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बिना नंबर की 16 बाइक्स सहित दो काबू

पेट्रोल पंप शराब के ठेके और राहगीरों से लूट की वारदातों में बिना नंबर के बाइक सिरदर्द बन रहे हैं। जिले की सड़कों पर बिना नंबर के बाइक्स बेखौफ दौड़ रहे है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Jul 2021 11:00 PM (IST)Updated: Fri, 16 Jul 2021 11:07 PM (IST)
बिना नंबर की 16 बाइक्स सहित दो काबू
बिना नंबर की 16 बाइक्स सहित दो काबू

जागरण संवाददाता, फिरोजपुर : पेट्रोल पंप, शराब के ठेके और राहगीरों से लूट की वारदातों में बिना नंबर के बाइक सिरदर्द बन रहे हैं। जिले की सड़कों पर बिना नंबर के बाइक्स बेखौफ दौड़ रहे है। थाना लक्खोके बहिराम पुलिस ने बिना नंबर के तीन बाइक के साथ एक आरोपित को गिरफ्तार किया है, वहीं गुरुहरसहाय से नारकोटिक्स सेल फिरोजपुर ने 13 चोरी की बाइक्स के साथ एक आरोपित को काबू किया है। एसपी डिटेक्टिव रत्न बराड़ ने कहा चोरी की बाइक्स को लेकर वे जांच करेंगे करेंगे। सड़कों पर बिना नंबर के बाइक्स को लेकर पुलिस चालान करती रहती है।

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जिले में स्नैचिग और पैट्रोल पंप के साथ ठेकों पर हुई वारदातों में बिना नंबर के ही बाइक्स का इस्तेमाल होता है। बाइक्स के नंबर न होने के कारण पुलिस को जांच करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बावजूद इसके सड़कों पर दौड़ रही बिना नंबर की बाइक्स की जांच को लेकर विशेष कदम नहीं उठाए जा रहे। जिले के तीन पेट्रोल पंप और दो शराब के ठेकों पर नकाबपोश लुटेरे हथियारों की नोक पर वारदातें कर चले, सीसीटीवी कैमरे खंगालने पर बाइक के नंबर न होने कारण कई वारदातों से पर्दा नहीं उठ सका। हालांकि फिरोजपुर के जीरा गेट के अग्रवाल फिलिग स्टेशन में तड़कसार हुई लूट का वारदात के आरोपितों को पुलिस ने पहचान के आधार पर काबू कर लिया था।

पुलिस कर रही है जांच : एसपी

एसपी डिटेक्टिव रत्न बराड़ ने कहा कि बिना नंबर की बाइक्स का चालान होता है लेकिन चोरी की ये बाइक कहां की है और कहां बिकती है इसकी जांच चल रही है।पुलिस सभी वारदातों की संजीदगी के साथ जांच कर रही है। (बाक्स) ..10 से 15 हजार के बीच बिकते है बाइक्स

चोरी की बाइक्स 10 से 15 हजार के बीच बिकते हैं। पुलिस सूत्रों की माने तो बाइक चोरी करने के बाद आरोपित इसमें बदलाव कर देते हैं, जो आगे मोडीफाई कर अधिक दामों पर बिक जाते है। अधिकतर खरीददारों को पता ही नहीं होता कि बाइक चोरी का है। कई मामलों में जब बाइक्स बरामद किए गए तो ग्राहक उनके सुधार पर हजारों रुपए खर्च चुका होता है।


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