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डिस्पोजल प्लांट में चार मोटरें, चारों खराब

सुनील थानेवालिया, गुरदासपुर। शहर के सीवरेज के गंदे पानी को साफ करके आगे चलाने के लिए बबरी बाईपास क

By Edited By: Published: Thu, 30 Jun 2016 01:00 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2016 01:00 AM (IST)
डिस्पोजल प्लांट में चार मोटरें, चारों खराब

सुनील थानेवालिया, गुरदासपुर।

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शहर के सीवरेज के गंदे पानी को साफ करके आगे चलाने के लिए बबरी बाईपास के नजदीक बने डिस्पोजल प्लांट की चारो मोटरें खराब होने व एक मोटर की पाईप फटने के कारण बारिश के दिनों में बड़ी समस्या पैदा हो सकती है। जिसका मुख्य कारण विभाग के पास मोटरों व पाईप की रिपेयर करवाने के लिए पर्याप्त फंड न होना है।

जबकि मौसम विभाग ने अगले चार दिनों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है, अगर यह चेतावनी सही साबित होती है तो शहर निवासियों के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी। गौरतलब है कि सीवरेज बोर्ड की ओर से गुरदासपुर शहर व कुछ आसपास क्षेत्र के गंदे पानी की निकासी के लिए नबीपुर कट ड्रेन के नाम ड्रेन बनाई गई है। जो गुरदासपुर के बाहरी हिस्से से गुजरती है। विभाग द्वारा इस ड्रेन के पानी को साफ करने के लिए बबरी बाईपास के नजदीक एक डिस्पोजल प्लांट लगाया गया है, ताकि ड्रेन में पालिथिन व अन्य गंदगी जमा होने के कारण पानी के निकासी में किसी भी तरह की कोई समस्या पेश न आए। उल्लेखनीय है कि यह प्लांट 31 जनवरी 2003 को शुरू किया गया था।

पिछले महीने से खराब है तीन मोटरें

प्लांट में चार बड़े मोटरें लगाई गई है। जिनमें दो 225 हार्स पावर और दो 120 हार्स पावर की है। इनमें से तीन मोटरें तो पिछले तीन माह से खराब चल रही है, जबकि आखिरी मोटर भी 27 जून को खराब हो गई। इसके अलावा ड्रेन के पानी को खींचकर लाने वाली मुख्य पाईप भी फट चुकी है। जिससे लगातार पानी मोटरों के आसपास लीकेज हो रहा है और उसी कारण मोटरों को भी नुकसान पहुंचा है।

शहर में पहले भी भर जाता है पानी

बारिश के दिनों में शहर के कई क्षेत्र ऐसे है, जहां पर पानी भर जाता है। जबकि गत वर्ष बारिश के सीजन के दौरान उक्त ड्रेन ओवरफ्लो होने के कारण शिवा रिजार्ट के सामने पड़ती बस्ती में घुस गया था। जिसके चलते बस्ती में रहने वाले 50 के करीब परिवार कई दिनों तक घर से बेघर हो होना पड़ा था। जबकि उस समय मोटरें चालू हालत में थी।

विभाग के पास फंड की कमी

सूत्रों के मुताबिक चारों मोटरों की रिपेयर करवाने और फटी हुई पाईप को बदलने के लिए विभाग का करीब 70 लाख रुपये खर्च होने का एस्टीमेट है, जो विभाग को भेजा गया है। लेकिन फिलहाल स्थानीय विभाग को फंड जारी नहीं हुआ है। हालांकि विभाग द्वारा दो मोटरों को उतारकर उनकी रिपेयर करवाने का प्रयास किया जा रहा है। जिसमें से एक छोटी मोटर की आज-कल में रिपेयर हो जाएगी, लेकिन दूसरी का सामान दिल्ली से आना है। जिसके चलते उसे अभी समय लगेगा। इसके बाद दूसरी मोटरों का नंबर आएगा। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक एक मोटर भले ही एक-दो दिन में ठीक हो जाएगी, लेकिन उससे समस्या का समाधान नहीं हो पाएगा।

रिपेयर के लिए भेजी है दो मोटरें : एक्सईएन

मामले संबंधी सीवरेज बोर्ड के एक्सईएन सन्नी गोगना का कहना है कि उन्हें गुरदासपुर का चार्ज संभाले हुए अभी कुछ ही दिन हुए है। मोटरों की खराबी का पता चलते ही दो मोटरें रिपेयर के लिए भेजी गई है। जिसमें से एक मोटर तो एक-दो दिन में ठीक करके लगा दी जाएगी, जबकि दूसरी का सामान दिल्ली से मंगवाया गया है। उन्होंने बताया कि मोटरों व पाईप पर खर्च का एस्टीमेट बनाकर विभाग को भेजा जा चुका है। उम्मीद है कि जल्द ही पैसे मिल जाएगे।


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