कैंटोनमेंट चुनाव जीतना कांग्रेस के लिए साख का सवाल
कैंटोनमेंट बोर्ड के पार्षदों का कार्यकाल पूरा होने में मात्र तीन माह शेष हैं।
तरुण जैन, फिरोजपुर : कैंटोनमेंट बोर्ड के पार्षदों का कार्यकाल पूरा होने में मात्र तीन माह शेष हैं। रक्षा मंत्रालय ने 56 छावनियों की परिषदों को पत्र भेज एससी/एसटी व महिला वार्ड रिजर्व की सूची बनाने के आदेश दिए हैं। बेशक फिरोजपुर कैंट के चुनाव अब तक राजनीतिक पार्टियों के सिंबल पर नहीं हुए हैं, लेकिन पिछले लंबे समय से इन चुनाव में राजनेताओं के चहेतों का ही दबदबा रहा है, जिस पार्टी के ज्यादा पार्षद चुने जाते हैं, उसी का उपाध्यक्ष बन जाता है। इस बार होने वाले चुनाव में कैंट के आठ वार्डो में ज्यादा से ज्यादा पार्षद जिताना कांग्रेस के लिए साख का सवाल होगा, क्योंकि जनवरी, 2015 में हुए चुनाव में कांग्रेस समर्थित रीना मोंगा ही सीट निकाल पाई थीं, जबकि छह वार्डो में अकाली व एक में भाजपा समर्थित जोरा सिंह संधू जीते थे। तब अकाली समर्थक सुरिद्र सिंह बब्बू उपाध्यक्ष बने। रक्षा मंत्रालय के अधीन होने से बिग्रेडियर रैंक के अधिकारी को प्रेजिडेंट माना जाता है।
कांग्रेस ने जोड़-तोड़ लगा बना लिया अपना उपाध्यक्ष
2017 में सत्ता परिवर्तन के बाद राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी और कांग्रेसियों के पाले में अकाली दल समर्थित तीन पार्षद दीप्ति कद, सेबेस्टियन राय, सपना तायल आ गए थे, जबकि भाजपा समर्थित जोरा संधू का अकाली समर्थित उपाध्यक्ष सुरिंद्र बब्बू व उनके पिता जोगिंद्र जिदू के साथ छत्तीस का आंकड़ा होने से उन्होंने कांग्रेस समर्थित सपना तायल को समर्थन दिया और बोर्ड मीटिग में सपना तायल को उपाध्यक्ष मनोनित किया गया। इस तरह कांग्रेस ने कड़ी मशक्कत के बाद कैंट की सत्ता हासिल की थी, जबकि लंबे समय तक उपाध्यक्ष की कुर्सी पूर्व विधायक जोगिंद्र जिदू के घर की बनी हुई थी।
चार बार पार्षद रह चुके जिंदू
पूर्व विधायक जोगिंद्र सिंह जिदू बोर्ड में चार बार पार्षद रह चुके हैं। हर बार वार्ड-1 से चुनाव लड़ने वाले जिदू ने 1985 में पहली बार चुनाव लड़ा था। फिर 1992, 1997, 2008 में चुनाव लड़ा और जीते। इस दौरान वह उपाध्यक्ष भी बने। उनका बड़ा बेटा सुरिंद्र बब्बू दो बार पार्षद व उपाध्यक्ष, छोटा बेटा रोहित गिल एक बार पार्षद बने हैं।
कैंट के विकास में कांग्रेस ने खूब दी ग्रांट : जोशी
पूर्व उपाध्यक्ष एवं कांग्रेस के सीनियर नेता अजय जोशी ने कहा कि कैंट में जितना भी विकास हुआ वह कांग्रेस की देन है। 2002 में जब वह उपाध्यक्ष थे तो पूर्व कांग्रेस विधायक रविंद्र सिंह के माध्यम से दो करोड़ की ग्रांट पंजाब सरकार से पास करवाकर छावनी की गलियों व सब्जी मंडी का निर्माण करवाया। अब विधायक परमिंद्र सिंह पिकी ने जीएसटी के करीब नौ करोड़ रुपये पंजाब सरकार से लाने के अलावा सड़कों व गलियों के निर्माण करवाते हुए 2.50 करोड़ व डीसी ऑफिस के सामने पार्क बनाने के लिए 25 लाख रुपये की ग्रांट जारी करवाई है।
लोगों को गुमराह कर रही कांग्रेस : बब्बू
यूथ अकाली नेता एवं पार्षद सुरिंद्र सिंह बब्बू ने कहा कि कांग्रेस शुरू से ही कैंटोनमेंट के लोगों को गुमराह कर रही है। ढाई करोड़ की ग्रांट के जो चेक दिखाए जा रहे हैं, वे सर्विस चार्ज की रकम है, जोकि बोर्ड ने पंजाब सरकार से लेनी थी। इसमें कांग्रेसियों का कोई योगदान नहीं रहा है और साढ़े नौ करोड़ रुपये वह ग्रांट है, जोकि केंद्र से हर बार बोर्ड को भेजी जाती है। बब्बू ने कहा कि आर्थिक संकट झेल रही पंजाब सरकार के पास खुद के कर्मचारियों को देने के लिए वेतन नहीं है।