अध्यापकों को दिए योग के टिप्स
अध्यापकों को योग के प्रति आकर्षित कर उन्हें स्वस्थ रहने का संदेश देते हुए डीसीएम ग्रुप आफ स्कूल्स में योगा सैशन का आयोजन करवाया जा रहा है।
संवाद सूत्र, फिरोजपुर : अध्यापकों को योग के प्रति आकर्षित कर उन्हें स्वस्थ रहने का संदेश देते हुए डीसीएम ग्रुप आफ स्कूल्स में योगा सैशन का आयोजन करवाया जा रहा है। असिस्टेंट सीईओ किरण शर्मा ने बताया कि डीसीएम द्वारा शुरुआती दौर में डीसी माडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में दो दिवसीय योगा सेशन किया गया, जिसमें योग शिक्षक कमलजीत सिंह द्वारा योगासनों, प्राणायाम की क्रियाओं से सभी को अवगत करवाया।
कमलजीत सिंह ने कहा कि वर्तमान में माइग्रेन, तनाव, शुगर, बीपी की समस्या आमजन में पाई जाने लगी है, जिसे योग के माध्यम से दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि योग ही आत्मा को परमात्मा से मिलवाने का साधन है। किरण शर्मा ने कहा कि डीसीएम ग्रुप आफ स्कूल्स द्वारा जल्द दास एंड ब्राऊन वर्ल्ड स्कूल और डीसीएम इंटरनेशनल स्कूल में भी स्टाफ वेलफेयर हेतु योगा सेशन करवाकर टीचिग व नॉन टीचिग स्टाफ को योगा के गुर सिखाए जाएंगे। डिप्टी हेड स्पोर्ट्स अजलप्रीत ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा योग को स्पोर्ट्स का हिस्सा बनाया जा चुका है। डीसीएम ग्रुप आफ स्कूल्स के सभी स्कूलों में योग प्रशिक्षक नियुक्त किए गए हैं, जोकि विद्यार्थियों को भी योग के गुर सिखाते हैं।
डीसी ने की सुपर एसएमएस से धान की कटाई की अपील संवाद सूत्र, फाजिल्का : डिप्टी कमिश्नर अरविद पाल सिंह संधू ने जिले के कंबाइन आपरेटरों और किसानों से अपील की कि धान की कटाई सुपर एसएमएस लगी कंबाइनों के साथ ही की जाए। उन्होंने कहा कि पंजाब प्रदूषण रोकथाम बोर्ड द्वारा एयर (प्रीवेंशन एंड कंट्रोल आफ पाल्यूशन) एक्ट 1981 की धारा 31-ए के तहत जारी पत्र के द्वारा कंबाइनों के साथ सुपर स्ट्रा मैनजमैंट सिस्टम अटेच करने संबंधी निर्देश जारी किए हुए हैं।
उन्होंने कहा कि यदि सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम के बिना धान की कटाई की जाती है तो कंबाइन मालिकों को लाग बुक मेनटेन करनी पड़ेगी। पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के एसडीओ अशप्रीत सिंह ने कहा कि धान की कटाई के समय कंबाइनों में सुपर एसएमएस सिस्टम जरूर लगा हो। यदि सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम के बिना कटाई की जाती है, तो इस संबंधी लाग बुक मेनटेन की जाए और संबंधित एरिया के मुख्य कृषि अधिकारी से मंजूरी ली जाए। उन्होंने कहा कि इन निर्देशों की उल्लंघना करने वालों पर दि एयर प्रीवेंशन एंड कंट्रोल आफ पाल्यूशन एक्ट 1981 की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा जारी किए आदेशों अनुसार पराली को आग लगाने वाले मामलों में संबंधित व्यक्ति और कंबाइन मालिकों से वातावरण हर्जाना वसूला जाएगा।