पाइपलाइन न होने से सीवरेज में जा रहा ट्रीटमेंट प्लांट का पानी
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से रोजाना ट्रीट हो रहे 18 मिलियन लीटर पानी का सीवरेज में ही बह रह है। जिन किसानों के लिए ये पानी ट्रीट किया जा रहा है वह इस्तेमाल करने को तैयार नही है और न ही ट्रीट हो रहे पानी की निकासी का अभी तक प्रबंध किया गया है।
दर्शन सिंह, फिरोजपुर :
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से रोजाना ट्रीट हो रहे 18 मिलियन लीटर पानी का सीवरेज में ही बह रह है। जिन किसानों के लिए ये पानी ट्रीट किया जा रहा है वह इस्तेमाल करने को तैयार नही है और न ही ट्रीट हो रहे पानी की निकासी का अभी तक प्रबंध किया गया है। ऐसा कर विभागीय अधिकारी प्रति दिन सरकार को 22 हजार रुपये से ज्यादा का नुकसान पहुंचा रहे है । बिजली से लेकर मशीनों की रिपेटर, मुलाजिमों का खर्च के साथ साथ अन्य खर्च मिला कर इतना पैसा रोज बर्बाद हो रहा है।
जिस सिचाई विभाग को ट्रीट हुए पानी की निकासी के लिए पाइपें डालने का काम दिया गया वे अभी काम शुरू करने को तैयार नही हैं। बताया जा रहा है कि दो माह के भीतर वे अपना काम शुरू कर देंगे।
विभागीय सूत्रों के अनुसार एक दिन में जहां ट्रीट होने वाले इस प्लांट पर 22 हजार से ज्यादा खर्च हो रहे है वहीं एक माह के भीतर ये आंकड़ा साढ़े छह लाख रुपये तक पहुंच रहा है। 14.98 करोड़ की लागत से बनाया गया है ये प्रोजेक्ट
पूर्व सरकार के कार्यकाल के दौरान इस प्रोजेक्ट का नींव पत्थर पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने रखा था और ये प्रोजेक्ट 14.98 करोड़ की लागत से बनाया जाना था। सरकार बदलने के बाद ये प्रोजेक्ट अधर में रह गया और कांग्रेस सरकार ने इसे पूरा करवाया और इसी साल के दौरान मार्च अप्रैल माह के दौरान चालू किया गया था। पाइपें डालने के बाद होगा सही प्रबंध
जेई गुरविदर सिंह ने कहा कि 12 मिलियन लीटर ही पानी शहर को रोजाना सप्लाई हो रहा है और जो पानी ट्रीट हो रहा है वे भले ही सीवरेज के पानी में बह रहा है, लेकिन उससे पहले जितना नुकसान नही हो रहा। पानी से जहरीली गैस खत्म हो जाती है। अभी किसान भी पानी का इस्तेमाल नहीं कर रहे । पाइपें डलने के बाद ही पानी की सही निकासी का प्रबंध होगा। अभी इंतजार करना होगा ।