सीमा का क्षेत्र बढ़ाने का स्वागत के साथ विरोध भी
केंद्र सरकार की ओर से भारतीय सीमा का दायरा बढ़ा कर 50 किलोमीटर करने के फैसले पर सीमावर्ती जिलों में कहीं इस फैसले का स्वागत किया जा रहा है तो कहीं विरोध।
संवाद सूत्र, फिरोजपुर : केंद्र सरकार की ओर से भारतीय सीमा का दायरा बढ़ा कर 50 किलोमीटर करने के फैसले पर सीमावर्ती जिलों में कहीं इस फैसले का स्वागत किया जा रहा है तो कहीं विरोध।
सिख स्टूडेंट फेडरेशन आफ इंडिया के पंजाब प्रधान गुरचरण सिंह गरेवाल ने कहा कि केंद्र सरकार का यह फैसला बिल्कुल गलत है। सरकार किसी न किसी बहाने से पंजाब में चल रहे किसानी संघर्ष को विफल करने के लिए ऐसी चालें चल रही है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री साहिब गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करते हैं, जिसमें उन्होंने पंजाब के सभी बार्डरों को सील करने की बात की थी और उसके कुछ दिन बाद ही बीएसएफ को आधे पंजाब पर कब्जा दे दिया गया। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी सरकार द्वारा एजेंसियां बना कर पंजाब के साथ धक्का किया जा रहा है
दूसरी ओर शहरवासी संदीप शर्मा ने कहा कि शहर में पुलिस चोरी, लूटपाट की वारदातों को रोकने में बिल्कुल ही असफल रही है। अगर बीएसएफ का कार्यक्षेत्र बढ़ा है तो यह एक सराहनीय फैसला है। वहीं जगनदीप सिंह ने कहा कि शहर में आज कल चोरी और लूटपाट की वारदातें बहुत हो रही है, जिससे आम जन का जीना दुश्वार हो गया है इसलिए शायद बीएस के अधिकार क्षेत्र में वृद्वि होने से इन सब पर कंट्रोल हो सके और आम आदमी अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सके।
एनएचएम कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन संवाद सूत्र, फाजिल्का : पंजाब के ठेका आधारित व आउटसोर्स कर्मचारियों को रेगुलर करने संबंधी एनएचएम इंप्लाइज यूनियन पंजाब द्वारा राज्य स्तरीय हड़ताल में जिला फाजिल्का के समूह स्वास्थ्य विभाग के एनएचएम के अधीन कांट्रैक्ट और आउटसोर्स कर्मचारियों ने भाग लिया।
इस मौके यूनियन के अध्यक्ष गुरप्रीत भुल्लर ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को कोरोना योद्धाओं का खिताब तो दे रही है। लेकिन इनको रेगुलर न करके इन के साथ मजाक भी कर रही है। इस कारण आज एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल समूह एनएचएम और आउटसोर्स पर काम कर रहे कर्मचारियों द्वारा की गई है। उन्होंने कहा कि एनएचएम अधीन काम करते समूह कर्मचारियों सहित आउटसोर्स कर्मचारियों को पंजाब सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग पंजाब में रेगुलर किया जाए और स्वास्थ्य विभाग अधीन काम कर रही आशा फैसिलिटेटरों और आशा वर्करों को हरियाणा राज्य की तर्ज पर फिक्स वेतन दिया जाए, जिससे कर्मचारियों का मनोबल कायम रह सके और अपने परिवार का गुजारा अच्छी तरह कर सकें और मानसिक और आर्थिक परेशानी से बाहर आ सके । इस मौके यूनियन के नेता रविंद्र कुमार ने कहा कि यदि सरकार इन कर्मचारियों को रेगुलर करने का नोटिफिकेशन जारी नहीं करती तो आने वाले समय में सरकार के खिलाफ सख्त संघर्ष किया जाएगा। इस मौके डा. आमना कंबोज, जसपिदर कौर, अतिदरपाल सिंह, पारस वधवा, सुखदेव सिंह, श्वेता और अन्य कर्मचारी भी उपस्थित थे।