि शुक्रवार को नौजवान मजदूर बूटा राम को सांप के काटने के बाद सीएचसी काहनूवान में भर्ती करवाया गया। वहां पर मौजूदा डाक्टरों ने उसकी गंभीर हालत को देखत हुए गुरदासपुर रेफर कर दिया, जिसकी रास्ते में मौत हो गई थी। शनिवार सुबह लोगों ने अस्पताल में व्यवस्थाओं में खामी व डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल के मुख्य गेट को बंद कर हंगामा शुरू कर दिया। सूचना मिलने पर सैंकड़ों लोग अस्पताल पहुंच गए और अपना समर्थन दिया। पूर्व सरपंच नरेश तिवाड़ी, कामरेड प्रकाश सिंह, सूबेदार सुखदेव सिंह, बाबा जसविंदर सिंह व आप नेता तरसेम सिंह के नेतृत्व अस्पताल के सामने बटाला-मुकेरियां रोड पर जाम लया दिया।

इसके बाद पगड़ी संभाल जंट्टा लहर के नेता इकबाल सिंह भंट्टीयां व मास्टर गुरनाम सिंह के अलावा कांग्रेस किसान सेल के मोहन सिंह धंदल, सुखदेव सिंह हैप्पी, बूआ सिंह, एसडीओ रछपाल सिंह, प्रिंसिपल निर्मल सिंह, बावा सिंह के नेतृत्व में शहर निवासियों ने पंजाब सरकार मुर्दाबाद, सेहत विभाग मुर्दाबाद, मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। प्रदर्शन को अकाली दल से समर्थन न मिलने पर लोगों द्वारा हलका इंचार्ज के खिलाफ भी नारेबाजी की गई। यह धरना करीब पांच घंटे तक चलता रहा। सूचना मिलते ही काहनूवान पुलिस, थाना भैणी मिया खां की पुलिस व थाना तिब्बड़ की पुलिस मौके पर पहुंच गई।

धरनाकारियों ने अस्पताल स्टाफ को किया नजरबंद

धरनाकारियों ने सरकारी अस्पताल के दोनों मेन व दूसरे रास्ते बंद कर दिए। जिसके चलते वहां पहुंचे मरीजों व उनके परिजनों को भारी परेशानियों से गुजरना पड़ा। छुंट्टी के समय अस्पताल के स्टाफ को भी प्रदर्शनकारियों की मिन्नते करनी पड़ी, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उनकी एक नहीं सुनी। मौके पर कुछ लोगों ने अस्पताल के स्टाफ को निकालने का प्रयास किया तो उन्हें धरनाकारियों के विरोध का सामना करना पड़ा। अंत में एसडीएम के पहुंचने पर ही अस्पताल के डाक्टरों व अन्य स्टाफ बाहर निकल सका।

डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की

इस दौरान अस्पताल के एसएमओ इकबाल सिंह मुलतानी ने धरने में आकर लोगों को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उनकी एक नहीं सुनी। जाम लगने के कारण स्कूली बसें व विद्यार्थी भी जाम में फंस गए। धरनाकारियों ने मांग की आरोपी डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाए और अस्पताल का पहले वाला रूतबा बहाल करवाया जाए। उन्होंने यह भी मांग रखी कि उनसे मांग पत्र डीसी स्तर का अधिकारी आकर ले।

एसडीएम के आश्वासन पर उठाया धरना

धरने में पहुंच नायब तहसीलदार अरविंद सलवान को धरनाकारियों ने बेरंग वापस लौटा दिया। जिसके बाद नायब तहसीलदार ने मामले की सूचना डीसी को दी। जिन्होंने एसडीएम गुरदासपुर डाक्टर सईद सरहस असगर को मौके पर भेजा। एसडीएम की ओर से धरनाकारियों को धरना उठाने की अपील की गई, लेकिन धरनाकारियों ने उनकी मांगे हल होने तक धरना न उठाने की चेतावनी दी। जिसके उपरांत एसडीएम की ओर से कस्बे के गणमान्य लोगों से बैठक कर एक कमेटी का गठन करके सारे मामले की जांच करने का विश्वास दिलाया।


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